NEET UG Row: नीट परीक्षा 2024 में एक आरोपी और उसके पिता ने जो कबूला है, वह पूरे सिस्टम के चेहरे पर तमाचा है. जो छात्र 40 लाख रुपये घूस देकर डॉक्टर बनेगा, उसकी प्राथमिकता लूट होगी या वह इलाज करेगा? कैसे भ्रष्टाचार लोगों की रग-रग में घुस गया है, एक एग्जाम ने पोल खोल दी है. इस केस में अब तक क्या खुलासा हुआ है, पढ़ें रिपोर्ट.

आप अस्पताल क्यों जाते हैं? सही इलाज और अपनी जान बचाने के लिए ही न? क्या हो जिस डॉक्टर पर भरोसा करके आप इलाज कराने पहुंचे हों उसकी नीयत सिर्फ आपको लूटने की ही हो. हो भी क्यों न, जो छात्र 40 लाख रुपये घूस देकर डॉक्टर बनेगा, वह पहले अपने पैसा वसूलेगा या जनसेवा करेगा. करप्शन से बना डॉक्टर, कैसे सही इलाज कर सकेगा. NEET UG पेपर लीक में जो खुलासे हो रहे हैं, वो पूरे सिस्टम को संदेह के घेरे में ला रहे हैं.

नीट पेपर लीक केस में गिरफ्तार छात्र आयुष ने कबूला है कि उसकी सेटिंग सिकंदर प्रसाद यदुवंशी ने ही कराई थी. उसके पिता ने भी कबूला है कि 40 लाख रुपये लेकर डॉक्टर बनाने का पूरा प्लान तैयार था. पेपर लीक की खबर न फैली होती तो आयुष डॉक्टरी की पढ़ाई करता और डॉक्टर बनता भी. जब बाप ही करप्शन में शामिल हो, 40 लाख रुपये घूस देकर जो अपने बेटे को डॉक्टर बनाना चाहता हो, उसकी वसूली की नीयत कितनी खतरनाक होगी, यह भी सोचने वाली बात है.

एक इंजीनियर, जो है घोटाले का सूत्रधार

बिहार से पेपर लीक के बारे में जो राज खुले हैं, वे हैरान कर देने वाले हैं. पेपर सेटर इंजीनियर सिकंदर सिर्फ दूसरों को ही नहीं, अपने रिश्तेदारों को भी इसी तरीके से पास कराता था. उसके साले के बेटे अनुराग ने परीक्षा के एक दिन पहले क्वेश्चन पेपर मिलने की बात कबूली थी. 

कहां-कहां से जुड़े हैं धांधली के तार

बिहार की आर्थिक अपराध शाखा (EOU) ने पता कर लिया है कि करप्शन के तार कहां-कहां तक फैले हुए थे. राजवंशीनगर स्थित डीएवी स्कूल में नीट की परीक्षा आयोजित हुई थी. यहीं पेपर देने वाले आयुष ने अपना गुनाह कबूला है. उसका कबूलनामा बताता है कि इस केस में कहां-कहां से धांधली के तार जुड़े हुए हैं. 

कोटा तैयारी करने गया था बेटा, बाप ने की सेटिंग और लीक हो गया पेपर

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आयुष नीट की तैयारी करने कोटा गया था. उसके पिता ने फोन करके कहा तुम पटना लौटो, नीट परीक्षा में पास कराने की सेटिंग हो गई है. 4 और 5 मई की रात में पिता के वह सिकंदर से मिला, जहां छात्रों को नीट का पेपर रटाया जा रहा था. जैसे ही परीक्षा पूरी हुई, पुलिस ने आरोपी छात्र को धर दबोचा. इस प्रकरण में गलती बाप की है या बेटे की, यह भी कानून को तय करना है. जब बाप, खुद अपने बेटे को भ्रष्टाचारी बनाने पर तुला हो तो कानून की धज्जियां उड़नी तय ही हैं. 

40 लाख में डॉक्टर बनाने की हुई थी बात

आयुष के पिता अखिलेश कुमार ने भी खुद के भ्रष्टाचार में लिप्त होने की पूरी कहानी बता दी है. उसने कबूला है कि 40 लाख में सारी सेटिंग हो जाएगी. बेटा पास हो जाएगा और डाक्टर बन जाएगा. सिकंदर ने उससे कहा कि सब सेट है, 40 लाख रुपये लगेंगे, बेटा पास हो जाएगा. अखिलेश कुमार ने सारे दस्तावेज भी सिकंदर को दे दिए. 4 मई की रात को ही सिकंदर उसके बेटे को पेपर रटवाने ले गया था. सिकंदर ने उससे कहा था कि जब बच्चा पास हो जाए तो रुपया दीजिएगा. 

बिहार EOU ने नीट पेपरलीक केस में रिपोर्ट तैयार की है, अब इस रिपोर्ट को शनिवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के पास भेजा जाएगा. इस केस में अब तक 4 परीक्षार्थी, 13 आरोपियों के बयान दर्ज कराए जा चुके हैं. 5 मई को पेपरलीक के बाद एडमिट कार्ड, जले हुए क्वेश्चन पेपर जमा किए गए हैं. 

सुनिए, भ्रष्टाचार को इलाज की जरूरत है, भ्रष्टाचारी से इलाज की जरूरत नहीं!

भ्रष्टाचार को इलाज की जरूरत है, भ्रष्टाचारी से इलाज कराने की जरूरत नहीं है. जो मां-बाप अपने बच्चों को घूस देकर, नीट जैसे एग्जाम में धांधली करा रहे हैं, वे अपने बच्चों को कैसे गलत धंधे में शामिल होने से रोकेंगे. अस्पतालों पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं. गलत इलाज से लेकर इलाज अंग व्यापार तक. क्या भरोसा करप्शन की कोख से निकलने वाले ये डॉक्टर, मरीज का सही इलाज ही करेंगे. जो लाखों रुपये देकर डॉक्टर बनेगा, वह पहले लाखों रुपये लूटेगा. 

लूट के इस खेल में हम-आप दोषी हैं. अपने बच्चों को काबिल बनाएं, उन्हें भ्रष्टाचारी बनाने की क्या जरूरत है. जो लोग पकड़े गए हैं, क्या वे अब अपना करियर बना सकते हैं? सामाजिक प्रतिष्ठा भी गई, जेल भी होगी और हमेशा भ्रष्टाचार का धब्बा भी लगा रहेगा. भ्रष्टाचारी डॉक्टर, जिस समाज में इलाज करेंगे, वहां मरीजों का वेंटिलेटर पर जाना तय ही है. ऐसे डॉक्टरों से भगवान बचाए.

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