Hathras Stampede: मंगलवार को हाथरस में मची भगदड़ के बाद से ही सत्संग वाले नारायण साकार हरि उर्फ स्वयंभू संत भोले बाबा के पाखंड के किस्से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. बाबा के भक्तों ने इन किस्सों को शेयर किया है. इन किस्सों के आधार पर हमने एक रिपोर्ट तैयार की है जिसमें फर्जी भोले बाबा के चमत्कार आपको हैरान कर देंगे. इस रिपोर्ट में हमने बाबा के चमत्कारी दावों के बारे में बताया है.

Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस के फुलरई गांव में मंगलवार को सत्संग खत्म होने के बाद मची भगदड़ ने 121 लोगों को मौत की नींद सुला दिया. नारायण साकार हरि उर्फ स्वयंभू संत भोले बाबा सत्संग में प्रवचन दे रहे थे. उनके प्रवचन देने का किस्सा सालों पुराना है. उनके भक्त उनके बारे में तरह-तरह की कहानियां सुनाते हैं. घटना के बाद से ही बाबा जी फरार चल रहे हैं लेकिन उनके किस्से-कहानियां सोशल मीडिया पर तैर रही हैं. उन्हीं में कुछ कहानियों पर हमारी भी नजर पड़ी. ये कहानियां बाबा के पाखंड को उजागर करने के लिए काफी हैं. ये कहानियां बताती हैं कि किस तरह से बाबा लोगों को अपनी भक्ति में लीन कर लेता. उसकी बातों में इतना जादू था कि लोग उसके पीछे पागल हो जाते थे. बाबा के प्रति लोगों की दीवानगी ऐसी की बाबा ने जो कह दिया वह पत्थर की लकीर हो जाती है. हालांकि, अब इन लकीरों पर चौतरफा सवाल उठ रहे हैं.  

तो चलिए पाखंड की इसी कहानी से जुड़े किस्सों के बारे में जानने की कोशिश करते हैं जिन किस्सों को बाबा के भक्तों ने स्वयं साझा किया है. हम यहां पर जितनी भी जानकारी आपको देने जा रहे हैं वह सभी बाबा से जुड़े हुए लोगों ने ही है.

भूत को बुलाकर धूल चटाने का दावा

नारायण साकार हरि को लोग उनके नाम से कम भोले बाबा के नाम से ज्यादा जानते हैं. उनके भक्तों का दावा है कि बाबा भूतों से बात करते हैं. अगर किसी को भूत परेशान करता है तो बाबा उस भूत को बुलाकर भरी सभा में धूल चटाने का काम करते हैं. भक्तों के दावे इतने बड़े हैं कि आस्था के सागर में कुलांचे मारते हुए नजर आते हैं.

नकली भोले बाबा का ये पाखंड है या फिर सच में ये भूतों से बात करके उन्हें ठिकाने लगाने का काम करते हैं. इस बारे में तो हम कुछ नहीं कह सकते हैं क्योंकि धर्म ग्रंथों में तो यह लिखा है कि हमारी आत्मा ही परमात्मा है. मृत्यु को मोक्ष कहा जाता है. इन तथ्यों के आगे बाबा की कहानियां सच में पाखंड को ढोंग लगती हैं.    

सुदर्शन चक्र घुमा कर पाखंडियों को नाश करने का दावा

सोशल मीडिया पर इस भोले बाबा के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं. एक वीडियो में वो भगवान श्री विष्णु का सुदर्शन चक्र घुमाता नजर आ रहा है. यह बाबा अपने भक्तों के सामने फर्जी चक्र दिखाकर कहता है कि वह प्रलय ला देगा. अधर्म का विनाश करेगा लेकिन सवाल ये है कि आखिर पाखंड है क्या? और धर्म के नाम पर लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ करके पाखंड कर कौन रहा है?

इतना ही नहीं भोले बाबा भक्तों से कहता था कि उसके सपने में महादेव आए थे. महादेव ने उससे बात की. महादेव ने उन्हें इस दुनिया से अधर्म को खत्म करने को कहा है. ये हम नहीं बाबा के भक्त खुद ही बता रहे हैं.

भक्त का दावा- बाबा ने खोल दी थी शख्स की पोल  

सोशल मीडिया पर एक वीडियो हमें मिला. उस वीडियो में बाबा के एक भक्त ने बताया कि एक दिन दरबार में बाबा की परीक्षा लेने के उद्देश्य से एक शख्स पंडाल में आया था. इस शख्स ने बताया कि व्यक्ति अपने साथ लाए हुए प्रसाद में जहर मिलाकर लाया था. इस बीच बाबा ने मंच से ही कहा कि इस पंडाल में एक व्यक्ति बैठा है जो मेरी परीक्षा लेने के उद्देश्य से आया है. बाबा का भक्त आगे बताता है कि इसके बाद वह शख्स बाबा के चमत्कार देखकर चौंक जाता है.

प्रेत आत्माओं से बात करने का दावा 

इसी तरह की एक और कहानी बाबा के भक्त ने बताई. उसने बताया कि बाबा ने प्रेत आत्माओं से बात की है. इन सब दावों में कितनी सच्चाई है इस पर तो हम कुछ नहीं कह सकते लेकिन एक सवाल जरूर पूछ सकते हैं. अगर सच में बाबा अपने आपको भगवान मानता है तो वह छुप क्यों गया? क्योंकि भगदड़ के बाद बाबा का कुछ नहीं पता चल रहा है कि बाबा गया कहां?

अगर सच में थे भगवान तो क्यों नहीं रोक पाए हादसा?

बाबा अपने आपको स्वयं भगवान बताता है. अगर बाबा सच में भगवान था तो कैसे 121 लोगों की सांसें रुक गईं? भगदड़ मची ही क्यों? बाबा अगर भगवान था तो उसे इस हादसे का पहले से ही आभास हो गया होगा? लोग इलाज के लिए मर रहे थे लेकिन बाबा अपनी चार पहिया गाड़ी से फुर्र क्यों हो गए? अगर सच में वह खुद को शंकर का रूप, विष्णु का रूप बताते हैं तो अस्पताल के बाहर पड़ी सैकड़ों लोग तड़प-तड़प कर मर क्यों गए? बाबा की शक्ति ने लोगों को क्यों नहीं बचाया?

कौन रच रहा है पाखंड का खेल? आप खुद ही करिए फैसला

अब फैसला आप करिए कि खुद को भोले बाबा कहने वाला इंसान अपने आपको अगर भगवान का रूप कह रहा है तो उसने सैकड़ों परिवार की खुशियां क्यों छीन लीं? शायद इस फर्जी बाबा के पास इसका जवाब नहीं होगा. क्योंकि धर्म के नाम पर पाखंड का खेल कौन रच रहा है यह उसे बखूबी पता है. धर्म के सागर में पाखंड का काला खेल कौन रच रहा है. लोगों को बेवकूफ कौन बना रहा है? यह सब उस फर्जी बाबा को पता है. आपके सामने तैयार करके रखी गई यह रिपोर्ट बाबा के भक्तों की कहानियों पर आधारित है. आप खुद ही निश्चय करिए कि धर्म और पाखंड के बीच जो पतली सी रेखा है उसका गलत इस्तेमाल करके लोगों की जिंदगियों के साथ खिलवाड़ कौन कर रहा है.  

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