धुम्रपान (तम्बाकू) से तोड़ो नाता, जिन्दगी से जोड़ो नाता”- डॉ. एस.के पाठक

वाराणसी/संसद वाणी : “विश्व तम्बाकू निषेध दिवस” के उपलक्ष पर ब्रेथ इजी चेस्ट फाउंडेशन फॉर ह्यूमैनिटी (अस्सी, वाराणसी) द्वारा 31 मई 2024 (दिन शुक्रवार) को सायं 6 बजे एक “जन जागरूकता रैली” का आयोजन किया गया I इस “जन जागरूकता रैली” को हरी झंडी दिखाकर डा. एस.के. पाठक (वरिष्ठ श्वांस एवं फेफड़ा रोग विशेषज्ञ) एवं ब्रेथ ईजी की निर्देशिका सुनीता पाठक ने संयुक्त रूप से रवाना किया जिसमे शहर के युवा एवं सम्मनित नागरिको ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया I जन जागरूकता रैली – ब्रेथ ईजी चेस्ट सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल, अस्सी वाराणसी से अस्सी घाट स्थित सुबह बनारस मंच तक गयी, जहाँ पद्मश्री डा. राजेश्वर आचार्य के सानिध्य में डा. एस के पाठक, डा. प्रतुष्य आचार्य डा. सुनीता पाठक ने सुबह बनारस मंच पर तंबाकू निषेध दिवस पर लोगो से तंबाकू से बने पदार्थ का सेवन न करने की सलाह दी, साथ में लोगो से अधिक से अधिक मतदान करने की अपील भी की I इस जन जागरूकता कार्यक्रम के दौरान ब्रेथ ईजी चेस्ट फाउंडेशन फॉर ह्यूमैनिटी के सदयों ने धुम्रपान/गुटखा से होने वाले दुष्परिणाम पुस्तिका व पर्चा भी वितरित किया I डॉ. पाठक ने वाराणसी में रहने वाले सभी लोगों से अनुरोध किया कि -“1 जून को मतदान केंद्र पर जाएं और अधिक से अधिक संख्या में मतदान करें I” डॉ पाठक ने आगे बताया कि – “भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में, सभी वयस्कों को, चाहे वे किसी भी धर्म के हों, कितनी भी शिक्षा प्राप्त की हो, किसी भी जाति के हों, या अमीर हों या गरीब, वोट देने की अनुमति है I”
इस कार्यक्रम में ब्रेथ ईजी के वरिष्ठ श्वांस एवं फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉ. एस. के पाठक द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी सदस्यों एवं आम नागरिको कों शपथ दिलायी, कि आज के दिन से न तम्बाकू के बने पदार्थो का सेवन करेंगे और न ही सेवन करने की सलाह देंगे और इस बुरी लत को भरसक रोकने का प्रयास करेंगेI इस “जन जागरूकता कार्यक्रम” का नेतृत्व डॉ. एस.के के पाठक ने किया, जिसमे शहर के युवा एवं सम्मनित नागरिको ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया I

डॉ. पाठक ने बताया कि- “प्रत्येक वर्ष दुनिया भर में 4.9 मिलियन लोग धूम्रपान की वजह से मरते हैं, इसके अलावा दुनिया भर में 40 फीसदी बच्चे, 35 फीसदी महिलाएं और 33 फीसदी मर्द बिन चाहे सिगरेट का धुंआ पीते हैं, जिसे पैसिव स्मोकिंग कहते हैंI डॉ. पाठक आगे बताते हैं कि पैसिव स्मोकिंग के कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन के आकलन के अनुसार पौने चार लाख लोग दिल की बीमारियों के कारण मरते हैं तो डेढ़ लाख से अधिक लोग सांस की बीमारी के कारण, इसके अलावा 37 हजार लोग अस्थमा से और साढ़े 21 हजार फेफड़े के कैंसर से मरते हैं I कार्यक्रम के दौरान 350 से भी अधिक लोगों के फेफड़ो का चेक अप किया गया जिसमे से 60% से भी अधिक लोगों के फेफड़ों की क्षमता में कमी पाई गयीं I सभी सदस्यों ने तम्बाकू से बने पदार्थ जैसे बीडी, सिगरेट, गुटखा आदि का सांकेतिक दहन किया और सुबह बनारस में आये सभी नागरिको से अनुरूध किया कि वह आज से बीडी, सिगरेट, गुटखा आदि से नाता तोड़े और स्वास्थ्य जिन्दगी से नाता जोड़ेई डॉ. एस के पाठक ने बताया कि- “तम्बाकू एक धीमा जहर है जो सेवन करने वाले व्यक्ति को धीरे धीरे करके मौत के मुँह मे ढकेलता रहता है l लोग जाने अनजाने मे तम्बाकू उत्पादों का सेवन करते रहते है, धीरे धीरे शौक लत मेँ परिवर्तित हो जाता है और तब नशा आनंद प्राप्ति के लिए नहीं बल्कि ना चाहते हुए भी किया जाता है I” डॉ. पाठक आगे बताते हैं कि “धुम्रपान एवँ तम्बाकू खाने से मुँह ,गला, श्वासनली व फेफडोँ का कैंसर के अलावा दिल की बीमारियाँ (Heart Disease ), धमनी काठिन्यता, उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure), पेट के अल्सर (Stomach Ulcer ), अम्लपित (Acidity) व अनिद्रा (insomnia) आदि रोगों की सम्भावना संभवतः हैं ई


डॉ. पाठक ने बताया- “धुम्रपान व गुटखा खाने वाले मुख्यत: वो होते है जो कभी दूसरों की देखा देखी, कभी बुरी संगत मे पडकर कभी मित्रो के दबाब में, कई बार कम उम्र मेँ खुद को बडा दिखाने की चाहत में तो कभी धुएँ के छ्ल्ले उडाने की ललक, कभी फिल्मों मे अपने प्रिय अभिनेता को धूम्रपान करते हुए देखकर तो कभी पारिवारिक माहौल का असर तम्बाकू उत्पादों की लत का कारण बनता है l”
डॉ. एस.के पाठक के नेतृत्व में हुई इस कार्यक्रम में ब्रेथ ईजी चेस्ट फाउंडेशन फॉर ह्यूमैनिटी के सदस्यों ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया जिसमे सुनील उपाध्याय, अभिषेक केशरी, अश्वनी पाठक, अखिलेश, रतन, विनीत, संजय, आदि लोग सम्मिलित थेI

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