Saturday, May 24, 2025
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किसान ने मारा थप्पड़ तो जमीन पर गिरा तहसीलदार, वायरल हुआ वीडियो 

Farmer Slapped Tehsildar Video: सोशल मीडिया पर आए दिन कुछ ऐसे वीडियो वायरल होते हैं जो लोगों को दंग कर देते हैं और उसके बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए लालायित कर देते हैं. ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें एक किसान ने गांव में आए तहसीलदार को झापड़ मारकर जमीन पर लिया दिया. वीडियो वायरल होने के बाद सब यही सवाल कर रहे हैं कि लड़ाई की वजह क्या थी.

Farmer Slapped Tehsildar Video: फिरोजाबाद के थाना जसराना के गांव नगला तुर्सी में जमीनी विवाद ने उग्र रूप ले लिया, जब दो लोगों ने जमीन को लेकर हुए विवाद को सुलझाने गए तहसीलदार और राजस्व टीम पर हमला कर दिया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

आखिर क्या है पूरा मामला?

तहसीलदार जसराना लालता प्रसाद और उनकी राजस्व टीम गांव नगला तुर्सी में जमीनी विवाद को सुलझाने के लिए गए थे. एक पक्ष ने अवैध कब्जे की शिकायत की थी, जिसके बाद तहसीलदार मौके पर पहुंचे थे. विवाद सुलझाने के दौरान, दूसरे पक्ष के दो लोग, धर्मेंद्र और वीरेश्वर, मौके पर पहुंचे और हंगामा करने लगे.

जब तहसीलदार और राजस्व टीम ने उन्हें शांत करने की कोशिश की, तो उन लोगों ने उनके साथ हाथापाई शुरू कर दी. इसी दौरान, एक बुजुर्ग व्यक्ति, जो धर्मेंद्र और वीरेश्वर का समर्थन कर रहा था, ने तहसीलदार को थप्पड़ मार दिया. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

पहले भी हो चुकी है इस तरह की घटनाएं

यह पहला मामला नहीं है जब इस तरह की घटना सामने आई है. साल 2023 में भी मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भी एक तहसीलदार पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया था. वहीं 2022 में, राजस्थान के जयपुर में जमीनी विवाद में दो लोगों की हत्या कर दी गई थी.

इस घटना की कई लोगों ने निंदा की है. लोगों का कहना है कि सरकारी अधिकारियों पर हमला करना गैरकानूनी है और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. कुछ लोगों ने यह भी सवाल उठाया है कि जमीनी विवादों को सुलझाने के लिए अधिकारियों को पर्याप्त सुरक्षा क्यों नहीं दी जाती है.

क्या कहता है इस मामले पर कानून?

भारतीय दंड संहिता की धारा 353 के तहत, किसी सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालना या उस पर हमला करना अपराध है. इस अपराध में दोषी पाए जाने पर 2 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.

फिरोजाबाद में हुई यह घटना चिंताजनक है. ऐसे अधिकारियों पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. सरकार को इस मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहिए और दोषियों को सख्त सजा देनी चाहिए. साथ ही, जमीनी विवादों को सुलझाने के लिए अधिकारियों को बेहतर सुरक्षा भी प्रदान की जानी चाहिए.

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