Captain Anshuman Parents On Daughter in Law: सियाचिन में पिछले साल शहीद होने वाले भारतीय सेना के कैप्टन अंशुमान सिंह के माता-पिता ने एक इंटरव्यू में चौंका देने वाला बयान देते हुए बड़ी मांग की है. पैरेंट्स का मानना है कि जब कोई सैनिक शहीद होता है तो सरकार की तरफ से दिया जाने वाला हर सम्मान पत्नी को जाता है लेकिन ऐसे में पैरेंट्स को क्या मिलता है इस पर भी बात होनी चाहिए.

Captain Anshuman Parents On Daughter in Law: पिछले साल भारतीय सेना के कैप्टन अंशुमान सिंह सियाचिन में शहीद हो गए थे. हाल ही में उन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया. राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में पुरस्कार लेने उनकी पत्नी स्मृति सिंह और मां मंजू सिंह पहुंची थीं. इसका बेहद भावुक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ था. अब यह मामला एक अलग मोड़ लेता दिख रहा है.

शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के माता-पिता ने बहू पर लगाए गंभीर आरोप?

शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के माता-पिता का कहना है कि उनका बेटा शहीद हुआ, लेकिन उन्हें कुछ भी नहीं मिला है। उनका कहना है कि सम्मान और अनुग्रह राशि (मुआवजा) सबकुछ बहू लेकर चली गई है। उन्होंने कहा है कि उनका बेटा भी गया है और बहू भी चली गई है।

सेना को पैरेंट्स और पत्नी के बीच बनाना चाहिए बैलेंस

शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के माता-पिता ने कुछ ऐसी बातें उठाईं हैं जो चर्चा का विषय बन गई हैं. उनके माता-पिता का कहना है कि बहुएं तो चली जाती हैं और मां-बाप के पास कुछ नहीं बचता है. अंशुमान की मां मंजू सिंह ने कहा है कि बहुएं भाग जाती हैं इसलिए नियमों में बदलाव किया जाना चाहिए. उनका कहना है कि इस बारे में उनकी बात रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से भी हुई है.

इसको लेकर अंशुमान सिंह के पिता ने कहा,’मेरा उनसे बात करने का एक ही ध्येय था जो कि मैं माननीय रक्षा मंत्री जी को भी अवगत कर चुका हूं कि NOK की ओर से निर्धारित मापदंड ठीक नहीं है क्योंकि पांच महीने की शादी थी कोई बच्चा नहीं है. मां-बाप के पास आज आप बात कर रहे हैं और पीछे फोटो लटकी हुई है कल को वो अपना एड्रेस भी चेंज कर चुकी हैं. तो हमारे पास क्या है. तो आप जरूर ये मुद्दा उठाइएगा कि इसमें एक चेंज होना चाहिए. जैसे 1999 की लड़ाई के बाद हुआ था विल में चेंज हुआ कि 33 प्रतिशत होना चाहिए, तो ऐसी परिभाषा होनी चाहिए कि अगर पत्नी परिवार में रहेगी तो क्या होगी, नहीं रहेगी, तब क्या होगा? बच्चे होंगे तो क्या होगा?  मदर फादर मतलब कितने सिबलिंग्स और कितनी डिपेंडेंसी, कौन छोड़ के जाता है. तो इसके उन चीजों में संशोधन हो ताकि ये ना हो की पुरानी किसी प्रथा का लेकर के चलता रहे जैसे की मैं भोग रहा हूं, आज वो रेसिपेंट है कीर्ति चक्र की लेकिन मेरे पास मेरे बेटे की फोटो है बस, उस पर लगाने के लिए वो चक्र नहीं है और हम हाथ में भी नहीं ले पाए तो एक रैशनल तरीके से इसमें बदलाव होना चाहिए. ये बात मैंने राहुल गांधी से कही थी और उन्होंने आश्वासन दिया है कि इस पर वो राजनाथ जी से बात करेंगे.’

बहुएं तो अक्सर भाग जाती हैं!

इसके बाद अंशुमान सिंह की माता से जब सवाल किया गया कि क्या उन्हें लगता है कि राहुल गांधी इस मुद्दे को सदन में उठाएंगे तो उन्होंने कहा,’मुझे पूरा विश्वास है कि एक सौ प्रतिशत इस मुद्दे पर चर्चा होगी, ऐसा आश्वासन राहुल जी ने हमें दिया है क्योंकि ऐसा खूब देखा जा रहा है कि बहुएं भाग जाती है. हमारा तो हो गया लेकिन हम चाहते हैं कि बाकी मां-बाप को हम जैसे दुख का सामना न करना पड़े. ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें बहुएं मां-बाप को छोड़कर भाग जा रही हैं तो उनकी जिम्मेदारी कैसे तय हो, इसको लेकर मुझे पूरा विश्वास है कि चर्चा होकर रहेगी.’

सियाचिन की वीरता के लिए मिला था कीर्ति चक्र

भारतीय सेना के कैप्टन अंशुमन सिंह ने जुलाई 2023 में सियाचिन में हुए अग्निकांड के दौरान अदम्य साहस का परिचय दिया था. लोगों को बचाने के इस दौरान उन्हें गंभीर रूप से जलने और घायल होने के कारण वीरगति प्राप्त हो गई थी. उनकी इस वीरता को सम्मान देते हुए, शहीद कैप्टन सिंह को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा एक वर्ष बाद मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया.

आपको बता दें कि कीर्ति चक्र भारत का शांतिकालीन वीरता पुरस्कारों में दूसरा सर्वोच्च सम्मान माना जाता है. 5 जुलाई 2024 को कैप्टन सिंह की पत्नी स्मृति सिंह ने उनकी ओर से कीर्ति चक्र स्वीकार किया. समारोह के बाद एक भावुक वीडियो साक्षात्कार में, स्मृति ने अपने दिवंगत पति के साथ अपनी प्रेम कहानी को याद किया.

पत्नी शिखा सिंह ने सुनाई थी मुलाकात की कहानी

कॉलेज में पहली मुलाकात को याद करते हुए स्मृति कहती हैं, “यह पहली नजर का प्यार था. कॉलेज के पहले ही दिन हमारी मुलाकात हुई थी. मैं अतिश्योक्ति नहीं करूंगी, लेकिन यह पहली नजर का प्यार ही था. एक महीने के बाद, उनका चयन सशस्त्र बल चिकित्सा कॉलेज (AFMC) में हो गया…. हम एक इंजीनियरिंग कॉलेज में मिले थे, और उनका चयन मेडिकल कॉलेज में हुआ था.” उनके चरित्र को याद करते हुए, उन्होंने उन्हें “बहुत ही बुद्धिमान व्यक्ति” बताया.

हालांकि तुरंत प्यार हो जाने के बावजूद, शादी का फैसला करने से पहले इस जोड़े को आठ साल तक लंबे समय तक दूर रहकर रिश्ता संभालना पड़ा. स्मृति ने अपनी अनोखी प्रेम कहानी साझा करते हुए कहा, “मुलाकात के ठीक एक महीने बाद, आठ साल तक लंबे समय तक दूर रहकर रिश्ता चला और फिर हमने सोचा कि अब हमें शादी कर लेनी चाहिए, और हमने ऐसा ही किया.”

शादी के 5 महीने बाद ही हुए शहीद

लेकिन, नवविवाहित जोड़े के लिए भाग्य की कुछ और ही योजना थी. फरवरी 2023 में शादी के कुछ महीनों बाद ही कैप्टन सिंह को सियाचिन में तैनात कर दिया गया, जहां 19 जुलाई 2023 को उनकी शहादत हो गई. 

स्मृति ने आँखों में आंसू लिए उनकी अंतिम बातचीत को याद किया, “18 जुलाई (2023) को, हमारी अगले 50 सालों में हमारा जीवन कैसा होगा, इस बारे में हमारी लंबी बातचीत हुई थी. हम एक घर बनाने जा रहे थे, हमारे बच्चे होंगे, पता नहीं क्या-क्या. 19th की सुबह (अगले दिन), मैं उठी, तो मुझे फोन आया कि वो अब नहीं रहे.”

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