विश्वनाथ प्रताप सिंह

हरहुआ/संसद वाणी : विश्व हिन्दू परिषद द्वारा षष्ठीपूर्ति कार्यक्रम के अन्तर्गत ध्येय यात्रा के 60 वर्ष पूरे होने पर स्थापना दिवस का कार्यक्रम काशी ग्रामीण हरहुआ प्रखण्ड स्थित वैभव बालिका विद्यापीठ साईं उदयपुर वाराणसी में आज सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से विद्यालय प्रबंधक श्री जयप्रकाश पाण्डेय व कार्यक्रम की मुख्य वक्ता मातृशक्ति (सहसंयोजिका) काशी प्रांत श्रीमतीअनिता सिह ने संयुक्त रूप से किया।कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के प्रबंधक श्री जयप्रकाश पाण्डेय जी के उदबोधन से हुआ जिसमें उन्होंने विस्तार से विश्व हिन्दू परिषद् के गठन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में सम्मिलित विहिप काशी प्रांत मातृशक्ति (सहसंयोजिका) श्रीमती अनिता सिंह ने अपने उदबोधन में विहिप द्वारा 60 वर्षों में अर्जित उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जन्माष्टमी के दिन 1964 में पवई स्थित पूज्य चिन्मयानन्द जी महाराज के संदीपनी आश्रम से शुरू हुई ध्येय यात्रा आज उस मुकाम पर पहुंच चुका है जहां पर स्थापना के समय संकल्पित ध्येय हिन्दू समाज को इकट्ठा करना, हिन्दू धर्म की रक्षा करना और हिन्दू समाज के धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विषयों पर काम करने का उद्देश्य पूरित हो रहा है जिसका परिणाम हुआ कि अब हिन्दू समाज अपराध बोध से ग्रसित नहीँ है बल्कि उसमें जागरूकता आयी है

तभी तो विचारधारा की पार्टी को केन्द्र की सत्ता तीसरी बार सौंपने में हिचक नहीं दिखाई।विश्व हिन्दू परिषद् ने स्थापना के समय से ही संत सम्पर्क के माध्यम से हिन्दुओं के कतिपय कारणों से हो रहे धर्मांतरण को रोककर,भिन्न-भिन्न कारणों से मुसलमान ईसाई बने हिन्दुओं को पुनः हिन्दू धर्म में वापस लाने में काफी हद तक सफलता पायी है जिससे मिशनरियों व अलगावादियों के षड़यंत्रों पर विराम लगा है।विश्व हिन्दू परिषद् के अथक प्रयासों से ही गौवंश हत्या पर रोक के लिए कड़े कानून बनाने व गौशालाओं के निर्माण में विचारधारा की सरकारों के गठन से मदद मिली है।विश्व हिन्दू परिषद् के सेवा विभाग द्वारा संचालित विभिन्न सेवा प्रकल्पों के माध्यम से बालसंस्कार शालाओं,अनुसूचित जाति,जनजाति क्षेत्रों में विद्यालयों में निःशुल्क छात्रावास संचालित किये जा रहे हैं जिससे ईसाई मिशनरियों द्वारा उनके धर्मांतरण पर रोक लगाने के साथ उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने में मदद मिली है।विहिप द्वारा संचालित रुग्ण सहायता केन्द्रों के माध्यम से रोगियों की सेवा के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं के समय अपने अनुशासित कार्यकर्ताओं द्वारा तन-मन-धन से राहत सेवा का कार्य भी किया जाता हैं।विश्व हिन्दू परिषद् के महत्वपूर्ण उपलब्धियों में श्रीराम जन्मभूमि पर बने रामलला का भव्य मंदिर है जो विहिप के लम्बे संघर्षों का प्रतिफल है जिसके परिणाम स्वरुप 22 जनवरी 2024 को विहिप प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव भव्य रुप में सम्पन्न कर सका है।इसके अतिरिक्त विहिप समय-समय पर धार्मिक यात्राओं के माध्यम से हिन्दूओं को जागृत करने का भी काम करता है।आज हिन्दू समाज कई सामाजिक,धार्मिक और राजनीतिक चुनौतियों जैसे धार्मिक पहचान एवं संस्कृति की रक्षा,जाति की कुटिल राजनीति से हिन्दू समाज को बांटने की साजिश,धार्मिक स्थलों की सुरक्षा, जनसंख्या असंतुलन अर्थात हिन्दू समाज के वृद्धि दर की कमी के कारण पैदा हो रहे संकट से आगाह करते हुए मातृशक्ति (सहसंयोजिका) विहिप काशी प्रांत ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए धार्मिक शिक्षा जागरूकता, सामाजिक एकता को बढ़ावा देने एवं हिन्दू समाज द्वारा धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक करने पर बल देते हुए बालिकाओं को लव-जेहाद के प्रति आगाह करते हुए हाथ के कलावा से छलावा करने वालों से सचेष्ट रहने की आज की सबसे बड़ी जरूरत बताया और उन्हें विहिप द्वारा समय-समय पर आयोजित होने वाले दुर्गावाहिनी बहनों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम में आने के लिए प्रेरित किया ताकि वे आत्मरक्षार्थ निरोधात्मक उपायों के बारे में जान सके।कार्यक्रम की अध्यक्षता विहिप उपाध्यक्ष काशी ग्रामीण ज्ञानेन्द्र प्रकाश पाण्डेय व संचालन पवन पाठक जिला मंत्री विहिप काशी ग्रामीण व आभार ज्ञापन विद्यालय के उप प्रधानाचार्य बालकृष्ण सिंह ने दिया। कार्यक्रम में मातृशक्ति व दुर्गावाहिनी बहनों श्रीमती रीता पाण्डेय व सुश्री मल्लिका पटेल सहित 150 लोगों की उपस्थिति रही।

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