Hathras stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के एक गांव में सत्संग के बाद मची भगदड़ में अब तक 60 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है. इस हादसे में बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं जिनका इलाज किया जा रहा है. मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. जिला प्रशासन ने इस मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है.

उत्तर प्रदेश के हाथरस स्थित रतिभानपुर में सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई. भगदड़ मचने से 27 लोगों की मौत हो गई है और बच्चों, बुजुर्गों व महिलाओं समेत कई लोग घायल हुए हैं. इस हादसे के चश्मदीद और सत्संग सुनने आई महिला शकुंतला ने हादसे का कारण बताते हुए कहा कि जैसे ही सत्संग खत्म हुआ लोग वहां से भागने लगे, मैदान के आगे नाला था, भागते हुए लोग एक के ऊपर एक नाले में गिर गए. नाले में एक के ऊपर एक गिरने से  जो लोग इसमें दबे उन लोगों की मौत हो गई. बाकी बचे लोगों को नाले से खींचकर निकाला गया. महिला ने बताया कि बाबा आज ही यहां आए थे और उन्हें सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग यहां इकट्ठा हुए थे.

पुलिस की वजह से हुआ हादसा

हादसे में घायल हुए लोगों को हाथरस के ट्रॉमा सेंटर सिकंदरराऊ में भर्ती किया जा रहा है, वहीं गंभीर रूप से घायलों को यहां से रेफर किया जा रहा है. ट्रॉमा सेंटर में इकट्ठा हुए घायलों के तीमारदारों में से एक ने बताया कि यह हादसा पुलिस की लापरवाही की वजह से हुआ है. उन्होंने कहा कि रात 11 बजे से सड़क पर जाम लगा हुआ था, पुलिस ने इस जाम को खुलवा दिया जिसके कारण यह हादसा हुआ. जाम खुलने के बाद लोगों ने भागना शुरू किया और वे नाले में गिर गए.

क्या बोले हाथरस के डीएम

हादसे को लेकर हाथरस के जिलाधिकारी का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा कि हाथरस जिले की तहसील सिकंदरराऊ के एक गांव रतिभानपुर में भोले बाबा का सत्संग चल रहा था. सत्संग खत्म होने के बाद अत्यधिक उमस के कारण जब लोग वहां से निकलने को हुए, उस समय यह हादसा हुआ.

उन्होंने कहा कि एसडीएम ने इस सत्संग की अनुमति दी थी. डीएम ने कहा कि इस हादसे में 50 से 60 लोगों के मारे जाने की खबर है लेकिन अभी सभी आंकड़े का पता नहीं चला है. उन्होंने कहा कि इस समय प्रशासन का पूरा ध्यान घायलों के इलाज पर है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की गई है.

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