school without bags: शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। विदेशों की तरह अब भारत में भी छात्र बिना बैग के स्कूल जाएंगे और प्रैक्टिकल शिक्षा पर फोकस करेंगे। दरअसल,  केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों में Bagless Days (बिना स्कूल बैग) को लेकर नई गाइडलाइंस की समीक्षा की है। स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार ने NCERT की यूनिट की ओर से तैयार गाइडलाइंस पर CBSE, NCERT, केंद्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय संगठन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। यह तय किया गया है कि समीक्षा के बाद अब जल्द ही इन दिशा-निर्देशों को  लागू किया जाएगा।

स्कूली शिक्षा के लिए जारी किए गए नैशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) में यह स्पष्ट किया कि क्लासरूम टीचिंग केवल किताबों की दुनिया ही नहीं है बल्कि छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों के एक्सपर्ट्स से भी मिलवाना चाहिए। स्कूलों के वार्षिक कैलेंडर में 10 Bagless Days होंगे यानी 10 दिन छात्र बिना बैग और किताबों के स्कूल जाएंगे। 

इन दिनों में छात्रों को फील्ड विजिट करवाई जाएगी। इन दस दिनों में छात्रों को स्थानीय पारिस्थितियों के बारे में जागरूक करवाया जाएगा, उन्हें पानी की शुद्धता की जांच करना सिखाने से लेकर, स्थानीय वनस्पतियों और जीवों को पहचानने और स्थानीय स्मारकों का दौरा करवाया जाएगा।

10 दिन बिना बैग के स्कूल जाना जरूरी

शिक्षा नीति में यह कहा गया है कि कक्षा 6-8 के सभी छात्रों के लिए 10 दिन बिना बैग के स्कूल जाना जरूरी होगा। इस दौरान छात्र लोकल स्किल एक्सपर्ट्स के साथ इंटर्नशिप करेंगे और पारंपरिक स्कूल व्यवस्था से बाहर की गतिविधियों में हिस्सा लेंगे। बैगलेस डेज के दौरान कला, क्विज, खेल और कौशल- आधारित शिक्षा जैसी विभिन्न गतिविधियां शामिल होंगी।

 छात्रों को कक्षा के बाहर की गतिविधियों से समय-समय पर अवगत कराया जाएगा, जिसमें ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और पर्यटन स्थलों की यात्रा, स्थानीय कलाकारों और शिल्पकारों के साथ बातचीत और स्थानीय कौशल आवश्यकताओं के अनुसार उनके गांव, तहसील, जिले या राज्य के भीतर विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों का दौरा शामिल है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here