वहीं आजमगढ़ महोत्सव में समाजवादियों को ना बुलाने को लेकर रखी बात

राकेश वर्मा
आजमगढ़/संसद वाणी :
नेहरू हॉल के सभागार में गुरुवार को समाजवादी नेता स्वर्गीय इशदत्त यादव की पुण्यतिथि मनाई गई। इस दौरान समाजवादी पार्टी के नेता व कार्यकर्ता गण मौजूद रहे। मुख्य अतिथि आजमगढ़ के सांसद धर्मेंद्र यादव रहे। इस दौरान लालगंज सांसद दरोगा प्रसाद सरोज, विधान परिषद नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव समेत आजमगढ़ के तमाम विधायक व अन्य जनप्रतिनिधीकरण मौजूद रहे। बीजेपी सरकार पर धर्मेंद्र यादव ने जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि स्थिति बद से बदतर है। कानून व्यवस्था फेल है। केवल बहाना कर समाजवादी पार्टी के लोगों को सताया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर की कार्रवाई को रोका है जिसके लिए वो धन्यवाद के पात्र हैं। लेकिन बीजेपी के नेता झूठ बोलने से बाज नहीं आ रहे हैं। धर्मेंद्र यादव ने आजमगढ़ के देवारा क्षेत्र में बाढ़ की समस्या को उठाया। उन्होंने कहा कि एक दिन पूर्व वह बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में पहुंचे थे। वहां पर बाढ़ चौकियां केवल कागजों में स्थापित है। मौके पर कुछ नहीं दिखाई दे रहा है। एक दो बाढ़ चौकियों पर कुछ सिपाही नजर आए। इसके अलावा कोई सरकारी कर्मचारी राजस्व कर्मी नजर नहीं आया। सभी लोगों को आजमगढ़ महोत्सव में लगा दिया गया है। वहां लोगों को तमाम दुश्वारियां का सामना करना पड़ रहा है। चिकित्सा की समस्या है, सांप काट ले रहा लेकिन इलाज नहीं हो पा रहा। राशन की समस्या है। तमाम समस्या है लेकिन उसका निदान नहीं हो पा रहा है। अब वह एक बार फिर शुक्रवार को वहां पर जाएंगे और जायजा लेंगे। उन्होंने निशाना साधा कि बीजेपी के लोग तमाम तरीके का झूठा दावा कर रहे हैं और जहां तक वादा निभाने की बात है तो उन्होंने दो करोड़ लोगों को रोजगार दे दिया है। स्विस बैंक से पैसा वापस मंगा लिए हैं। किसानों की आय दोगुनी कर दी है। तमाम इस तरीके के दावे को पूरा किए हैं। आजमगढ़ महोत्सव को लेकर धर्मेंद्र यादव ने कहा कि समाजवादियों से इन लोगों को डर लगता है। समाजवादी पार्टी के किसी जनप्रतिनिधि गण को निमंत्रित नहीं किया गया है ना उन्हें न किसी अन्य को। इस दौरान सांसद धर्मेंद्र यादव ने पूर्व सांसद निरहुआ पर भी तमाम झूठे दावे करने का आरोप लगा निशाना साधा। वही कार्यक्रम को लेकर कहा कि स्वर्गीय इशदत्त यादव एक छोटे से गांव से निकलकर समाजवादी विचारधारा को आगे बढ़े। शोषितों पीड़ितों दलितों अल्पसंख्यकों की लड़ाई लड़ी।

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