Heatwave Alert: पिछले दो दिनों से दिल्ली-NCR और उत्तर भारत के इलाकों में हीटवेव चल रही है. इसी के कारण IMD (मौसम विभाग) ने रेड, येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. आइये जानें इसके मायने क्या होते हैं.

देश की राजधानी दिल्ली-NCR समेत उत्तर भारत के राज्य इन दिनों हीटवेव की चपेट में है. मौसम विभाग ने रविवार को फिर से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी राजस्थान के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. यहां अगले 5 दिनों तक लू और भीषण लू के साथ गरम हवाओं की बात कही गई है. इससे पहले कई राज्यों के लिए ऑरेंज, येलो और रेड अलर्ट जारी किया जा चुका है.

दिल्ली के कई इलाकों में पारा 47 डिग्री तो हरियाणा और पंजाब के कई इलाकों में तापमान 45 डिग्री पहुंच गया है. ऐसे में लोगों से सतर्क रहने को कहा जा रहा है और हीटवेव का अलर्ट जारी किया जा रहा है. आइये जानते हैं ऑरेंज अलर्ट, येलो अलर्ट और रेड अलर्ट के साथ-साथ लू क्या है और ऐसे में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए.

कहां कौन सा अलर्ट

– लू का अलर्ट: दिल्ली-NCR, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उत्तरी मध्य प्रदेश, गंगा से सटे पश्चिम बंगाल और ओडिशा 

– रेड अलर्ट: दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी राजस्थान के साथ उत्तर भारत के कुछ इलाके

– ऑरेंज अलर्ट: गुजरात, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पूर्वी राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार 

– येलो अलर्ट: मध्य प्रदेश, झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल और ओडिशा

क्या है हीटवेव अलर्ट ?

IMD के अनुसार जब किसी इलाके में तापमान औसत से ज्यादा हो जाता है और वहां हवाओं का प्रभाव दिखता है तो हीटवेव होती है. इसमें तापमान की स्थिति अलग-अलग क्षेत्र के औसत तापमान के अनुसार होती है. आमतौर पर ये मैदानी इलाकों में 40 डिग्री और पहाड़ी इलाकों में 30 डिग्री होता है.ऐसे में वहां ऑरेंज अलर्ट, येलो अलर्ट और रेड अलर्ट जारी किया जाता है.

जानें अलर्ट का मतलब

येलो अलर्ट- ये खतरे की शुरुआती घंटी होती है. इसका अर्थ होता है की आप मौसम से अपडेट रहिए. ये स्थिति अधिकतम 2 दिनों तक रह सकती है.

ऑरेंज अलर्ट- ये खतरे का दूसरा पड़ा होता है. इसका मतलब है की आपको तैयारी बना लेनी है. ये स्थिति अधिकतम 4 दिनों तक रह सकती है.

रेड अलर्ट- ये मौसम के बिगड़ने का चरण होता है. इसका मतलब है की अब आपको बचाव के उपाय करने ही होंगे. ये स्थिती 6 दिनों या उससे ज्यादा रह सकती है.

क्या-क्या उपाय करें

– धूप में बाहर जाने से बचें, खासकर दोपहर से 3 बजे के बीच

– बाहर जाने पर टोपी या छाते का उपयोग करें. सिर, गर्दन, चेहरे पर गीला कपड़ा लगाएं

– पर्याप्त पानी पिएं, हल्के रंग के, ढीले और छिद्रयुक्त सूती कपड़ों के साथ ही चश्मा, छाता/टोपी, जूते या चप्पल पहनें

– शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड शीतल पेय की जगह लस्सी, तोरानी (चावल का पानी), नींबू पानी, छाछ आदि पिएं।

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