Future of Anurag thakur and Smriti Irani: स्मृति ईरानी, अनुराग ठाकुर और राजीव चंद्रशेखर उन केंद्रीय मंत्रियों में शामिल हैं जिन्हें मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल से हटा दिया गया है. ऐसा लगता है कि पुरुषोत्तम रूपाला को चुनाव प्रचार के दौरान विवादास्पद टिप्पणी करने के लिए दंडित किया गया, जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में भाजपा को सीटों का नुकसान उठाना पड़ा.
18वीं लोकसभा के पीएम मोदी ने शपथ ग्रहण कर ली है और उनके साथ ही 30 कैबिनेट मंत्री, 5 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और 36 राज्य मंत्रियों ने भी शपथ ली. हालांकि इस दौरान मोदी सरकार ने राजीव चंद्रशेखर, स्मृति ईरानी और अनुराग ठाकुर समेत 37 नेताओं का टिकट काटा है जो पिछली सरकार में मंत्री तो थे लेकिन तीसरे चरण में उन्हें जगह नहीं मिली है. एल. मुरुगन पिछली सरकार के एकमात्र राज्य मंत्री हैं, जो चुनाव हार गए थे, लेकिन उन्हें बरकरार रखा गया है. वे पहले से ही राज्यसभा के सदस्य हैं.
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में कुछ चौंकाने वाले नाम रहे जिन्हें जगह न मिलने को लेकर अब कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. इनमें पहला नाम पिछली दो सरकारों में विभिन्न मंत्रालयों का कार्यभार संभालने वाली स्मृति ईरानी हैं जो कि इस बार अमेठी में चुनाव हार गई हैं. कांग्रेस के केएल शर्मा के खिलाफ अमेठी से चुनाव लड़ रही स्मृति ईरानी को अच्छे खासे वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा.
तो इस वजह से बाहर हुई स्मृति ईरानी
माना जा रहा है कि अमेठी के लोगों में स्मृति ईरानी को लेकर खासा नाराजगी थी क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि बतौर केंद्रीय मंत्री वो क्षेत्र में विकास के काफी काम करेंगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं जिसके चलते उन्हें हार का सामना करना पड़ा. जहां एक ओर हार का सामना करने वाली स्मृति ईरानी को मंत्रिमंडल से बाहर रखा गया तो वहीं पंजाब से कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए पूर्व सांसद रवनीत सिंह बिट्टू को भी लुधियाना से हार का सामना करना पड़ा लेकिन मोदी सरकार ने तीसरे कायर्काल के लिए उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया है.
क्या हो सकता है स्मृति ईरानी का भविष्य
इसके चलते सवाल बनता है कि स्मृति ईरानी का भविष्य क्या होगा? इसका सटीक जवाब तो नहीं है लेकिन अगर रिपोर्ट की मानें तो इस समय बीजेपी स्मृति ईरानी को लेकर वेट एंड वॉच की स्थिति में है. सूत्रों की मानें तो बीजेपी उन्हें राज्यसभा से वापस संसद पहुंचा सकती है और वहां पहुंचाने के बाद वो एक बार फिर से उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल कर सकती है, हालांकि ऐसा करने के लिए ईरानी को कम से कम एक साल का इंतजार करना होगा क्योंकि केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के राजनीति से संन्यास का ऐलान करने के बाद स्मृति ईरानी को अगले साल उनका कार्यकाल खत्म होने पर उन्ही की सीट से राज्यसभा पहुंचाया जा सकता है.
इस दौरान स्मृति ईरानी को जमीनी स्तर पर काम कर अपने लिए मतदाताओं के मन में जगह बनाने का काम दिया जा सकता है, ताकि रायबरेली में उप चुनाव होने पर वो उनका इस्तेमाल कर सकें.
नड्डा के चलते अनुराग ठाकुर को नहीं मिली मंत्रिमंडल में जगह
जहां एक ओर हार की वजह से स्मृति ईरानी को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है तो वहीं दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश से चुनाव जीतने वाले अनुराग ठाकुर को भी नई मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं किया गया है. हिमाचल के प्रतिनिधित्व के लिए बीजेपी ने पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को शपथ दिलाकर मंत्री बनाया है. ऐसे में यही संभावना है कि मोदी सरकार 3.0 में जेपी नड्डा को कोई अहम विभाग दिया जाएगा.
वहीं नड्डा के मंत्रिमंडल में शामिल होने से यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि भाजपा को जल्द ही नया अध्यक्ष मिल सकता है. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में खेल, युवा मामलों और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय संभालने वाले अनुराग ठाकुर लगातार पांचवी बार जीत हासिल कर संसद पहुंचे हैं. अमित शाह ने भी अनुराग ठाकुर के प्रचार के दौरान उन्हें मंत्री बनाने के संकेत दिए थे लेकिन अब नड्डा के मंत्रिमंडल में शामिल होने की वजह से अनुराग ठाकुर का पत्ता कट गया है.
क्या हो सकता है अनुराग ठाकुर का भविष्य
हिमाचल में कुल 4 लोकसभा सीटें हैं जिसके चलते यहां से 2 मंत्री बनाना संभव नहीं है तो वहीं पूर्ण बहुमत न होने के चलते बीजेपी को इस बार अपने सहयोगी दलों का भी ध्यान रखना होगा. इन सब वजहों के चलते बीजेपी ने अनुराग ठाकुर मंत्रिमंडल के बजाया कुछ अलग जिम्मेदारी देने का फैसला किया है. जहां कुछ लोगों का मानना है कि 30 जून को जेपी नड्डा का राष्ट्रीय अध्यक्ष का दूसरा कार्यकाल खत्म हो रहा है तो पार्टी अनुराग ठाकुर को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है और इस दौरान उन्हें राष्ट्रीय महामंत्री बनाने की ज्यादा अटकले हैं.
वहीं चर्चा इस बात की भी है कि बीजेपी हिमाचल प्रदेश में अपने पुराने नेताओं के बजाया किसी विश्वसनीय और युवा चेहरे पर दांव लगाना चाहती है, ऐसे में संगठन को मजबूत बनाने के साथ-साथ अनुराग ठाकुर को अगले सीएम के तौर पर भी प्रोजेक्ट किया जा सकता है जो राज्य में बीजेपी की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे.