शराब नीति घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है. अंतरिम जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को बड़ी बेंच के पास भेज दिया है. 55 वर्षीय केजरीवाल को उनके खिलाफ ईडी के मामले में न्यायिक हिरासत में रहते हुए 26 जून को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. वे सीबीआई मामले में न्यायिक हिरासत में हैं, इसलिए अभी जेल में ही रहेंगे.
दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने आबकारी नीति मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दर्ज एक मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 25 जुलाई तक बढ़ा दी. अदालत का यह आदेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक को अंतरिम जमानत दिए जाने के कुछ घंटों बाद आया है. 55 वर्षीय केजरीवाल को उनके खिलाफ ईडी के मामले में न्यायिक हिरासत में रहते हुए 26 जून को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. शराब नीति घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी है. जस्टिस संजीव खन्ना ने जमानत देते हुए कहा- केजरीवाल 90 दिन से जेल में हैं. इसलिए उन्हें रिहा किए जाने का निर्देश देते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को कुछ शर्तों के साथ जमानत दी. जस्टिस खन्ना ने कहा कि हम ये मामला बड़ी बेंच को ट्रांसफर कर रहे हैं. गिरफ्तारी की पॉलिसी क्या है, इसका आधार क्या है. इसके लिए हमने ऐसे 3 सवाल भी तैयार किए हैं. बड़ी बेंच अगर चाहे तो केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर बदलाव कर सकती है. कोर्ट के कहा कि उन्हें 50 हजार का बेल बाउंड भरना होगा. साथ वो सीएम ऑफिस नहीं जाएंगे.
अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
अरविंद केजरीवाल को 50,000/- रुपये का जमानत बॉन्ड देना होगा.
वो मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय का दौरा नहीं करेंगे.
वह आधिकारिक फाइलों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेंगे.
वे वर्तमान मामले (केस को लेकर) में अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.
वह किसी भी गवाह के साथ बातचीत नहीं करेंगे/या मामले से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक उसकी पहुंच नहीं होगी.
अंतरिम जमानत को बड़ी बेंच द्वारा बढ़ाया या वापस लिया जा सकता है.
सीबीआई ने केजरीवाल पर अब खत्म हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति से जुड़ी अनियमितताओं में ‘मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक’ होने का आरोप लगाया है. दिल्ली की अदालत में एजेंसी ने आरोप लगाया था कि आप के पूर्व मीडिया प्रभारी विजय नायर, जो केजरीवाल के करीबी सहयोगी हैं, विभिन्न शराब निर्माताओं और व्यापारियों के संपर्क में थे और आबकारी नीति में उनके अनुकूल प्रावधानों को शामिल करने के लिए मार्च 2021 से अनुचित रिश्वत की मांग कर रहे थे. सीबीआई ने अपनी पिछली चार्जशीट में दावा किया था कि आप को मिले 100 करोड़ रुपये में से 44.45 करोड़ रुपये जून 2021 से जनवरी 2022 के दौरान हवाला चैनलों के ज़रिए गोवा भेजे गए और तटीय राज्य में आप के विधानसभा चुनाव प्रचार में इस्तेमाल किए गए.
केजरीवाल को ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. उसके बाद राऊज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें कस्टडी में भेज दिया था. गिरफ्तारी और कस्टडी को केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिस पर सुनवाई हुई. केजरीवाल को ED के मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत मिली है.