लोकसभा चुनाव में अजित पवार की एनसीपी ने चार सीटों पर चुनाव लड़ा जिसमें से वह केवल रायगढ़ सीट पर ही जीत सकी. महाराष्ट्र के लोकसभा चुनाव में लचर प्रदर्शन की अजित पवार ने खुद जिम्मेदारी ली.
नरेंद्र मोदी आज लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. शपथ ग्रहण समारोह से पहले नरेंद्र मोदी एनडीए प्रमुख के तौर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मंत्री परिषद के सदस्यों की सूची सौंप सकते हैं. इसी बीच महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी अजित पवार और उनकी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. खबर है कि एनसीपी को पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में आने का न्योता नहीं मिला है. यह नहीं खबर ये भी है कि उन्हें मोदी 3.0 में कोई मंत्री पद ऑफर नहीं हुआ है.
विधानसभा चुनाव से पहले महायुति में फूट की सुगबुगाहट
बता दें कि महाराष्ट्र में इस साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. विधानसभा चुनाव से पहले और राज्य के लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद महायुति सरकार में फूट की सुगबुगाहट तेज हो गई है. बुधवार को दिल्ली में एनडीए के सहयोगी दलों की बैठक भी हुई थी, अजित पवार इस बैठक से भी नदारद रहे थे.
केवल एक सीट पर जीती अजित पवार की पार्टी
लोकसभा चुनाव में अजित पवार की एनसीपी ने चार सीटों पर चुनाव लड़ा जिसमें से वह केवल रायगढ़ सीट पर ही जीत सकी. वहीं दूसरी तरफ उनके चाचा शरद पवार की एनसीपी (एसपी) ने 10 सीटों पर चुनाव लड़ा जिसमें से वह 8 सीटों पर विजयी हुई. महाराष्ट्र के लोकसभा चुनाव में लचर प्रदर्शन की अजित पवार ने खुद जिम्मेदारी ली. अजित पवार बारामती सीट को भी नहीं बचा सके जो उनके लिए एक प्रतिष्ठित सीट मानी जाती थी.
एनसीपी के अस्तित्व पर संकट के बादल
लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद अब एनसीपी के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. हाल ही में शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने कहा था कि अजित पवार गुट के कई विधायक उनके संपर्क में हैं. सुप्रिया सुले के दावे पर अजित पवार को सफाई देनी पड़ी. उन्होंने आश्वासन दिया की सभी विधायक उनके साथ मजबूती से खड़े हैं.
क्या चाचा से अलग होना पड़ा महंगा
इस सवाल का जवाब देते हुए कि क्या शरद पवार से अलग होने की वजह से उन्हें लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा? पवार ने कहा कि शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना ने 15 में से 7 सीटों पर जीत हासिल की है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में दलबदल कोई नई बात नहीं है. 1978 में भी ऐसा ही हुआ था जिसके बार शरद पवार महाराष्ट्र के सीएम बने थे.
गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई में अजित पवार के नेतृत्व वाला एनसीपी गुट महायुति गठबंधन सरकार में शामिल हो गया था. महायुति में भारतीय जनता पार्टी, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना शामिल है.