Saturday, May 24, 2025
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मशहूर लेखिका अरुंधति रॉय को मिलेगा एक और सम्मान, मिलेगा PEN Pinter Prize 2024 पुरस्कार 

Arundhati Roy: मशहूर लेखिका अरुंधति रॉय को अब PEN Pinter Prize 2024 से सम्मानित किया जाएगा. इसी साल अक्तूबर महीने में आयोजित किए जाने वाले एक कार्यक्रम में उन्हें यह पुरस्कार दिया जाएगा. इस दौरान उन्हें भाषण देने का भी मौका दिया जाएगा. उनके नाम का चयन करने वाले निर्णायक मंडल ने अरुंधति की बेबाकी की तारीफ की है और कहा है कि उनकी मजबूत आवाज को दबाया नहीं जा सकता है.

भारत की मशहूर लेखिका अरुंधति रॉय को एक और सम्मान मिलने वाला है. इसी साल उन्हें ब्रिटिश लाइब्रेरी की ओर से PEN Pinter Prize 2024 से सम्मानित किया जाएगा. 1997 में अपनी किताब ‘द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स’ के लिए बुकर पुरस्कार जीत चुकीं अरुंधति अपने बेबाक अंदाज के लिए अक्सर विवादों में भी रहती हैं. उनकी बेबाकी ने ही उन्हें यह पुरस्कार दिलाने में भी मदद की है. अरुंधति के नाम का चयन करने वाले निर्णायक मंडल ने भी उनकी तारीफ की है और कहा है कि उनकी दमदार आवाज को चुप नहीं कराया जा सकता है.

यह पुरस्कार नोबेल पुरस्कार से सम्मानित लेखक हारोल्ड पिंटर की याद में दिया जाता है.10 अक्तूबर को आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में अरुंधति को यह सम्मान दिया जाएगा. यह पुरस्कार हर साल एक ऐसे लेखक को दिया जाता है जो ‘बेबाक बौद्धिक प्रतिबद्धता दिखाता है जिससे कि हमारे समाज और हमारे जीवन का असली सच सामने आता हो’. ये शब्द हारोल्ड पिंटर के उस भाषण के ही हैं जो उन्होंने नोबल पुरस्कार मिलने के बाद दिया था. यह पुरस्कार यूके, आयरलैंड या कॉमनवेल्थ देशों के नागरिकों को ही दिया जाता है.

किसने किया फैसला?

इस बार किसको यह पुरस्कार दिया जाए इसका फैसला करने के लिए एक निर्णायक मंडल बनाया गया था. इसमें रुथ बॉर्थविक, एक्टर खालिद अबदुल्ला, लेखक रोजर रॉबिन्सन शामिल थे. बता दें कि इससे पहले माइकल रोजेन, मार्गरेट एटवुड, मलोरी ब्लैकमैन, सलमान रुश्दी, टॉम स्टॉपर्ड और कैरोल एन डफी जैसे लेखक यह पुरस्कार हासिल कर चुके हैं.

इस पुरस्कार का ऐलान करने के बाद रुथ बॉर्थविक ने कहा, ‘हम अरुंधति रॉय को PEN Pinter Prize 2024 जीतने की बधाई देते हैं. वह बहुत खूबसूरती के साथ अन्याय की जरूरी कहानियां बताती हैं. जहां इन कहानियों का केंद्र भारत होता है, वहीं वह एक अंतरराष्ट्रीय विचारक के तौर पर उभरती हैं और उनकी दमदार आवाज को दबाया नहीं जा सकता है.’ 

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