Indian Muslims Wealth: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (21 अप्रैल) को दावा किया कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में कहा है कि सरकार आने के बाद वो माताओं-बहनों के पास रखे सोने (गोल्ड) का आंकड़ा जुटाएगी और फिर इसे मुसलमानों के बीच बांट देगी, यहां तक कि आपके मंगलसूत्रों को भी नहीं बख्शा जाएगा. पीएम मोदी के इस दावे को कांग्रेस ने झूठा बताया है. आइए, जानते हैं कि भारतीयों के पास कितनी संपत्ति है.
लोकसभा चुनावों के बीच अचानक भारतीय मुसलमानों की चर्चा होने लगी है. सवाल ये कि आखिर अचानक लोकसभा चुनाव के दौरान मुसलमानों की चर्चा क्यों होने लगी. हम आपको भारतीय मुसलमानों की संपत्ति के बारे में क्यों बता रहे हैं? दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन दिन पहले राजस्थान के बांसवाड़ा में कांग्रेस की घोषणापत्र को लेकर एक बयान दिया था. उनके बयान के बाद अचानक भारतीय मुसलमान चर्चा में आ गए.
पीएम मोदी ने कहा था कि अगर कांग्रेस की सरकार आई तो भारत के लोगों की संपत्ति को ले लिया जाएगा और उसे ज्यादा बच्चों वालों और घुसपैठियों में बांट दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि 2014 के पहले वाली डॉक्टर मनमोहन सिंह की सरकार ने भी कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार भारतीय मुसलमानों का ही है.
क्या कांग्रेस के घोषणापत्र में वाकई में संपत्ति बांटने का जिक्र है?
पीएम मोदी के बयान के बाद जब कांग्रेस के घोषणापत्र पर गौर किया गया, तो संपत्ति बांटने वाला जैसा कोई वादा नहीं मिला. हां, कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने कुछ दिनों पहले ये जरूर कहा था कि अगर हमारी सरकार आई तो फाइनेंशियल और इंस्टिट्यूशन सर्वे कराया जाएगा और जानकारी जुटाई जाएगी कि देश की संपत्ति का बड़ा हिस्सा किसके हाथों में है. इसके बाद जिसका जो हक बनेगा, वो आपको मिलेगा.
आइए, जानते हैं कि आखिर भारतीय मुसलमानों के पास कितनी संपत्ति है?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में धन के मालिकाना हक वाला कोई डेटा मौजूद नहीं है. 2020 में पब्लिश एक स्टडी में पाया गया था कि अनुसूचित जनजातियों, अनुसूचित जातियों और मुसलमानों के पास कम संपत्ति थी. स्टडी के मुताबिक, हिंदू ओबीसी के पास सबसे ज्यादा सोना (39.1 प्रतिशत) था. इसके बाद हिंदुओं की उच्च जातियों के समूहों के पास करीब 31.3 फीसदी सोना था. वहीं, मुसलमानों की बात की जाए तो इनके पास 9.2 प्रतिशत, जबकि अनुसूचित जाति के लोगों के पास 3.4 फीसदी सोना था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ICSSR मान्यता प्राप्त रिसर्च सेंटर, भारतीय दलित अध्ययन संस्थान की ओर से 2020 में ‘भारत में धन स्वामित्व में अंतर समूह असमानता पर अध्ययन रिपोर्ट’ प्रकाशित हुई थी. इस रिपोर्ट में राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (NSSO) और भारतीय आर्थिक जनगणना की ओर से किए गए अखिल भारतीय ऋण और निवेश सर्वेक्षण (AIDIS) के डेटा का यूज किया गया था. भारतीय दलित अध्ययन संस्थान ने पाया कि अनुसूचित जनजातियों, अनुसूचित जातियों और मुसलमानों के बीच संपत्ति का स्वामित्व सबसे कम था.
भारत में किस समूह के पास है कितनी संपत्ति?
रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार, हिंदू उच्च जातियों के पास देश की कुल संपत्ति का लगभग 41% हिस्सा है. इसके बाद हिंदू ओबीसी (31%) का स्थान है. मुसलमानों, एससी और एसटी के पास 8%, 7.3% और 3.7% संपत्ति है.
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि हिंदू उच्च जातियों के स्वामित्व वाली संपत्ति का कुल मूल्य 1,46,394 अरब रुपये है, जो एसटी के स्वामित्व वाली संपत्ति (13,268 अरब रुपये) का लगभग 11 गुना है. मुसलमानों के पास अनुमानत: 28,707 अरब रुपये की संपत्ति है.
मौजूदा कीमतों पर सामाजिक समूहों के स्वामित्व वाली कुल संपत्ति (अरबों रुपये में)
सोशल ग्रुप | ग्रामीण | शहरी | कुल |
अनुसूचित जनजाति | 9544 | 3724 | 13268 |
अनुसूचित जाति | 16163 | 9971 | 26134 |
हिंदू ओबीसी | 62952 | 47568 | 110520 |
हिंदू उच्च जाति | 42338 | 104057 | 146394 |
मुसलमान | 14379 | 14329 | 28707 |
अन्य | 15224 | 18105 | 33329 |
कुल | 160600 | 197753 | 358354 |
प्रति परिवार संपत्ति के मालिकाना हक की क्या स्थिति है?
प्रति परिवार संपत्ति का औसत मालिकाना हक 15.04 लाख रुपये था. औसत घरेलू संपत्ति हिंदू उच्च जातियों में सबसे अधिक (27.73 लाख रुपये) थी. इसके बाद हिंदू ओबीसी (12.96 लाख रुपये) थे. रिपोर्ट में पाया गया कि मुस्लिम परिवारों की औसत संपत्ति (9.95 लाख रुपये) एसटी (6.13 लाख रुपये) और एससी (6.12 लाख रुपये) परिवारों की तुलना में अधिक थी.
मौजूदा कीमतों पर भारत में सामाजिक-धार्मिक समूहों के स्वामित्व वाली प्रति परिवार संपत्ति (रुपये में)
सोशल ग्रुप | ग्रामीण | शहरी | कुल |
अनुसूचित जनजाति | 513000 | 1227000 | 613000 |
अनुसूचित जाति | 517000 | 871000 | 612000 |
हिंदू ओबीसी | 1074000 | 1783000 | 1296000 |
हिंदू उच्च जाति | 1657000 | 3819000 | 2773000 |
मुसलमान | 822000 | 1263000 | 995000 |
अन्य | 4668000 | 4826000 | 4753000 |
कुल | 1037000 | 2369000 | 1504000 |
किस सोशल ग्रुप के पास सबसे अधिक सोना?
स्टडी के अनुसार, हिंदू ओबीसी के पास सोने का सबसे बड़ा हिस्सा (39.1%) था, उसके बाद हिंदू उच्च जातियों (31.3%) का स्थान था. इमसें मुसलमानों की हिस्सेदारी 9.2% है, जो एसटी (3.4%) से अधिक है.
संपत्ति के प्रकार के अनुसार सामाजिक-धार्मिक समूहों में संपत्ति का हिस्सा (प्रतिशत में)
सोशल ग्रुप | जमीन | घर/बिल्डिंग | जानवर | खेत | प्लॉट | व्हीकल | संपत्ति | गोल्ड | कुल संपत्ति |
अनुसूचित जनजाति | 4.2 | 2.7 | 12.9 | 8.1 | 1.2 | 4.1 | 3.9 | 3.4 | 3.7 |
अनुसूचित जाति | 7.1 | 7 | 12.4 | 9.1 | 3.8 | 7.2 | 8.6 | 9.9 | 7.3 |
हिंदू ओबीसी | 34.7 | 23.4 | 44 | 41.9 | 38.4 | 30 | 26.3 | 39.1 | 30.8 |
हिंदू उच्च जाति | 35.3 | 51.4 | 19.9 | 28 | 38.4 | 41.5 | 46.3 | 31.3 | 40.9 |
मुसलमान | 7.7 | 8.5 | 6.9 | 5.4 | 9.7 | 8.8 | 6 | 9.2 | 8 |
अन्य | 11 | 6.9 | 4 | 7.6 | 8.4 | 8.4 | 8.9 | 7.1 | 9.3 |
कुल | 100 | 100 | 100 | 100 | 100 | 100 | 100 | 100 | 100 |