Wednesday, October 8, 2025
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म्हाडा अधिकारियों की मिलीभगत से फेडरेशन का दबदबा, नोटिस जारी लेकिन कार्रवाई ‘शून्य’

Malvani News: मुंबई के मलाड पश्चिम में स्थित सामना नगर मालवणी गेट नंबर 8 पर, MHADA कॉलोनी में अवैध पार्किंग का जाल फिर से बिछ गया है। सरकारी जमीन पर कब्जा कर वाहन मालिकों से वसूली करने वाले एक फेडरेशन को MHADA अधिकारियों का ‘पूर्ण संरक्षण’ मिला हुआ है। नोटिस जारी होते हैं, लेकिन कार्रवाई का नामोनिशान नहीं। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि यह सब MHADA अधिकारियों की ‘मेहरबानी’ से संभव हो रहा है, जिससे लोगों की जान को खतरा बढ़ गया है।

अवैध पार्किंग का ‘फेडरेशन कनेक्शन’

मामला मालवणी स्वप्नपूर्ति सोसायटी गेट नंबर 8 का है, यहां पर एक ऑटो रिक्शा चालक, जिसका नाम बालासाहेब भगत है वह पिछले 14 वर्षों से लगातार सोसायटी के पदाधिकारी बने हुए हैं, साथ ही डॉ अब्दुल कलाम के नाम से फेडरेशन बनाकर MHADA की खाली सरकारी जमीन पर कब्जा जमा लिया। इस जमीन पर अवैध पार्किंग शुरू कर दी गई, जहां वाहन मालिकों से प्रति माह पार्किंग शुल्क वसूला जा रहा था। सूत्रों के अनुसार, मालवणी स्वप्नपूर्ति सोसायटी का अध्यक्ष बालासाहेब भगत बिल्डिंग नंबर 1D को भी अनधिकृत रूप से ऑटो रिक्शा स्टैंड में तब्दील कर चुका है।

मालवणी स्वप्नपूर्ति सोसायटी और फेडरेशन के अध्यक्ष का मनमानी, आप इस फोटो में साफ देख सकते हैं बिल्डिंग में ऑटो रिक्शा स्टैंड बना दिया गया है, म्हाडा अधिकारी को इसकी जानकारी है, पर वह कार्रवाई करने के बजाय साथ देने में जुट चुके हैं।

जब MHADA अधिकारियों को इसकी भनक लगी, तो फेडरेशन को सख्त नोटिस जारी किया गया। नोटिस में स्पष्ट चेतावनी थी: “24 घंटों के अंदर सभी वाहन हटा लें, वरना फेडरेशन के अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।” लेकिन हैरानी की बात यह है कि आज तक एक भी वाहन नहीं हटा। न कोई ध्वस्तीकरण, न कोई गिरफ्तारी। इसके बजाय, अवैध पार्किंग और तेज हो गई है।

म्हाडा अधिकारी का यह पहला नोटिस है जिसमें लिखा है कि 24 घंटे के भीतर सभी वाहन बाहर किए जाए, वरना फेडरेशन के अध्यक्ष और सचिव पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी पर आज तक कोई वाहन बाहर नहीं हुआ और ना ही कोई कार्रवाई..

MHADA की ‘दोहरी नीति’: नोटिस तो जारी, कार्रवाई पर ‘चुप्पी’

MHADA अवैध निर्माणों को तो ध्वस्त कर देता है, लेकिन उसके बाद की कार्रवाई? ‘जीरो’! एक लाख 8 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का दावा किया जाता है, लेकिन जुर्माना भरने का कोई समय सीमा निर्धारित नहीं। नतीजा? दोषी बेधड़क घूमते रहते हैं। मालवणी इलाके में यह समस्या पुरानी है। हाल ही में मालवणी में पार्किंग के चक्कर में हत्या तक हो चुकी है, अब सवाल यह है कि म्हाडा भी कोई बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं..? क्या कोई दुर्घटना होने के बाद ही म्हाडा अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की जाएगी..? क्या दुर्घटना से पहले कार्रवाई नहीं किया जाना चाहिए..?

स्थानीय निवासी कहते हैं, “MHADA अधिकारी आंखें बंद करके इस व्यक्ति को बचा रहे हैं। सरकारी जमीन पर कब्जा, अवैध पार्किंग से वसूली, और लोगों की जान जोखिम में डालना—यह सब खुलेआम हो रहा है। पार्किंग के चक्कर में सड़कें जाम, एम्बुलेंस फंसती है, लेकिन कार्रवाई का नामोनिशान नहीं।”

व्यापक समस्या: सामना नगर में ट्रैफिक जाम और खतरे की घंटी

सामना नगर मालवणी गेट नंबर 8 का इलाका अवैध पार्किंग का अड्डा बन चुका है। सोशल मीडिया पर शिकायतों शिकायत करने के बाद भी कोई फर्क नहीं पड़ता है, मानो जैसे म्हाडा के अधिकारियों ने कसम खा लिया हो कि चाहे कुछ भी हो जाए, वह अवैध पार्किंग अवैध निर्माण करने वाले के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगे।

MHADA से सवाल: कार्रवाई क्यों नहीं?

  • नोटिस के बाद चुप्पी क्यों? 24 घंटे का अल्टीमेटम देने के बाद कोई फॉलो-अप क्यों नहीं?
  • जुर्माने की समय सीमा क्यों नहीं? एक लाख 8 हजार का फाइन लगाने का दावा, लेकिन भुगतान का कोई फ्रेमवर्क क्यों नहीं?
  • मिलीभगत का आरोप: क्या अधिकारी इस फेडरेशन को संरक्षण दे रहे हैं? बिल्डिंग 1D को स्टैंड बनाने की अनुमति कैसे मिली?

MHADA से संपर्क करने पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। अधिकारी केवल कहते हैं, “जांच जारी है।” लेकिन मीडिया सवाल उठा रहे हैं: की अवैध निर्माण और कार्य पर कार्रवाई कब तक?

निवासियों की मांग: तत्काल कार्रवाई

मालवणी के निवासी अब सड़क पर उतरने को तैयार हैं। वे MHADA, BMC और पुलिस से मांग कर रहे हैं:

  • अवैध पार्किंग पर तत्काल ध्वस्तीकरण।
  • फेडरेशन पदाधिकारियों पर FIR।
  • नियमित ट्रैफिक पेट्रोलिंग और टोइंग वैन की व्यवस्था।
  • पार्किंग नियमों का सख्त पालन।

यह मामला केवल पार्किंग का नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और संभावित भ्रष्टाचार का है। अगर MHADA ने तुरंत कार्रवाई नहीं की, तो बड़ा आंदोलन हो सकता है। मुंबई की इस घनी आबादी वाली कॉलोनी में जानमाल की सुरक्षा सर्वोपरि है—क्या MHADA सुन रही है?

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