संविधान देश का सबसे पवित्र ग्रंथ, इससे दुनिया में भारत को मिल रही नई पहचान
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय में संविधान दिवस के अवसर पर एक शानदार कार्यक्रम आयोजित किया गया
वाराणसी/संसद वाणी : महात्मा गॉंधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय के कैम्पस में बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा के पास भीम आर्मी जय भीम सगंठन के पूर्वांचल अध्यक्ष जयानंद ज्योति भास्कर ने बताया कि
भारत के संविधान को अपनाने का स्मरणोत्सव मनाने और संविधान के संस्थापकों के प्रति सम्मान व्यक्त करने और उनके योगदान को याद करने के लिए हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है ! आज संविधान दिवस के पावन अवसर पर, हम अपने देश के लोकतंत्र के स्तंभ, भारतीय संविधान, के निर्माण में योगदान देने वाले सभी महान व्यक्तित्वों को सादर नमन करते हैं। यह दिन न केवल हमें हमारे अधिकारों की याद दिलाता है, बल्कि कर्तव्यों का भी बोध कराता है। भारतीय संविधान न केवल एक विधिक दस्तावेज है, बल्कि यह हमारे देश की विविधता, एकता, और प्रगतिशील सोच का प्रतीक है। यह हमें समानता, स्वतंत्रता, और न्याय के मूल्यों पर चलने की प्रेरणा देता है।
आइए, इस दिन हम संकल्प लें कि अपने संविधान में निहित आदर्शों को न केवल पढ़ें, बल्कि अपने आचरण में उतारें। तभी हम अपने देश को सशक्त, समृद्ध और न्यायपूर्ण समाज बना पाएंगे।संविधान हमारा मार्गदर्शक है,उसके मूल्यों का सम्मान हमारा धर्म और वही पर जय भीम जय संविधान के नारा लगाते हुए सभी छात्रों के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ इस कार्यक्रम के मुख्य रूप भीम आर्मी जय भीम के पूर्वांचल अध्यक्ष जयनंद ज्योति भास्कर जी अमर नाथ यादव प्रदेश सचिव छात्र सभा, डॉ रणजीत सिंह,आदर्श कुमार गौतम, छात्र नेता नवनीत सोनकर जितेंद्र सिंह यादव, अक्षय कुमार,मोनू कुमार,शिवम भक्ति छात्र नेता, ररंभू, विक्कू अतुल, अनन्त अभिषेक गुप्ता सदस्य, ऋषभ कुमार, अथर्व कुमार गौतम, विशाल कुमार सहित तमाम छात्र उपस्थित रहे |