Lok Sabha Election: सुप्रीम कोर्ट में नोटा को लेकर एक याचिका दायर की गई है. इश याचिका में कोर्ट में मांग की गई है कि अगर किसी सीट पर नोटा को उम्मीदवार से ज्यादा वोट मिलते हैं तो इस सीट पर दोबारा चुनाव कराया जाए.
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में आज देश के कई राज्यों में वोट डाले जा रहे हैं. चुनाव में उम्मीदवारों के नाम पर वोट डालने के अलावा एक ऑप्शन नोटा का होता है. कहा जाता है कि मतदाता जब किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं देना चाहता है तो वह नोटा का बटन दबाता है. नोटा का मतलब होता है इनमें से कोई नहीं लेकिन अब सवाल है कि अगर किसी सीट पर नोटा को सबसे ज्यादा लोगों ने चुना है तो जीत का सहरा किसके नाम होगा.
नोटा से संबंधित एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है. इस याचिका में कहा गया है कि अगर किसी भी सीट पर सबसे ज्यादा वोट नोटा को मिलता है तो उस सीट पर दोबारा चुनाव कराया जाए. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह याचिका चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी हुई है. ऐसे में हम देखते हैं कि चुनाव आयोग इस पर क्या जवाब देता है. इस दौरान कोर्ट ने चुनाव आयोग को एक नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है.
कोर्ट में याचिकाकर्ता की दलील
मोटिवेशनल स्पीकर और लेखन शिव खेड़ा ने यह याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कोर्ट में कहा कि यह एक जरूरी मसला है जिस पर विचार करना जरूरी है. सूरत लोकसभा सीट से निर्विरोध जीत दर्ज करने वाले बीजेपी उदाहरण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमने देखा कि सूरत लोकसभा सीट पर उनके अलावा कोई उम्मीदवार बचा ही नहीं था. इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने और बाकी उम्मीदवारों की ओर से नाम वापस लिए जाने के मैदान में वह अकेले बच गए थे. ऐसे में सभी वोट सिर्फ और सिर्फ उन्हें ही जाने वाला था ऐसे में नोटा को भी एक उम्मीदवार घोषित किया जाना चाहिए.
नोटा को ज्यादा वोट मिलने पर दोबारा चुनाव
याचिकाकर्ता के वकील ने आगे कहा कि चुनाव में अगर किसी उम्मीदवार से ज्यादा वोट नोटा को मिल जाए तो चुनाव दोबारा होना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश में होने वाले सभी चुनाव में साल 2013 में ही नोटा को शामिल किया गया है. इसके बाद से अब तक दो बार यह मांग की गई है कि NOTA को एक काल्पनिक कैंडिडेट घोषित किया जाए.
चुनाव आयोग से याचिकाकर्ता की मांग
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में चुनाव आयोग से यह मांग की गई है कि वह नोटा का अच्छे से प्रचार-प्रसार करें. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग लोगों के बीच इस बात की जानकारी पहुंचाए कि उम्मीदवारों के अलावा आपके पास नोटा का भी एक विकल्प है. यदि किसी सीट पर सबसे ज्यादा लोग नोटा को चुनते हैं तो वहां फिर से चुनाव कराया जाएगा.