Amit shah: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को छत्तीसगढ़ में नक्सली प्रभावित राज्यों की अंतर राज्यीय समन्वय बैठक की अध्यक्षता की है. इस बैठक का लक्ष्य राज्य में एक साल के भीतर उग्रवादियों के शासन का अंत करना है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा की घटनाओं में 2010 की तुलना में 73% की कमी आई है.
Amit shah: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस समय छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं. शनिवार को वह चम्पारण धाम से दर्शन कर रायपुर लौट आए हैं जहां नक्सलवाद पर समीक्षा बैठक शुरू हो गई है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ और 7 पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशकों के साथ अंतरराज्यीय समन्वय बैठक में शामिल हो रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर नक्सलवाद के खात्मे को लेकर इंटर स्टेट कोर्डिनेशन कमेटी की बैठक जारी है.
बैठक में सातों राज्यों में हुए नक्सल ऑपरेशंस की समीक्षा की गई है जिसमें सभी CS और डीजीपी से नक्सल उन्मूलन को लेकर सुझाव मांगे गए हैं. मॉनसून के बाद जॉइंट ऑपरेशन और तेज किये जायेंगे और नक्सल ऑपरेशन में नई तकनीकी का इस्तेमाल होगा. इस बैठक में नक्सल क्षेत्रों के विकास पर जोर दिया गया है और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा कैंप का विस्तार होगा.
सीएम समेत कई अधिकारी हैं शामिल हुए
इस बैठक में नक्सलियों के खात्मे के लिए केंद्र से राज्यों को और कैसे सहयोग मिले इस पर भी विचार होगा? बैठक में सीएम विष्णु देव साय, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, डिप्टी सीएम विजय शर्मा भी मौजूद रहेंगे. इसके अलावा बैठक में छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, मध्यप्रदेश,आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ स्तर के अधिकारी शामिल होंगे.
उग्रवादियों के अब बड़े नेता हैं निशाने पर
जानकारों का कहना है कि केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार का फोकस अब बस्तर में नक्सलों की बची-खुची ताकत को खत्म करने या कमजोर करने पर है. अब सुरक्षा बलों के निशाने पर नक्सलियों के बड़े नेता और माओवादियों की मिलिट्री कंपनी और बटालियन होंगी क्योंकि ये गुट अभी भी सक्रिय हैं. केंद्रीय और राज्य की सारी खुफिया एजेंसियों, सुरक्षा बलों के संयुक्त प्रयासों से इस काम को अंजाम तक पहुंचाने की तैयारी है.
नक्सलियों की कमर तोड़ने पर होगा फोकस
नक्सलियों को सालों से देख रहे अधिकारियों का मानना है कि, माओवादियों की असली ताकत उनकी मिलिटरी कंपनियां हैं जिसमें फोर्स से लूटी गई एके-47, इंसास और एलएमजी से लैस ट्रेंड लड़ाके होते हैं. सुकमा, बीजापुर से लेकर नारायणपुर तक के जंगलों में नक्सलियों की ताकतवर मानी जाने वाली दो बटालियन अभी भी सक्रिय हैं. सूत्रों के मुताबिक अब केंद्र सरकार का फोकस नक्सलियों की कमर तोड़ने पर है.