PM Narendra Modi Ministries: मंत्रियों की शपथ के अगले ही दिन पीएम मोदी ने उनके विभागों का बंटवारा कर दिया है. अब तक कई मंत्रियों ने कार्यभार संभाल भी लिया है और उनके विभागों में काम शुरू हो गया है.

शपथ ग्रहण के अगले ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों के बीच मंत्रालयों का बंटवारा कर दिया है. पहले की तरह ही अमित शाह को गृह मंत्रालय, राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्रालय, निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्रालय और नितिन गडकरी को सड़क परिवहन मंत्रालय दिया गया है. मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को कृषि मंत्रालय और हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर को ऊर्जा मंत्रालय दिया गया है. मंत्रालयों का बंटवारा होने के बाद आज सुबह से ही मंत्रियों ने अपना कार्यभार संभालना शुरू कर दिया है. ज्यादातर बड़े मंत्रियों के मंत्रालय में बदलाव नहीं किया गया है, ऐसे में उन्हें सेटल होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा.

सोमवार को जब मंत्रालयों का बंटवारा हुआ तो उसमें प्रधानमंत्री मोदी का भी नाम था. हालांकि, ज्यादा चर्चा रेल मंत्रालय, गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय जैसे विभागों को लेकर हो रही है. क्या आप जानते हैं कि इन सब मंत्रालयों के बंट जाने के बाद प्रधानमंत्री के पास कौनसा मंत्रालय बचा है. क्या प्रधानमंत्री खुद भी मंत्री के रूप में काम करते हैं या नहीं? अगर करते हैं तो उनके विभाग कौन से हैं? आइए इन सब सवालों के जवाब मिल जाएंगे.

क्या प्रधानमंत्री के पास भी मंत्रालय होते हैं?

आमतौर पर कई अहम विभाग प्रधानमंत्री के पास ही होते हैं. इसके अलावा, बाकी के कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री और राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करते हैं. यानी मंत्रालय न रखने की स्थिति में भी प्रधानमंत्री ही सरकार के अगुवा होते हैं.

पीएम मोदी के पास कितने मंत्रालय हैं?

2024 में बनी सरकार में पीएम मोदी के पास परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष विज्ञान और कार्मिक मंत्रालय हैं. इसके अलावा, जन समस्याएं और पेंशन विभाग भी पीएम मोदी के पास ही रहेगा. इन मंत्रालयों के साथ-साथ ऐसे सभी मंत्रालय प्रधानमंत्री के पास आ जाते हैं जो किसी और मंत्री को अलॉट न किए गए हों. मंत्रालयों के अलावा, सभी नीतिगत फैसले और अन्य निर्णय प्रधानमंत्री अपने खुद के विवेक से या फिर अपनी कैबिनेट की सलाह पर लेते हैं.

सहयोगियों का दबाव

इस बार अकेले बहुमत न जुटा पाने वाली बीजेपी को एनडीए के अन्य सहयोगियों के भरोसे रहना होगा. ऐसे में उसे टीडीपी, जेडीयू, अपना दल (एस), हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा (HAM) और राष्ट्रीय लोकदल के नेताओं को भी समायोजित करना पड़ रहा है. यही वजह है कि 1 सांसद वाले जीतन राम मांझी, 1 सांसद वाली अनुप्रिया पटेल और कुल तीन सांसदों वाले जयंत चौधरी को भी केंद्र में मंत्री बनाया गया है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here