प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस दौरे पर हैं. उनके मास्को विजिट को लेकर रूसी प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन बेहद उत्साहित हैं. रूसी मीडिया में इस बात की चर्चा है कि पीएम मोदी का रूस आना पश्चिमी देशों को रास नहीं आएगा. प्रधानमंत्री मास्को में व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे. क्रेमलिन की ओर से कहा गया है कि पश्चिमी देश, पीएम मोदी की इस यात्रा पर जलभुन गए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस (Russia) दौरे पर हैं. रूस, यूक्रेन पर हमले के बाद से ही पश्चिमी देशों के निशाने पर है. अमेरिका से लकेर यूरोपियन यूनियन तक, रूस के हमले से चिढ़े हुए हैं और उन देशों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं, जिन्होंने ने रूस से व्यापार बरकरार रखा है. ऐसे वक्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस जाने का फैसला किया है. दुनियाभर की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस क्यों गए हैं. रूस की ओर से दावा किया गया है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पश्चिमी मीडिया को जलन होगी और मिर्ची लगेगी.
रूस ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा बेहद खास है. इस यात्रा में दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी एक शिखर सम्मेलन स्तर की चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 जुलाई से लेकर 9 जुलाई के बीच रूस में रहेंगे. यह भारत और रूस के बीच 22वां शिखर सम्मेलन है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फरवरी 2022 में छिड़े यूक्रेन युद्ध के बाद पहली बार मॉस्को जा रहे हैं.
रूस के साथ किन मुद्दों पर होगी बातचीत?
व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को लेकर चर्चा होगी. दोनों देश, अपने-अपने हितों को देखते हुए चर्चा करेंगे. रूस हमारा रक्षा क्षेत्र से लेकर रणनीतिक क्षेत्र तक अहम भागीदार रहा है. ऐसे में ये यात्रा भारत के लिए बेहद खास है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रूस में भव्य स्वागत होने वाला है. दोनों नेताओं के बीच अनौपचारिक और औपचारिक दोनों स्तर की वार्ता होगी.
यह एजेंडा किसी एक मुद्दे तक सीमति नहीं रहेगा, कई अहम क्षेत्रों पर दोनों देशों के बीच चर्चा होगी. कई प्रोजक्ट पर वार्ता होगी. पेसकोव के मुताबिक रूस को उम्मीद है कि इस वार्ता के कई अहम नतीजे निकलेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को पश्चिमी देश, जलन की नजर से देख रहे हैं. उनकी इस दौरे पर नजर है.
यूक्रेन पर क्या होगी चर्चा?
जब से रूस ने यूक्रेन पर हमला बोला है, तब से लेकर अब तक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्लादिमीर पुतिन से कई स्तर की वार्ता की है. उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से भी बातचीत की है. दोनों से पीएम ने युद्ध रोकने की अपील की है. रूस के साथ बेहतर संबंधों की वजह से भारत ने कई बार रूस को रणनीति बदलने पर मजबूर भी किया है. हालांकि भारत ने यू्क्रेन हमले की निंदा कभी नहीं की है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि हो सकता हो कि यूक्रेन पर चर्चा न हो.
अपनी शर्तों पर राजनीति तय करेगा हिंदुस्तान
भारत और रूस के बीच क्रूड ऑयल को लेकर डील भी दुनिया को रास नहीं आती है. भारत का कहना है कि वह अपनी ही शर्तों पर किसी देश के साथ संबंध जारी रहेगा. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कुछ महीने पहले ही यह इशारा कर दिया था कि भारत पश्चिम के नजरिए से दुनिया को नहीं देखता. भारत संप्रभु राष्ट्र है और किसी के दबाव में फैसले नहीं लेता है. भारत अपनी ही शर्तों पर राजनीति करता है. ऐसे में रूस का दावा सच भी हो सकता है कि पश्चिमी देशों को भारत का रूस दौरा रास न आए.
2019 के बाद पहली बार अब रूस जा रहे पीएम
बीते 5 साल में यह पीएम नरेंद्र मोदी की पहली रूस यात्रा है. साल 2019 में आखिरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस गए थे. वे व्लादिवोस्तोक में इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में हिस्सा लेने गए थे. अब तक रूस और भारत के बीच कुल 21 वार्षिक बैठक हो चुकी है. आखिरी बार यह वार्ता 6 दिसंबर 2021 में हुई थी, जब व्लादिमीर पुतिन भारत आए थे. ऐसे वक्त में जब रूस और यूक्रेन में जंग ठनी है, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रूस दौरा हो रहा है. ऐसे में पश्चिमी देश आलोचना तो जरूर करेंगे.