उत्तर प्रदेश की राजनीति में कुलबुलाहट का दौर जारी है. यूपी बीजेपी में कलह शांत हुई या नहीं यह सवाल अभी सभी के मन में बना हुआ है. इसी बीच ओबीसी कार्यसमिति की बैठक में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने एक ऐसा बयान दे दिया है जो चर्चा का विषय बन गया है. इस बयान के की मायने निकाले जा रहे हैं.
UP BJP: यूपी की राजनीति में उथल-पुथल शांत नहीं हुआ है. बीजेपी की अंदरूनी कलह खुलकर सामने आने लगी है. बीते दिनों प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में भी इस तरह की कुछ तस्वीरें सामने आईं थी. अब एक बार फिर से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के एक बयान ने यूपी बीजेपी की अंदरूनी कलह को फिर से उजागर करने का काम किया है. ओबीसी कार्यसमिति की बैठक में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सरकार के दम पर चुनाव नहीं जीता जाता है. पार्टी चुनाव लड़ती है और पार्टी ही चुनाव जीतती है. उनके इस बयान ने यूपी बीजेपी की कलह को खुलकर सामने ला दिया है.
ओबीसी कार्यसमिति की बैठक में केशव प्रसाद मौर्य ने माना कि अति आत्मविश्वास की वजह से बीजेपी को लोकसभा चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा. पिछड़ा वर्ग को साधने के लिए ओबीसी कार्यसमिति की बैठक का आयोजन सोमवार को किया गया.
योगी के आने से पहले चले गए डिप्टी सीएम
भाजपा ओबीसी मोर्चा की राज्य कार्यसमिति की बैठक में सीएम योगी के आने से पहले प्रदेश के दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक निकल गए थे. दोनो उप मुख्यमंत्रियों के जाने से एक अलग संदेश देखने को मिला. सोशल मीडिया पर इसे लेकर कई तरह की बातें भी की जा रही हैं.
सीएम ने सपा पर साधा निशाना
सीएम योगी ने इस बैठक को संबोधित करते हुए कहा- “इस समय पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा चल रही है. यही कांवड़ यात्रा कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बसपा की सरकार के समय प्रतिबंधित की गई थी. इस यात्रा के साथ रोजगार भी जुड़ा हुआ है. पिछली सरकारों ने इसे रोकने का काम किया था. मैं पूछना चाहता हूं कांग्रेस ने 60 वर्षों तक शासन किया, सपा की प्रदेश में 4-4 बार सरकार थी, इन्होंने ‘एक जिला एक उत्पाद’ के लिए कार्य क्यों नहीं किया?”
सपा पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी होता तो 18 हजार शिक्षक ही भर्ती होते लेकिन प्रदेश में 31 हजार से ज्यादा ओबीसी शिक्षकों की भर्ती हुई. वही लोग विवादित बयान देते हैं जो 86 में से एक जाति के 56 एसडीएम देते हैं.
विधायक दल की बैठक में शामिल हुए केशव और बृजेश
आज यूपी के विधानसभा के मॉनसून सत्र की शुरुआत हुई. इससे पहले सीएम योगी ने विधायक दल की बैठक बुलाई थी. इस बैठक में दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक भी मौजूद थे.
यूपी बीजेपी में चल रही अंदरूनी कलह को उजागर करने का काम डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने किया था. उन्होंने कहा था कि संगठन, सरकार से बड़ा होता है. इसके बाद से यूपी बीजेपी की कलह सतह पर आ गई थी.
यूपी में ओबीसी वर्ग को भेदने में लगी बीजेपी
लोकसभा चुनाव में यूपी में बीजेपी को कम सीटें मिलने का एक कारण पिछड़ा वर्ग की नाराजगी भी बताई जा रही है. यूपी में बीजेपी 33 सीटें ही हासिल कर पाई थी. 2019 में उसे 62 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं, 2014 में बीजेपी ने 71 सीटों पर जीत हासिल की थी.
यूपी में ओबीसी की कुल आबादी प्रदेश की आबादी का 50 फीसदी है. ऐसे में वोट बैंक की दृष्टिकोण से यूपी में बीजेपी के लिए ओबीसी समुदाय बहुत ही महत्वपूर्ण है.