Jharkhand CM: झारखंड को अपना नया मुख्यमंत्री मिल गया है. हेमंत सोरेन ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. इससे पहले, चंपई सोरेन ने बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. शपथ लेने से पहले ही हेमंत सोरेन ने विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि षड्यंत्र के तहते उन्हें जेल भेजा गया था लेकिन कोर्ट ने न्याय दिया।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता हेमंत सोरेन ने तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. राजभवन में हुए छोटे से शपथ ग्रहण कार्यक्रम में राज्यपाल सी आर राधाकृष्णन ने उन्हें शपथ दिलाई. हेमंत सोरेन ने आज ही राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था. 5 महीने जेल में बिताने के बाद हेमंत सोरेन हाल ही में जेल से वापस लौटे हैं. झारखंड हाई कोर्ट ने 28 जून को हेमंत सोरेन को जमानत दे दी थी.
!
हेमंत सोरेन इससे पहले दो बार झारखंड के मुख्यमंत्री बन चुके हैं. एक बार जुलाई 2013 से दिसंबर 2014 के बीच यानी कुल 1 साल 168 दिन के लिए उन्होंने सरकार चलाई थी. दूसरी बार वह 29 दिसंबर 2019 को मुख्यमंत्री बने थे. हालांकि, 2 फरवरी 2024 को उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. इसी के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. 5 महीने उनके जेल में रहने के दौरान चंपई सोरेन ने राज्य की सरकार चलाई.
‘अंहकारियों ने मुझे चुप कराने की कोशिश की थी’
शपथ लेने से ठीक पहले हेमंत सोरेन ने एक वीडियो जारी किया. इस वीडियो में उन्होंने कहा, ‘आज 4 जुलाई की तारीख है. 31 जनवरी का दिन था, यही जगह से मैंने आपको एक संदेश दिया था कि किस तरह से मेरे विरोधियों ने षड्यंत्र रचा है और ये लोग इसमें कामयाब भी हुए. आज 5 महीने तक इन लोगों ने मुझे अलग-अलग तरीके से जेल में रखने का प्रयास किया. हमने भी कानूनी लड़ाई का रास्ता अपनाया. सड़कों पर आप लोगों ने हमें भरपूर सहयोग दिया. आखिर में न्याय के आदेश के अनुरूप मैं बरी हुआ. आज मैं पुन: आपके सामने हूं. 2019 में आप सबने मुझे राज्य को दिशा देने के लिए, आपकी सेवा करने के लिए मौका दिया था.
उन्होंने आगे कहा, ‘षड्यंत्रकारियों को यह पचा नहीं कि एक आदिवासी नौजवान कैसे इतने ऊंचे पदों पर जा सकता है. अंतत: 31 जनवरी को इन लोगों ने बेबुनियाद आरोपों पर झूठ केस बनाकर मुझे मुख्यमंत्री पद से हटने के लिए मजबूर कर दिया लेकिन भगवान के घर में अंधेर नहीं रहता है.5 महीने पहले सत्ता के मद में चूर अहंकारियों ने मुझे चुप कराने की कोशिश की थी. आज झारखंडियों की जनमत वापस बुलंद होगी. जय झारखंड, जय हिंद.’