Saturday, May 24, 2025
Homeराजनीतिदेखते रह गए RJD और जेडीयू, जानें कौन हैं सबको चौंकाने वाले...

देखते रह गए RJD और जेडीयू, जानें कौन हैं सबको चौंकाने वाले शंकर सिंह?

बिहार के रुपौली विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजों ने चुनावी विश्लेषकों को हैरान कर दिया. इस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह ने आरजेडी उम्मीदवार बीमा भारती और जेडीयू उम्मीदवार कलाधर प्रसाद मंडल को बड़े अंतर से हराया. आइए जानते हैं कौन हैं शंकर सिंह और उनकी इस जीत में किसने निभाई अहम भूमिका.

Rupauli Assembly By-Election:  शनिवार को 7 राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे जारी हुए तो बिहार की रुपौली विधानसभा सीट के नतीजों ने सबको चौंका दिया. रुपौली के नतीजे देखकर राजनीतिक विश्लेषक चौंक गए. किसी ने भी इस तरह के उलटफेर की उम्मीद नहीं की थी. रुपौली विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह ने एनडीए और इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार को बड़े अंतर से हरा दिया. शंकर सिंह को 8,204 वोटों के अंतर से जीत मिली है.

बीमा भारती के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी सीट

रुपौली सीट बीमा भारती के इस्तीफे के बाद खाली हो गई थी. पिछली बार जेडीयू की टिकट पर चुनाव जीती बीमा इस्तीफा देकर आरजेडी में शामिल हो गई थीं और फिर उन्होंने आरजेडी के टिकट पर पूर्णिया लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन वहां भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा. लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद बीमा ने दोबारा से रुपौली का रुख किया लेकिन इस बार जनता ने उन्हें नकार दिया.

रुपौली उपचुनाव में बीमा न केवल हारीं बल्कि उन्हें काफी कम वोट भी मिले. निर्दलीय शंकर सिंह को 67,782, जेडीयू के कलाधर प्रसाद मंडल को 59,578 और आरजेडी की बीमा भारती तो 30,114 वोट मिले.

कौन हैं सबको चौंकाने वाले शंकर सिंह

इससे पहले शंकर सिंह ने 2005 के विधानसभा चुनाव में लोजपा से टिकट पर रुपौली से जीत दर्ज की थी. शंकर सिंह नॉर्थ बिहार लिबरेशन आर्मी के कमांडर रहे हैं. उत्तरी बिहार में नॉर्थ बिहार लिबरेशन आर्मी का ठीक-ठाक असर रहा है.

साल 2000 में इस आर्मी के संस्थापक बूटन सिंह की हत्या के बाद शंकर सिंह ने इसकी कमान संभाल ली थी. इस संगठन को राजपूत मिलिशिया भी कहा जाता था. शंकर सिंह के प्रमुख रहते इस संगठन पर लोगों को डराने-धमकाने और बूथ कैप्चरिंग करने के आरोप लगे थे.

लोजपा से नहीं मिला टिकट तो निर्दलीय मैदान में उतरे

शंकर सिंह को जब लोजपा (रामविलास) से टिकट नहीं मिला तो वह निर्दलीय ही चुनाव में उतर गए.  शंकर सिंह की पत्नी सुनीता रुपौली से जिला परिषद सदस्य हैं. सिंह ने 2010, 15 और 20 में भी रुपौली से चुनाव लड़ा लेकिन तब उन्हें उसमें जीत नहीं मिली थी.

क्यों हैरान करने वाली है शंकर सिंह की जीत

जेडीयू उम्मीदवार कलाधर प्रसाद मंडल को जिताने के लिए जेडीयू ने पूरी जान लगा दी. सीएम नीतीश कुमार, दोनों डिप्टी सीएम, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, चिराग पासवान समेत एनडीए के तमाम बड़े नेताओं ने प्रसाद के लिए जमकर चुनाव प्रचार किया. वहीं बीमा भारती के लिए तेजस्वी यादव ने जमकर प्रचार किया बावजूद इसके जनता ने दोनों को नकार दिया. वहीं शंकर सिंह के पास किसी बड़े नेता का समर्थन नहीं था. उन्होंने सिर्फ अपने कार्यकर्ताओं के दम पर इस चुनाव में जीत हासिल की.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_imgspot_imgspot_img

Most Popular

Recent Comments