विरोध जताने पहुचे पीडीए नेता।
पिंडरा/संसद वाणी : गत दो माह से काशी द्वार योजना रद्द करने की मांग को लेकर अनवरत धरने पर बैठे किसानो को फूलपुर पुलिस ने आचार संहिता में बिना परमिशन के धरना देने पर बैठने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जिससे किसानों में काफी आक्रोश दिखा और तहसील पर पहुची आधा दर्जन महिलाओं को हिरासत में लेने के बाद छोड़ दिया गया।
बताते चलें कि काशी द्वार योजना के विरोध में किसान तहसील पिंडरा में दो महीने से धरने पर बैठे थे। किसानों को धरना खत्म करने को लेकर डीएम से लगायत पुलिस अधिकारियों के साथ लेकर कई दौर की वार्ता हुई थी। लेकिन हर बार वार्ता असफल रही। इसी बीच बीती रात फूलपुर पुलिस उच्चाधिकारियों के निर्देश पर चुनाव आचार संहिता लागू होने व धारा 144 लागू होने के बाद भी बिना किसी परमिशन के धरना देने का आरोप लगाते हुए रात्रि में धरने पर बैठे संतोष पटेल व बुजुर्ग गिरधारी पटेल को उठा ले गई।सुबह बुजुर्ग गिरधारी लाल परिजनों को सुपुर्द कर दिया और किसान नेता सन्तोष पटेल को 151 में चालान कर दिया।
इसकी सूचना मिलने पर पीडीए के नेता व केराकत विधायक तूफानी सरोज, मछलीशहर संसदीय क्षेत्र की प्रत्याशी प्रिया सरोज, कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल व जिला उपाध्यक्ष राजीव राम समेत अनेक नेता थाने पर पहुच कर किसान नेता सन्तोष पटेल को छोड़ने की मांग करने लगे। इस बाबत प्रिया सरोज ने इंस्पेक्टर फूलपुर को प्रार्थना पत्र भी दिया।
फूलपुर थाने पर शिकायती पत्र देते व किसान से बातचीत करते पीडीए नेता।👆
लेकिन पुलिस उसे 151 के तहत चालान करते हुए जेल भेज दिया। वही नेताओ ने पुलिस के ऊपर किसान नेता को पीटने का आरोप लगाया। लेकिन पुलिस इससे इनकार किया। वही किसान नेता को जेल भेजने की सूचना गांव में मिली तो महिला व पुरुष तहसील पिंडरा स्थित धरना स्थल पर पहुच गए और रिहाई की मांग करने लगे । जिसपर पुलिस के तेवर देख कुछ किसान इधर उधर हो गए लेकिन तीन महिलाएं डटी रही। जिसपर महिला पुलिसकर्मी उन्हें थाने पर ले जाने के बाद परिजनों को सुपुर्दगी में सौप दिया। उसके बाद से धरना प्रदर्शन खत्म हो गया।
वही पुलिसिया कार्रवाई होते देख धरना को हवा देने वाले भी हवा हो गए।
वही किसान मजदूर मोर्चा के अध्यक्ष फतेहनारायन सिंह ने कहाकि पुलिस धरना स्थल से टेंट, साइकिल, चौकी व बाइक को उठा ले गई लेकिन बताने से इनकार कर रही है।
वही एसीपी प्रतीक कुमार ने बताया कि केवल किसान नेता को पुलिस ले गई सामानों के बाबत कोई जानकरी नही है।