मुंबई: मुंबई पुलिस आयुक्त ने एक अनोखी पहल शुरू की है, जिसमें हर मंगलवार को दोपहर 3:30 बजे से आम नागरिकों के लिए ‘मीट द कमिश्नर’ सत्र आयोजित किया जा रहा है। इस पहल के तहत मुंबईवासियों को अपनी शिकायतें, सुझाव और सवाल सीधे पुलिस आयुक्त से रखने का मौका मिल रहा है, वो भी बिना किसी पूर्व नियुक्ति के। आज यानी 30 सितंबर 2025 को इस सत्र की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिसमें पुलिस आयुक्त को नागरिकों के साथ बातचीत करते देखा जा सकता है।

तस्वीरों में नजर आया जनता का उत्साह
सोशल मीडिया पर साझा की गई तस्वीरों में एक डिस्पैच रूम और एक हॉल दिखाई दे रहा है, जहां दर्जनों लोग पुलिस अधिकारियों से मिल रहे हैं। एक तस्वीर में पुलिस आयुक्त फोन पर बात करते हुए नजर आ रहे हैं, जबकि अन्य में वे नागरिकों की शिकायतें सुनते और दस्तावेज चेक करते दिखाई दे रहे हैं। यह पहल मुंबई जैसे 2 करोड़ से अधिक आबादी वाले शहर में पुलिस और जनता के बीच की दूरी को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

2024 के अपराध आंकड़ों पर असर की उम्मीद
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, 2024 में मुंबई में 30,000 से अधिक अपराध दर्ज किए गए थे। इस पहल से शिकायतों के निपटारे में तेजी आने और पुलिस की धीमी प्रतिक्रिया समय की समस्या से निपटने में मदद मिलने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम समुदाय आधारित पुलिसिंग (Community Policing) को बढ़ावा दे सकता है, जिससे जनता का पुलिस पर भरोसा 15% तक बढ़ सकता है, जैसा कि 2019 के एक अध्ययन में दर्शाया गया था।
नागरिकों की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर इस पहल की तारीफ हो रही है। एक यूजर ने लिखा, “यह मुंबई के नागरिकों की समस्याओं को हल करने का शानदार तरीका है।” हालांकि, कुछ लोगों ने शिकायत की कि आज की बैठक में शामिल होने में दिक्कत हुई, क्योंकि स्वागत काउंटर पर बताया गया कि आयुक्त की बैठक चल रही है।
आगे की राह
यह पहल पारंपरिक भारतीय पुलिस मॉडल से हटकर एक आधुनिक और पारदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाती है। नागरिकों को हर मंगलवार को बिना किसी बाधा के अपनी बात रखने का मौका मिलेगा, जो मुंबई पुलिस और जनता के बीच विश्वास को मजबूत कर सकता है। क्या यह पहल लंबे समय तक प्रभावी रहेगी, यह तो समय बताएगा, लेकिन शुरुआत निश्चित रूप से सकारात्मक है।