इंदौर के श्री युगपुरुष आश्रम में किसी रहस्यमयी बीमारी से 5 बच्चों की मौत हो गई, जबकि 30 बच्चे अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं. बताया जा रहा है कि खाना खाने के बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी थी, हालांकि अभी तक बच्चों की तबीयत खराब होने की असल वजह सामने नहीं आ सकी है. सीएम ने मामले की जांच के लिए उच्च-स्तरीय कमिटी गठित की है.
Indore News: इंदौर के एक आश्रम में एक रहस्यमयी बीमारी के कारण पिछले 72 घंटों में 5 मानसिक रूप से विक्षिप्त बच्चों की मौत हो गई जबकि 30 बच्चे अस्पताल में भर्ती कराने पड़े हैं जिनका इलाज जारी है. इस घटना के सामने आने के बाद मध्य प्रदेश के राजनीतिक और प्राशासनिक हलकों में खलबली मच गई. मरने वालों में सबसे छोटे बच्चे की उम्र तीन साल है.
बीमारी के बावजूद बच्चों को नहीं मिला इलाज
मंगलवार को बच्चों समेत दो की मौत उस समय हुई जब वरिष्ठ अधिकारियों ने आश्रम का दौरा किया. बताया जा रहा है कि दो बच्चे बीमार थे बावजूद इसके उन्हें इलाज के लिए अस्पताल नहीं ले जाया गया, जबकि तीन की पहले ही मौत हो चुकी थी. तीसरी मौत के बाद सुबह तक प्रशासन ने डॉक्टरों को श्री युगपुरुष धाम आश्रम में नहीं भेजा था.
एसडीएम पर गिरी गाज
इस हृदयविदारक घटना के बीच में मल्हारगंज एसडीएम ओम प्रकाश बड़कुल का ठहाके लगाते हुए एक वीडियो वायरल हो गया, जिससे लोगों में आक्रोश भड़क गया. जब इस मामले की एडीएम राजेंद्र रघुवंशी द्वारा जांच शुरू की गई उस दौरान बड़कुल आश्रम में ही मौजूद थे. उनकी असंवेदनशीलता के कारण एसडीएम को तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटा दिया गया है. सीएम मोहन यादव ने मंगलवार शाम को ट्वीट कर यह जानकारी दी.
जांच के लिए हाई-लेवल कमिटी गठित
सीएम ने इस मामले एक उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. कलेक्टर आशीष सिंह के नेतृत्व में गठित एक टीम ने मंगलवार को घटनास्थल का दौरा किया. सूत्रों के मुताबिक, बच्चों की मौत कैसे हुई अभी तक इसकी असल वजह की पुष्टि नहीं हो पाई है लेकिन उन्हें फूड पॉइजनिंग के लक्षण थे. अस्पताल में इलाजरत कुछ बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है.
आश्रम में रहते हैं 206 बच्चे
इस आश्रम में 206 बच्चे रहते हैं, जिनमें से 35 बच्चों की एक अज्ञात बीमारी के कारण तबीयत बिगड़ गई थी. तबीयत बिगड़ने के बाद रविवार सुबह 8 बजे शुभ नामक 8 साल के बच्चे की सबसे पहले मौत हुई. इसके बाद सोमवार को 12 साल के करण उर्फ शुभम और 7 साल के आकाश की मौत हो गई. करण पिछले 15 महीनों से आश्रम में था. वहीं आकाश दो महीनों पहले ही आश्रम में आया था.
मंगलवार को जब अधिकारी आश्रम में जांच क रहे थे उसी दौरान दो और बच्चों तीन साल के गोविंद और 14 साल की दिया की मौत हो गई, वे पिछले तीन से छ महीनों से आश्रम में थे. गोविंद ने दोपहर करीब तीन बजे पेट में दर्द की शिकायत की थी, जिसके बाद उसे चाचा नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके आधे घंटे बाद लंच में चावल और दाल खाने वाली दिया दोस्तों के साथ खेलते हुए बेहोश हो गई.