NEET एग्जाम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी कराती है. इस बार, जब NEET के नतीजे आए तो डॉक्टर बनने की चाहत रखने वाले कई छात्रों का मनोबल टूट गया. लोगों को लग रहा है कि पूरे एग्जाम प्रक्रिया में ही धांधली हुई है, ऐसे तो कोई डॉक्टर ही नहीं
नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट(NEET-UG) 2024 के नतीजे आए और हर तरफ हंगामा बरप गया. न अभिभावक खुश, न ही छात्र. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) पर आरोप लगे कि पूरी परीक्षा प्रक्रिया में ही धांधली हुई है. अगर ऐसे एग्जाम होते रहे तो छात्रों का एम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ने का सपना कभी पूरा नहीं हो पाएगा. इस बार के नतीजे ऐसे हैं, जिन्हें देखकर साफ दिख रहा है कि छात्रों के लिए मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन लेना ही टेढ़ी खीर है. नीट के जरिए भारत में मेडिकल एग्जाम्स में एंट्री मिलती है. इस एग्जाम के बाद MBBS, BDS, BAMS और होम्योपैथी मेडिसिन्स में ग्रेजुएशन करने का मौका मिलता है.
एंट्रेस एग्जाम में 67 छात्र ऐसे हैं, जिन्होंने चॉप किया है और उनकी पर्सेंटाइल 99.99 है. इनमें से 6 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्होंने एक ही एग्जाम सेंटर से परीक्षा दी है. सीरियल नंबर 62 से लेकर 69 तक, कुल 8 स्टूडेंट्स में से 6 छात्रों की रैंकिंग 1 है. इन छात्रों को 720 नंबर मिले हैं. सारे छात्र, बहादुरगढ़ के एक परीक्षा केंद्र में परीक्षा दी थी. नंबरो का ये हेरफेर किसी को समझ नहीं आया है और छात्र बेहद नाराज हैं.
ये नंबर हैं या अबूझ पहेली?
नीट एग्जाम की तैयारी कराने वाले IAS वर्ल्ड्स के मैनेजिंग डायरेक्टर उपेंद्र दत्त शुक्ला बताते हैं कि बड़ी संख्या में ऐसे छात्र हैं, जिन्हें 718 और 719 नंबर मिले हैं. एनटीए का कहना है कि ये ग्रेस मार्क है. इसे जनरलाइज कर दिया गया है.
सवाल ये उठ रहे हैं नीट का पेपर 720 नंबर का होता है. हर सवाल पर 4 नंबर. अगर कोई एक सवाल छोड़े तो उसे 716 नंबर मिलेगा. अगर कोई गलत करे तो उसे 715 नंबर मिलेंगे लेकिन 718 और 719 नंबर कैसे मिले, यह समझ से परे हैं.
एजुकेटर उपेंद्र बताते हैं कि कुछ छात्रों को गेस मार्क दिए गए हैं. छात्र चाह रहे हैं कि बिना ग्रेस के जो मेरिट लिस्ट है, उसे सार्वजनिक किया जाए. ग्रेस मार्क जिन केंद्रों पर दिया गया है, उनके बारे में जानकारी सार्वजनिक की जाए. छात्रों को ग्रेस मार्क किस आधार पर दिया गया है.
NTA क्या दे रही है सफाई?
NTA का कहना है कि नीट एग्जाम 3 घंटे का होता है. कई केंद्र ऐसे थे, जहां पेपर देर से बांटे गए थे. छात्रों को इसी वजह से ग्रेस मार्क दिए गए हैं. कई उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्हें 718 और 719 नंबर इसलिए मिले हैं. पेपर लीक की खबरें पूरी तरह से निराधार हैं. NTA का यह भी कहना है कि जन सेंटर्स पर छात्रों को देर से पेपर मिला, उन्हें 5 अंक बढ़ाकर दिए गए.
NTA के अधिकारियों का कहना है कि प्रश्न पत्रों को NCERT की नई किताब के हिसाब से तैयार किया गया था. छात्रों के पास पुरानी NCERT की किताबें थी, जिसकी वजह से उन्हें 5 अंक और देने पड़े, जिन्होंने दो विकल्पों में से एक को चुना था. कुल 44 छात्रों के अंक 715 से बढ़कर 720 हो गए, जिसकी वजह से नीट एग्जाम में टॉपर्स की संख्या बढ़ गई.
कब हुआ था नीट एग्जाम?
नीट के लिए एनटीए ने 5 मई को परीक्षा कराई थी. देश के 571 शहरों में 4,750 केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की गई थी. नीट के नतीजे पहले 14 जून को आने वाले थे लेकिन इसे 10 दिन पहले, 4 जून को ही सार्वजनिक कर दिया गया था बन पाएगा. छात्र, अभिभावक, सब गुस्से में हैं, जिनका चयन नहीं हुआ है. क्यों बरपा है इस पर हंगामा, आइए समझते हैं.