जाति और धर्म की राजनीति से परे प्रशांत किशोर लोगों से अपने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए वोट डालने की अपील कर रहे हैं. किशोर ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में राज्य की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि वह इन चुनाव में 75 प्रतिशत मुसलमानों को टिकट देंगे. प्रशांत अपने ऊपर से बीजेपी की बी टीम होने का टैग हटाने की भी पूरी कोशिश कर रहे हैं.
Bihar News: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने 2 अक्टूबर यानी गांधी जयंति पर अपनी औपचारिक राजनीतिक पार्टी लॉन्च करने का ऐलान किया है. प्रशांत किशोर ने ठीक दो साल पहले 2 अक्टूबर को पूरे बिहार में अपनी यात्रा की शुरुआत की थी. हाल ही में इसकी घोषणा करते हुए जन सुराज पार्टी के संयोजक ने कहा कि वह पार्टी के मामलों को संभालने के लिए 21 नेताओं का पैनल बनाने पर विचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
राजनीति में उतरने से पहले बिहार को नाप रहे प्रशांत
अपनी रणनीति के दम पर साल 2021 के पश्चिम बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी को प्रचंड जीत दिलाने वाले प्रशांत किशोर ने कहा था कि वह राजनीति में उतरने से पहले यात्रा के जरिए बिहार की लंबाई और चौड़ाई को नापेंगे और फिर राजनीतिक यात्रा की शुरुआत करेंगे. 2 अक्टूबर 2022 को पश्चिमी चंपारण से जन सुराज यात्रा शुरू करने वाले किशोर का दावा है कि उन्होंने 14 राज्यों की 5000 किमी पैदाल यात्रा की है और वह बाकी 10 राज्यों की यात्रा कार से करेंगे.
जमीन से जुड़े नेताओं का खड़ा कर रहे झुंड
किशोर के समर्थकों का कहना है कि इस यात्रा के जरिए उन्होंने सामाजिक और क्षेत्रीय तानेबाने को ध्यान में रखते हुए जमीन से जुड़े हुए नेताओं का झुंड खड़ा कर लिया है. किशोर का दावा है देश के सबसे ज्यादा पिछले लोगों वाले राज्य, जहां आरजेडी, बीजेपी और जेडीयू का प्रभुत्व है, में अपनी पार्टी के लिए एक अलग निर्वाचन क्षेत्र बनाना है.
बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर वोट करें लोग
इसको ध्यान में रखते हुए किशोर दलितों और मुस्लिमों से जाति और धर्म के आधार पर वोट न देने के बजाय अपने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए वोट देने की अपील कर रहे हैं. साल 1990 के बाद से बिहार को एक ऐसे राज्य के रूप में जाना जाता है जहां नेताओं ने सामाजिक न्याय का बखान करते हुए अपनी राजनीति शुरू कि, फिर चाहे वो लालू प्रसाद हों उनकी पत्नी राबड़ी देवी हों या फिर मुख्यमंत्री नीतिश कुमार.
किशोर ने भी अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत जेडीयू के साथ जुड़कर की थी जब नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी में एक बड़ा पद दिया था लेकिन जल्द ही किशोर ने खुद को पार्टी से अलग कर लिया. वह समझ चुके थे कि नीतीश कुमार की जातिगत राजनीति वाली सोच उनकी सोच से मेल नहीं खाती.
राजनीतक विश्लेषक संजय कुमार कहते हैं कि प्रशांत किशोर एक उच्च जाति के ब्राह्म्ण हैं, ऐसे में अपने आपको एक नेता के तौर पर दिखाना उनकी राजनीतिक यात्रा को शुरू होने से पहले ही खत्म कर सकता है. इसलिए वह जाति और धर्म और पेशेवर पृष्ठभूमि से परे हटकर एक ऐसे गठबंधन की बात करते हैं जिसमें बड़ी संख्या में शिक्षक और बुद्धिजीवी वर्ग शामिल हो. यही वजह है कि किशोर ने उन्होंने नीतीश कुमार नीत महागठबंधन सरकार द्वारा राज्य में कराए गए जातिगत सर्वे पर भी हमला बोला था.
किशोर ने कहा था, ‘आरजेडी और जेडीयू जैसी पार्टियां पिछले तीन दशक से जनता की आंखों में धूल झोंक रही हैं. ये पार्टियां बताएं कि क्यों राज्य में ओबीसी, ईबीसी और एससी वर्ग के हालात नहीं सुधरे.’
धर्म और जाति की राजनीति से परे बात करते हैं किशोर
हाल ही में किशनगंज में एक रैली के दौरान, किशोर ने कहा था कि जन सुराज पार्टी 2025 के विधानसभा चुनाव में 75 फीसदी मुसलमानों को टिकट देगी. रैली के दौरान उन्होंने मुसलमानों से कहा कि आप डर की वजह से कब तक असामाजिक तत्वों को वोट डालते रहेंगे, कब अपने बच्चों के भविष्य के लिए वोट करेंगे?
मुसलमानों को सरकार में कोई स्थान नहीं दिया जाता
किशनगंज के अलावा किशोर अररिया और कटिहार भी गए जहां बड़ी संख्या में मुस्लिम रहते हैं. उन्होंने कहा कि आरजेडी और जेडीयू मुस्लिमों की बात तो करते हैं लेकिन मुसलमानों को सरकार में कोई स्थान नहीं दिया जाता है. उन्होंने कहा कि पूरे बिहार में 17% मुस्लिम और 3% से ज्यादा यादव हैं लेकिन फिर भी मुसलमानों के बार बिहार में कोई बड़ा नेता नहीं है.
बीजेपी की बी टीम का टैग हटाने की कोशिश करते किशोर
बीजेपी की बी टीम कहे जाने वाले किशोर ने बिहार की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के ऐलान के साथ ही इस टैग को भी हटाने की कोशिश की. यही नहीं उन्होंने मुसलमानों से कहा, ‘आपके पैगंबर ने साफ कहा है कि बिना संघर्ष के कुछ भी प्राप्त नहीं किया जा सकता है. आप केवल बीजेपी और नरेंद्र मोदी को हराने के बारे में विचार करते हैं लेकिन इसके लिए ठोस प्रयास नहीं करते.’
आप लोग 5 साल के लिए चुप बैठ जाते हैं
अररिया में उन्होंने मुसलमानों से कहा कि आप सोचते हैं कि कोई नेता उन्हें हराएगा. चुनाव होने के बाद आप लोग यह सोचकर 5 सालों के लिए चुप बैठ जाते हैं कि कोई चमत्कार होगा. उन्होंने कहा कि आपकी सोच के इतर बीजेपी लंबे समय से रणनीति बनाती है. किशोर ने कहा कि बीजेपी कोई एक दिन में नहीं बनी. मोदी जी 2014 में यहां नहीं आए थे वे पिछले 20 सालों से बिहार जीतने की योजना बना रहे थे.
समान मुद्दों पर एकजुट हों मुसलमान और दलित
उन्होंने राज्य की 37% आबादी का नेतृत्व करने वाले दलित और मुस्लिमों से समान मुद्दों पर एक साथ आने की अपील की. प्रशांत किशोर ने कहा, ‘पार्टियों द्वारा केवल दलित नेताओं का इस्तेमाल किया गया है. दलित वोटर फिलहाल बिखरा हुआ है क्यों इनके समुदाय से चिराग पासवान और जीतन राम मांझी जैसे कुछ ही नेता हैं.’ उन्होंने कहा कि जन सुराज पार्टी सभी दपों से समान दूरी बनाकर रखेगा. हम लोगों के बीच अपने काम से पहचान बनाएंगे.