Lalu Yadav on Emergency: राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद ने आपातकाल के दिनों को याद करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि 1975 का साल हमारे लोकतंत्र पर एक दाग है, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि 2024 में कौन विपक्ष का सम्मान नहीं करता है.

Lalu Yadav on Emergency: राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने शनिवार को 1975-77 के दौरान देश भर में लगे आपातकाल के दिनों को याद करते हुए सोशल मीडिया पर एक तीखी पोस्ट की जिसमें उन्होंने पीएम मोदी पर भी इनडायरेक्ट निशाना साधा. आपातकाल के दिनों को याद करते हुए लालू प्रसाद यादव ने लिखा कि भले ही तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कई नेताओं को जेल में डाल दिया था, लेकिन उन्होंने कभी उनके साथ दुर्व्यवहार नहीं किया .

आज लोकतंत्र की आजादी पर ज्ञान देने वाले उस वक्त कहां थे

X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की गई एक पोस्ट में,  आरजेडी प्रमुख ने अपना लेख “1975 में संघ की चुप्पी” साझा किया, जिसे उन्होंने और पत्रकार नलिन वर्मा ने लिखा था.

लालू प्रसाद ने पोस्ट में लिखा, ‘मैं उस संचालन समिति का संयोजक था जिसे जयप्रकाश नारायण ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की ज्यादतियों के खिलाफ आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए गठित किया था . मैं 15 महीने से अधिक समय तक सुरक्षा रखरखाव अधिनियम (मीसा) के तहत जेल में रहा . मेरे सहयोगी और मैं आज आपातकाल के बारे में बोलने वाले भाजपा के कई मंत्रियों को नहीं जानते थे. हमने मोदी, जे पी नड्डा और पीएम के कुछ अन्य मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के बारे में नहीं सुना था जो आज हमें आजादी के मूल्यों पर ज्ञान देते हैं.’

जेल में डाला पर कभी दुर्व्यवहार नहीं किया 

बिहार के पूर्व सीएम ने आगे कहा कि इंदिरा गांधी ने उस समय के कई विपक्षी नेताओं को जेल में डाला था, लेकिन उन्होंने कभी उनके साथ दुर्व्यवहार नहीं किया.

उन्होंने आगे लिखा,’इंदिरा गांधी ने हममें से कई लोगों को सलाखों के पीछे डाला, लेकिन उन्होंने कभी हमारे साथ गाली-गलौज या दुर्व्यवहार नहीं किया . न तो उन्होंने और न ही उनके मंत्रियों ने हमें “देशद्रोही” या “देशविरोधी” कहा. उन्होंने कभी भी हमारे संविधान के निर्माता बाबासाहेब अंबेडकर की याद को अपवित्र करने की इजाजत नहीं दी. 1975 हमारे लोकतंत्र पर एक दाग है, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि 2024 में विपक्ष का सम्मान कौन नहीं करता है .’

आपातकाल के बाद इंदिरा गांधी हार गई थी चुनाव

गौरतलब है कि 25 जून 1975 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 21 महीने का आपातकाल लगाया था जिसे 21 मार्च 1977 को हटा लिया गया था. इसके बाद हुए आम चुनावों में इंदिरा गांधी सत्ता से बाहर हो गईं और जनता पार्टी की सरकार बनी . इंदिरा गांधी और उनके बेटे संजय गांधी दोनों ही यूपी की रायबरेली और अमेठी से चुनाव हार गए.

हालांकि, 1979 में अलग-अलग दलों का गठबंधन टूट गया और उसके बाद के आम चुनावों में कांग्रेस 353 सीटें जीतकर सत्ता में लौट आई . इंदिरा गांधी एक बार फिर प्रधानमंत्री बनीं और 1984 में उनकी हत्या होने तक कुर्सी पर रहीं .

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