46 साल के बाद पुरी जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को आज फिर से खोल दिया गया. इस दौरान मंदिर के बाहर हाई लेवल सिक्योरिटी तैनात की गई है. रत्न भंडार के अंदर 6 विशालकाय संदूकों को भेजा गया है. ये संदूक इतने बड़े हैं कि एक संदूक को उठाने के लिए 8 से 10 लोगों को लगाना पड़ा. भंडार से रत्नों को निकालकर इनकी गिनती की जाएगी. गिनती के दौरान डिप्टी सीएम और कई प्रशासनिक अधिकारी वहीं मौजूद रहेंगे.

Odisha News: ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार आज (14 जुलाई) फिर से खोल दिया गया. ओडिशा के सीएम ऑफिस ने इस बात की पुष्टि की है. भंडार को खोले जाने के दौरान वहां सरकार के प्रतिनिधि, ASI के अधिकारी, श्री गजपति महाराज के प्रतिनिधि समेत 11 लोग मौजूद है.अधिकारियों ने बताया कि सरकार रत्न भंडार में मौजूद कीमती सामानों की डिजिटल लिस्टिंग करेगी, जिसमें रत्नों के वजन और उनके निर्माण की डिटेल होगी.

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के सुपरिटेंडेंट डीबी गडनायक ने कहा कि इंजीनियर्स मरम्मत कार्य के लिए रत्न भंडार का सर्वे करेंगे. रत्न भंडार को आखिरी बार आधिकारिक तौर पर 46 साल पहल 1978 में खोला गया था.

रत्न भंडार में भेजे गए 6 विशालकाय संदूक

रत्न भंडार को खोलने से पहले प्रशासन ने लकड़ी के 6 भारी संदूक मंगाए. ये संदूक इतने वजनी थे कि एक संदूक को उठाने के लिए 8 से 10 लोगों को लगाना पड़ा. इन संदूकों को रत्न भंडार में भेजा गया है.

मंदिर के बाहर हाई लेवल सिक्योरिटी

रत्न भंडार को खोले जाने के दौरान जगन्नाथ मंदिर के बाहर उच्च स्तरीय सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं. ऐसी कड़ी सुरक्षा की परिंदा भी पर नहीं मार सकता.

एसपी पिनाक मिश्रा ने बताया,  ‘सब कुछ मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार किया जा रहा है। मुझे कुछ भी बोलने का अधिकार नहीं है। हाई लेवल कमेटी और उसके सदस्य बाहर आने के बाद रत्न भंडार से जुड़ी जानकारी देंगे।’ जगन्नाथ मंदिर के बाहर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ मौजूद है.

क्या बोलीं डिप्टी सीएम

रत्न भंडार खोले जाने को लेकर डिप्टी सीएम प्वती परिदा ने कहा कि हम आज से वहीं रुकेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि रत्नों की गिनती आराम से हो. 

उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि हमें वहां मौजूद रहना है। हम आज से वहीं पर रुकेंगे और देखेंगे कि गिनती आराम से हो। हमें विश्वास है कि प्रभु की कृपा से सब कुछ आसान होगा। पिछली सरकार ने रत्न भंडार को रहस्य बनाकर रखा था। रत्न भंडार की बार-बार गिनती होनी चाहिए।

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