रुला देने वाला वीडियो: कंधों पर बच्चों के शवों को लेकर कीचड़ भरी सड़क पर पैदल चले मां-बाप

भारत के विकास की राह में एक दिल दहला देने वाली तस्वीर महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले से सामने आई है। एक वीडियो में एक दंपति अपने दो बच्चों के शवों को कंधे पर उठाकर कीचड़ भरी सड़क पर चलते दिखाई दे रहे हैं। 15 किलोमीटर का यह पैदल सफर उनके चेहरों पर झलक रहे दर्द और महाशोक को साफ दिखाता है। यह घटना तब हुई जब अस्पताल में एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण उन्हें पैदल चलने पर मजबूर होना पड़ा।

गढ़चिरौली के इस मार्मिक वीडियो में साढ़े तीन और छह साल के दो मासूमों के शवों को उठाए रोते-बिलखते मां-बाप का पैदल चलना दिल दहला देता है। इन बच्चों की मौत समय पर इलाज न मिल पाने की वजह से हो गई। इलाके में न तो पक्की सड़कें हैं और न ही समय पर एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध हो सकी।

बताया जा रहा है कि बुखार से पीड़ित इन बच्चों को डॉक्टर के पास ले जाने के बजाय अंधविश्वास के चलते एक पुजारी के पास ले जाया गया, जिसने उन्हें जड़ी-बूटी खिलाई। इसके बाद बच्चों की हालत और खराब हो गई। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने पर, उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। स्वास्थ्य केंद्र में कोई एंबुलेंस उपलब्ध नहीं थी, जिससे दूसरी जगह से एंबुलेंस बुलाने की कोशिश की गई, लेकिन अपने बच्चों को खो चुके दंपति का धैर्य टूट चुका था, और वे कीचड़ भरे रास्ते से अपने बच्चों के शव कंधे पर लेकर पैदल ही चल पड़े।

यह घटना 4 सितंबर की है और वीडियो वायरल होने के बाद लोगों में भारी आक्रोश फैल गया है। एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने इस मामले में सरकार की कड़ी आलोचना की है। नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिले में ऐसी घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। इससे पहले भी भामरागढ़, एटापल्ली और अहेरी तहसील के दूरदराज के गांवों से ऐसी खबरें सामने आती रही हैं, जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की घोर कमी है। कहीं एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होती, तो कहीं डॉक्टर की अनुपस्थिति रहती है। इन ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कें तक नहीं हैं, और इस गंभीर स्थिति के बावजूद बड़े नेता और मंत्री यहां की हालत सुधारने में असफल रहे हैं।

More From Author

RSS-BJP को करवाऊंगा उठक- बैठक, जाति जनगणना पर बोले लालू यादव

लखपति दीदी योजना से महिलाए बने आत्म निर्भर– रावर्ट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *