“महिला दिवस विशेषांक” : डायबिटीज डरना नहीं है, लड़ना है।

डॉ. देवयानी संकपाल

डायबिटिज यानि मधुमेह एक ऐसी बिमारी है, जिसमे रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है, और इन्सुलिन की मात्रा धीरे-धीरे कम होने लगती है, इस प्रकार की डायबिटिज को हम टाइप-2 डायबिटिज कहते है, जो कि अधिकांश भारतीयों में लगभग (90% – 98%) में पाई जाती है, इस बिमारी के प्रमुख लक्षण है अधिक प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, वजन तेजी से कम होना आदि।

Dr. Devyani Sankpal


यह बिमारी भारत में तेजी से बढ़ रही है. इसमें शहरों के साथ-साथ गाँवो और दूरदराज के इलाके में रहने वाले लोग प्रभावित हो रहे है, इसका मुख्य कारण हमारे खान-पान में तेजी से हो रहे बदलाव है, आजकल शहरी इलाको में फास्ट फूड का चलन बहुत लोकप्रिय होता जा रहा है, जिसमें मैदा, वनस्पति घी, सोडा, शक्कर, नमक का इस्तेमाल होता हैं, और यह हमारे रक्त में तेजी से शर्करा की मात्रा को बढ़ा देता है इसलिए बी-सेल्स जो पैनक्रियाज़ में इन्सुलिन बनाती हैं, उन्हें ज्यादा काम करना पड़ता है, और धीरे-धीरे उनकी इन्सुलिन बनाने की ताकत कम होने लगती इन्सुलिन एक हार्मोन है, जो हमारे रक्त में शुगर को नियन्त्रित रखता है, और रक्त में से शर्कर के सेल्स के भीतर ले जाग के जिससे ऊर्जा पैदा होती है, आनुवांशिक और बदलती दिनचर्या, जिसमें ना केवल हमारा बदलता खान-पान अत्यधिक तनाव, अनिद्रा एवं व्यायाम ना करना भी शामिल है।

दोस्तो डायबिटिज से डरने की जरूरत नहीं परन्तु सावधान रहना बहुत आवश्यक है, जिससे हम बहुत बीमारियों जैसे हृदय रोग, किडनी फेलियर, मोटापा, स्ट्रोक, अद्यापन को टाल सकते है। जिसके लिए हमे अपने. भोजन में कार्बोहाड्रेट की मात्रा को नियन्त्रित करना होगा और प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाना होगा, भोजन में फाइबर को शामिल करना चाहिए, तेल का सेवन कम करना चाहिए।

रोज फल का सेवन करना चाहिए, व्यायाम करना चाहिए, रोज टहलना चाहिए, रात का भोजन जल्दी करना चाहिए।

दोस्तों मधुमेह की बिमारी से ग्रसित लोगो को दवाईयाँ भी समय से लेना चाहिए, ग्लूकोमीटर की सहायता से नियमित रूप से घर पर ही शुगर की जाँच करनी चाहिए।
अगर आप स्वस्थ्य रहेंगी तो आपका सम्पूर्ण परिवार खुशहाल और स्वस्थ रहेगा।

मैं उम्मीद करती है कि उपरोक्त जानकारी आप लोगों के काम आएगी।

आप सभी को मेरी तरफ से WOMEN’S DAY की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ

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