UP Government Atiq Ahmed Property: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयागराज में मारे गए गैंगस्टर-से-नेता अतीक अहमद की करीब 50 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है. अधिकारियों का कहना है कि यह संपत्ति अपराधिक गतिविधियों से जुड़े धन से खरीदी गई थी.
UP Government Atiq Ahmed Property: उत्तर प्रदेश सरकार ने अपराध की दुनिया के कुख्यात सरगना रहे अतीक अहमद की करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति को जब्त कर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. यह कार्रवाई राज्य सरकार की अपराध और माफियावाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का एक स्पष्ट संदेश है.
सरकार के नाम हुई अतीक की संपत्ति
प्रयागराज के जिला शासकीय अधिवक्ता (अपराध) गुलाब चंद्र अग्रहारी के मुताबिक, अतीक अहमद ने आपराधिक गतिविधियों से अर्जित धन का इस्तेमाल कर 2.377 हेक्टेयर जमीन खरीदी थी. चालाकी से इस जमीन को एक राजमिस्त्री हुबलाल के नाम पर रजिस्टर करा दिया गया था. हालांकि, पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि हुबलाल का इस जमीन से कोई लेना-देना नहीं था और अतीक ने उसे धमकाकर अपने नाम पर जमीन रजिस्टर करवाई थी.
अग्रहारी ने बताया कि पुलिस कमिश्नर कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) के तहत संपत्ति जब्त कर ली और जवाब देने के लिए तीन महीने का समय दिया. हालांकि, मालिकाना हक का कोई सबूत नहीं दिया गया.
15 जुलाई को कोर्ट ने सरकार के पक्ष में सुनाया फैसला
प्रयागराज पुलिस कमिश्नर कोर्ट ने नवंबर 2023 में गैंगस्टर एक्ट के तहत फिर मामले को प्रयागराज की गैंगस्टर कोर्ट में भेज दिया. मंगलवार को लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद प्रयागराज की गैंगस्टर कोर्ट के जज विनोद कुमार चौरसिया ने पुलिस कमिश्नर की कार्रवाई को “उचित और न्यायसंगत” करार दिया और संपत्ति को आधिकारिक तौर पर राज्य सरकार को ट्रांसफर कर दिया.
डीसीपी (सिटी) दीपक भूकर ने बताया कि अदालत के फैसले के बाद, “पहली बार, गैंगस्टर कोर्ट (प्रयागराज) ने 15 जुलाई को सदर तहसील के कठुला गौसपुर गांव में मारे गए गैंगस्टर अतीक अहमद की बेनामी संपत्ति को राज्य सरकार को सौंपने का आदेश दिया है. प्रयागराज पुलिस ने 6 नवंबर, 2023 को गैंगस्टर एक्ट के तहत कठुला गौसपुर गांव में अतीक की करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति को जब्त किया था.”
हुबाबल को मिली कोर्ट से क्लीनचिट
पुलिस ने कहा कि गैंगस्टर एक्ट के तहत अतीक के खिलाफ एक मामले की जांच के दौरान पता चला कि एयरपोर्ट थाना क्षेत्र में हुबलाल के नाम पर संपत्ति उसका है. पूछताछ में हुबलाल ने खुलासा किया कि उसका संपत्ति से कोई लेना-देना नहीं है और अतीक ने उसे 2015 में जबरन अपने नाम पर जमीन रजिस्टर करा दी थी.
अतीक और उसके भाई अशरफ, जिन पर 100 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे, जिसमें उमेश पाल हत्याकांड भी शामिल है, की पिछले साल 15 अप्रैल को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. यह मामला कई स्तरों पर महत्वपूर्ण है.
सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है ये मामला
सबसे पहले, यह उत्तर प्रदेश सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति को दर्शाता है कि वह अपराधियों की संपत्ति को कुर्क करने में कोई कोताही नहीं बरतेगी. इससे अपराधियों के लिए संदेश जाएगा कि वह अवैध धन से संपत्ति जुटाकर बच नहीं पाएंगे. दूसरा, यह सरकार की आम जनता के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है कि वह अपराधियों की कमाई से जनता के धन का उपयोग रोकने के लिए प्रतिबद्ध है.
अतीक अहमद के मामले में, यह कार्रवाई विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि वह एक कुख्यात अपराधी था जिसने कई अपराधों को अंजाम दिया था. उसकी संपत्ति को जब्त करना न केवल उसके अपराधों का परिणाम है बल्कि यह भविष्य में होने वाले अपराधों को रोकने के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है.
हालांकि, यह एक लंबी लड़ाई है. अपराधी अक्सर अपने धन को छिपाने के लिए जटिल तरीके अपनाते हैं. इसलिए, सरकार को ऐसे मामलों में सतर्क रहने की जरूरत है और अपराधियों की संपत्ति का पता लगाने के लिए प्रभावी तंत्र विकसित करने की आवश्यकता है.
अतीक अहमद के मामले में की गई कार्रवाई एक मिसाल है, लेकिन यह शुरुआत मात्र है. आगे भी सरकार को ऐसे ही कदम उठाने होंगे ताकि अपराधियों की जड़ें खत्म की जा सकें.