UP PCS (J) Exam: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित सिविल जज के पदों पर भर्ती के लिए पीसीएस जे एग्जाम के रिजल्ट में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. जांच में पता चला है कि करीब 50 अभ्यर्थियों की कॉपियां बदल दी गईं थीं. कई स्टूडेंट्स के आंसरशीट के पेज फटे हुए थे. फिलहाल, कार्रवाई करते हुए यूपी पीएससी ने कॉपी बदलने के मामले में तीन लोगों को सस्पेंड कर दिया है.
UP PCS (J) Exam: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने यूपी ज्यूडिशियल सर्विस सिविल जज (जूनियर डिवीजन) मेन एग्जाम 2022 में आंसरशीट से छेड़छाड़ के मामले में 3 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है. UP PCS (J) एग्जाम 22 से 25 मई, 2023 के बीच आयोजित की गई थी, जबकि रिजल्ट 30 अगस्त, 2023 को घोषित किए गए थे. अभ्यर्थियों के मार्क्स नवंबर 2023 में सार्वजनिक किए गए थे.
UP PCS (J) एग्जाम में शामिल एक अभ्यर्थी ने आंसरशीट से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था. UPPSC के सेक्रेटरी अशोक कुमार ने सोमवार को बताया कि इस मामले की जांच में लापरवाही बरतने का दोषी पाए जाने पर सेक्शन अफसर शिव शंकर, रिव्यू अफसर नीलम शुक्ला और असिस्टेंट रिव्यू अफसर भगवती देवी को सस्पेंड कर दिया गया है.
अशोक कुमार ने बताया कि सुपरवाइजिंग अफसर ने डिप्टी सेक्रेटरी सतीश चंद्र मिश्रा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का भी निर्णय लिया है. रिटायर्ड असिस्टेंट रिव्यू अफसर चंद्रकला के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी राज्य सरकार से अनुमति मांगी गई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, जानकारी मिली है कि मेन एग्जाम में शामिल करीब 50 अभ्यर्थियों की आंसरशीट से छेड़छाड़ हुई है. अब यूपीपीएससी के डिप्टी सेक्रेटरी ने गड़बड़ी वाले अभ्यर्थियों के रिजल्ट को दोबारा 3 अगस्त तक घोषित करने का हलफनामा दायर किया है.
आखिर क्या है पूरा मामला?
PCS (J) एग्जाम 2022 के अभ्यर्थी श्रवण पांडेय ने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत अपनी आंसरशीट देखी थी. इसके बाद श्रवण पांडेय की ओर से इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी अंग्रेजी की आंसरशीट में हेंडराइटिंग अलग थी. इसके अलावा, अन्य सब्जेक्ट्स की आंसरशीट के कुछ पेज फटे हुए भी थे. इसके कारण वे मेन एग्जाम में पास नहीं हो पाए.
श्रवण पांडेय की याचिका के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 5 जून 2024 को UPPSC को याचिकाकर्ता के 6 क्वेश्चनपेपर की आंसरशीट कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया था. इसके बाद आयोग ने 7 जून 2024 को हाई कोर्ट में उपस्थित होकर हलफनामा दिया कि मामला प्रकाश में आने के बाद मेन एग्जाम में शामिल सभी 3019 अभ्यर्थियों की 18042 आंसरशीट की जांच की जा रही है.
अभ्यर्थियों को दिखाई जा रही है उनकी आंसरशीट
आयोग ने 20 जून से अभ्यर्थियों को आंसरशीट भी दिखानी शुरू कर दी है. PCS (J) एग्जाम 2022 की मुख्य परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों को उनके रोल नंबर के अनुसार 30 जुलाई तक कॉपियां दिखाई जाएंगी. अब तक 232 अभ्यर्थी अपनी आंसरशीट देख चुके हैं.
अपनी याचिका में शिकायतकर्ता ने और क्या कहा?
अभ्यर्थी श्रवण पांडेय की ओर से दायर की गई याचिका को हाई कोर्ट के जस्टिस एसडी सिंह और अनीस कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने पूरे मामले को गंभीर माना. खंडपीठ ने आयोग के चेयरमैन को हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया. हलफनामे में आयोग के चेयरमैन ने गड़बड़ी की बात को स्वीकार किया. याचिका पर अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी.
उधर, याचिकाकर्ता श्रवण पांडेय ने बताया कि जब रिजल्ट जारी हुआ और मार्क्स सार्वजनिक किए गए, तो जो मार्क्स मुझे मिले थे, उससे मुझे संतुष्टि नहीं हुई. मैंने RTI के जरिए जानकारी मांगी, तब पता चला कि इंग्लिश में 200 से में से मुझे मात्र 47 मार्क्स मिले थे. इसके बाद मैंने सभी पेपर के आंसरशीट को दिखाने की मांग की. इस दौरान पता चला कि इंग्लिश की आंसरशीट में मेरी हैंडराइटिंग ही नहीं थी, जबकि हिंदी की आंसरशीट के कुछ पेज फटे हुए थे.
आयोग को कोर्ट के सामने देने होंगे इन सवालों के जवाब
रिजल्ट जारी होने के बाद चयनित अभ्यर्थी ज्वाइन कर चुके हैं. ऐसे में अब आयोग को कोर्ट के सामने जवाब देना होगा कि आखिर कितने अभ्यर्थियों के रिजल्ट सही हैं. अगर दोबारा रिजल्ट जारी किए गए तो कितने अभ्यर्थी जॉब से बाहर जाएंगे? इसके अलावा, इस पूरे प्रोसेस की भी जानकारी आयोग को कोर्ट को देनी होगी. सवालों के जवाब और पूरे प्रोसेस के बारे में आयोग को 3 अगस्त तक कोर्ट को जानकारी देनी है.