लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी को विधानसभा के उपचुनाव में झटका लगा है. उपचुनाव में INDIA ब्लॉक ने धमाकेदार प्रदर्शन किया है. मध्य प्रदेश और बिहार समेत 7 राज्यों की 13 सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव के नतीजे शनिवार को आए। इनमें I.N.D.I.A ने 10, NDA को 2 सीटों पर जीत मिली है.
लोकसभा चुनाव के बाद एक बार फिस से इंडिया अलायंस का दबदबा देखने को मिला है. सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों का ऐलान हो गया है. उपचुनाव में INDIA ब्लॉक ने धमाकेदार प्रदर्शन किया है, जबकि बीजेपी को नुकसान हुआ है. 13 में से 10 सीटें इंडिया ब्लॉक के खाते में आई हैं, जबकि 2 सीटें बीजेपी तो एक सीट निर्दलीय के खाते में गई है. बीजेपी को मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में एक-एक सीट मिली.
लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा के उपचुनाव के नतीजों में भी इंडिया गठबंधन हावी रहा है. इस हार से बीजेपी आयोध्या के बाद बद्रीनाथ में भी हार गई है. एक और धार्मिक स्थान पर बीजेपी का हारना किसी झटके से कम नहीं है. देवभूमी उत्तराखंड में बीजेपी दोनों सीट हार गई है. मंगलौर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन ने बीजेपी उम्मीदवार करतार सिंह भडाना को मात दी है. जबकी बद्रीनाथ विधानसभा सीट पर कांग्रेस के लखपत सिंह बुटोला ने बीजेपी उम्मीदवार राजेंद्र सिंह भंडारी को हरा दिया है.
लोकसभा चुनाव के नतीजों से बढ़ा मनोबल
जानकारों का मानना है कि जिस तरह के लोकसभा चुनाव के नतीजे आए थे, उससे विपक्षी दल को काफी बूस्ट मिला है. एनडीए के लिए 400 पार का दावा करने वाली बीजेपी को 240 सीटों पर रोकने के बाद विपक्षी इंडिया गठबंधन के नेता फ्रंटफुट पर हैं. नेता विपक्ष राहुल गांधी ने संसद में जोरदार भाषण दिया तो कुछ ही दिनों के भीतर उन्होंने गुजरात, यूपी, मणिपुर जैसे राज्यों के एक के बाद एक दौरे किए. इसका प्रभाव इस चुनाव में दिखा.
स्थानयी कारण रहे हावी
कई राज्यों में स्थानीय कारण भी बीजेपी की हार की वजह बने हैं. जैसे उत्तराखंड की बद्रीनाथ सीट पर बीजेपी की हार के पीछे स्थानयी कारण रहे. ऑल वेदर रोड जैसी विकास परियोजनाओं, पुरोहितों की नारागजी भाजपा को भारी पड़ी है. जगलों का काटे जाने के खिलाफ प्रदर्शन होते रहते हैं. पंजाब में एकमात्र सीट आम आदमी पार्टी ने जीत ली. यहां भाजपा दूसरे और कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही. पश्चिम बंगाल की 4 विधानसभा सीटों पर ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने जीत दर्ज की. पिछली बार भाजपा के पास 3 सीटें थीं, लेकिन इस बार TMC ने तीनों सीटें छीन लीं. यहां TMC अकेले चुनाव लड़ी.