‘भगवान की नहीं, पति की कृपा से पैदा…’, चुनावी रैली में ये ऐसा क्या बोले अजित पवार?

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Ajit Pawar: अजित पवार ने शुक्रवार को मवाल में पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चे भगवान की कृपा से नहीं बल्कि पति की कृपा से पैदा होते हैं. उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारे में एक नई बहस छेड़ दी है.

Ajit Pawar: महाराष्ट्र में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं. अभी चुनाव की तारीखों को ऐलान नहीं हुआ है. लेकिन राजनीतिक पार्टियों के प्रचार-प्रसार का दौर जारी है. राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मावल में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि दैवीय शक्तियों की वजह से बच्चे नहीं पैदा होते. बच्चे पति की कृपा से पैदा होते हैं. जनसंख्या वृद्धि को ध्यान में रखते हुए उन्होंने यह बयान दिया. उनका यह बयान इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है. 

शुक्रवार को पार्टी की जन सम्मान रैली मावल और पिंपरी चिंचवाड़ पहुंची तो अजित पवार ने महिलाओं को संबोधित किया.  महायुति सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं को सूचीबद्ध करते हुए पवार ने भीड़ में मौजूद महिलाओं से कहा कि वे अपने परिवार को छोटा रखें, दो बच्चों से ज़्यादा न रखें, ताकि उन्हें बेहतर सरकारी लाभ मिल सके.

‘भगवान नहीं, पति की कृपा से पैदा होता है बच्चा”

अजित पवार ने संबोधत करते हुए कहा- “जब आप किसी बच्चे को जन्म देती हैं तो यह भगवान की कृपा से नहीं बल्कि आपकी पति की कृपा से होता है. बच्चे पैदा करने में कोई दैवीय शक्ति का दखल नहीं होता. मैं सभी धर्म और जाति की महिलाओं से आग्रह करता हूं कि वह 2 से ज्यादा बच्चे पैदा न करें. अगर आपका परिवार छोटा रहेगा तो आप अपने बच्चे को अच्छे से पाल सकते हैं और आप अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा दे सकते हैं. आप आपका बच्चा अच्छा जीवन जी सकता है.”

“पैसे वापस लेने की बात झूठी”

शुक्रवार को भाषण देते हुए अजित पवार ने मुख्यमंत्री माझी लाडली बहना योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना से बेटियों को मिले पैसे वापस लेने की बातें बिल्कुल गलत और निराधार हैं.  उन्होंने कहा, “मैं आप सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि ऐसा कदम उठाना संभव नहीं है. लाभार्थियों को दिया गया पैसा कभी वापस नहीं लिया जाएगा.” 

महायुति के सहयोगी विधायक रवि राणा ने हाल ही में बयान दिया था कि अगर महिलाएं महायुति गठबंधन के उम्मीदवारों को वोट नहीं देती हैं तो योजना के पैसे वापस ले लिए जाएंगे. इसके बाद से राज्य में इस योजना को लेकर महिलाओं में भय था कि कहीं सरकार उनसे पैसे वापस न ले ले.

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