विश्व सीओपीडी दिवस पर जन जागरूकता रैली निकालकर ब्रेथ ईज़ी ने किया लोगों को जागरूक

बच्चे बूढ़े और जवान सभी के फेफड़े हो रहे बेजान -डॉ एस.के पाठक

वाराणसी/संसद वाणी : ब्रेथ ईजी चेस्ट अस्सी वाराणसी द्वारा विश्व सीओपीडी दिवस (20 नवम्बर 2024) के उपलक्ष में प्रात: 8 बजे एक जन जागरूकता रैली का आयोजन किया गया I इस जन जागरूकता रैली की शुरुआत डॉ एस. के पाठक (वरिष्ठ टीबी, श्वांस एवं फेफड़ा रोग विशेषज्ञ) व सुनीता पाठक (निदेशिका, ब्रेथ ईज़ी) ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर किया I ब्रेथ ईजी अस्सी, वाराणसी से शुरू की गयी स्वास्थ्य जन जागरूकता रैली, लंका- दुर्गाकुंड – सोनारपुरा मार्ग से होते हुए अस्सी घाट पर समाप्त हुई I इस रैली में शहर के 200 से भी ज्यादा युवा, सम्मनित नागरिक व ब्रेथ ईजी चेस्ट फाउंडेशन फॉर ह्यूमैनिटी के सदस्य ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया I
रैली के तदोपरांत डॉ एस.के पाठक के नेतृत्व में एक पेशेंट एजुकेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया जिसमे डॉ पाठक ने बताया कि “आज वायु प्रदूषण दुनिया की एक बड़ी समस्या में से एक है। कई बीमारियों का कारण वायु प्रदूषण है। दमा, सीओपीडी, एलर्जी और फेफड़े की अन्य बीमारियों का मुख्य कारण वायु प्रदूषण ही हैं । विश्व स्वास्थ्य संगठन (वल्र्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन) के अनुसार विश्व के 15 सबसे प्रदूषित शहरों में 14 शहर भारत के हैं, जिसमे नयी दिल्ली तो हैं ही साथ में अपना बनारस, कानपुर और गाज़ियाबाद के बाद तीसरे सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की लिस्ट में है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार प्रतिवर्ष लगभग एक करोड़ 20 लाख मौतें पर्यावरण प्रदूषण के कारण हुई हैं। रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में हर 10 व्यक्तियों में से 9 व्यक्ति प्रदूषित हवा में सांस लेते हैं। लगभग 42 लाख लोग वायु प्रदूषण की वजह से मौत के शिकार हुए और 38 लाख लोगों की मौत कुकिंग और प्रदूषित ईंधन के कारण हुई। भारत में वायु प्रदूषण के कारण हर साल लगभग 12 लाख मौतें होती हैं। यदि व्यापक रोकथाम न हुई तो यह आंकड़ा सन् 2050 तक 36 लाख मौतों को पार कर जाएगा।“I
डॉ पाठक ने मरीजों को आगे बताया कि- “इस बीमारी में ब्रोन्कीअल ट्यूब में सूजन आने के कारण फेफड़ों में बलगम की समस्या शुरू हो जाती है, मरीज को हमेशा खांसी रहती है व सांस लेने में परेशानी होती है या सांस छोटी आती है। इसके लक्षण अस्थमा से मिलने के कारण कई बार लोग सीओपीडी को अस्थमा समझ बैठते हैं। लेकिन आपको बता दें सीओपीडी अस्थमा से कहीं ज्यादा गंभीर परेशानी है। समय से इसकी पहचान कर इलाज न मिलने से ये अपने पैर पसारती जाती है और धीरे—धीरे अन्य अंगों को भी अपनी चपेट में ले लेती है। कई बार ये व्यक्ति के जीवन को भी खतरे में डाल सकती है।“
इस कार्यक्रम के तदुपरांत ब्रेथ ईजी मोबाइल कैंप का भी आयोजन किया गया, जिसमे ब्रेथ ईजी वैन वाराणसी के प्रमुख चौराहों पर गयी व वहां के जनता की फेफड़ो की जाँच कंप्यूटर मशीन द्वारा की गयी I इनमे कुल 1500 से भी अधिक लोगो के फेफड़ो की क्षमता मापी गयी, जिसमे 600 से भी अधिक लोग श्वांस व एलर्जी रोग से ग्रसित पाए गए I इन मरीजों को ब्रेथ ईजी में नि:शुल्क परामर्श के लिए बुलाया गया I
डॉ पाठक ने बताया कि –“ब्रेथ ईजी जन जागरूकता के लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाता रहता हैं जिसमे नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर, क्लिनिक, जन जागरूकता रैली, मोबाइल कैंप प्रमुख हैं I” डॉ पाठक ने यह भी बताया कि “आगामी 23 नवम्बर (शनिवार) को एक चिकित्सकीय संगोष्ठी का भी आयोजन ब्रेथ ईजी द्वारा किया जा रहा हैं, जिसमे अत्याधुनिक पद्धति द्वारा फेफड़े के ईलाज के बारे में बताया जाएगा I” डॉ. पाठक के नेतृत्व में हुई इस जन जागरूकता रैली में सुनील उपाध्याय, अभिषेक केशरी, अश्विन पाठक, अखिलेश, विनीत, रतन, संजय व ब्रेथ ईज़ी चेस्ट फाउंडेशन फॉर ह्यूमैनिटी के सदस्य सम्मलित थे I

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