दिल्ली हाईकोर्ट ने टीएमसी नेता साकेत गोखले को मानहानि मामले में केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता हरदीप सिंह पुरी की पत्नी लक्ष्मी पुरी को 50 लाख रुपए अदा करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने यह भी कहा कि गोखले को 8 सप्ताह के भीतर इस आदेश का पालन करना होगा. साथ ही उन्हें एक अंग्रेजी अखबार और ट्विटर पर माफीनामा जारी करना होगा.
दिल्ली हाईकोर्ट ने TMC सांसद साकेत गोखले को मानहानि मामले में लक्ष्मी पुरी को 50 लाख रुपए का मुआवजा देने का निर्देश दिया है. यही नहीं कोर्ट ने गोखले को एक अंग्रेजी अखबार और अपने ट्विटर हैंडल पर माफी मांगने के लिए भी कहा है जो ट्विटर पर अगले 6 महीने तक रहनी चाहिए.
8 सप्ताह के भीतर अमल में लाएं आदेश
कोर्ट ने साकेत गोखले से कहा कि वह 8 महीनों के भीतर इस आदेश पर अमल करें. इस मामले पर सुनवाई के दौरान अदालत ने 2021 में ही आदेश दिया था कि गोखले को पुरी पर लगाए गए आरोपों वाले ट्वीट को हटा लेना चाहिए और गोखले को पुरी के परिवार के खिलाफ इस तरह के आरोप वाले ट्वीट नहीं करने चाहिए.
साकेत गोखले पर क्यों दर्ज हुआ था मानहानि का मामला
दरअसल, साकेत गोखले ने बीजेपी नेता हरदीप सिंह पुरी की पत्नी और पूर्व राजनयिक लक्ष्मी पुरी पर आरोप लगया था कि उन्होंने अपनी अघोषित दौलत से स्विट्जरलैंड में प्रॉपर्टी खरीदी है, जिसके बाद पुरी ने साल 2021 में राज्यसभा सांसद साकेत गोखले के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज किया था, जिसपर कोर्ट ने आज अपना फैसला सुना दिया.
इसके लिए बिना शर्त माफी बहुत कम सजा
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने इस मामले में आज अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि वित्तीय अनयमितता की ओर इशारा करने वाले ‘घुमावदार आरोप’ वास्तव में बीजेपी नेता हरदीप सिंह पुरी को निशाना बना रहे थे और बिना प्रमाणिकता के चीजों को प्रकाशित किया गया जो कि उनका एक गैर जिम्मेदाराना कदम था.
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पूर्व राजनयिक ने दस्तावेजों के जरिए अपने फंड के सोर्स और अपार्टमेंट खरीदने के लिए इस्तेमाल किए गए फंड के बारे में जानकारी दी है, जिसमें उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्होंने बैंक से लोन लिया और अपनी बेटी से पैसा लिया. कोर्ट ने आगे कहा कि गोखले के ट्वीट से पुरी की छवि को नुकसान हुआ है और इसके लिए बिना शर्त माफी बहुत कम है.