सभ्य समाज के निर्माण के लिए की प्रभु क़े लीलाओ का वर्णन अति आवश्यक है रत्नेश पाठक

वाराणसी/संसद वाणी : मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में खजवा में रामलीला समिति के पदाधिकारी के नेतृत्व में आयोजित रामलीला समिति ने बाल कलाकारों के माध्यम से बाली- सुग्रीव युद्ध, बाली वध और लंका दहन की लीलाओं का शानदार मंचन किया गया । इस दौरान, श्रद्धालुओं के जय श्रीराम के उद्घोष से पूरा खोजवा नगर गूंजता रहा। लीलाओं के अंतिम दौर तक श्रद्धालु अपने स्थान पर अडिग रहे और बाल कलाकारों की अदाकारी देखकर मंत्रमुग्ध हो गए।बड़ी संख्या में लोग शामिल रहे आपको बता दे कि खोजवा में रामलीला का अद्भुत मंचनः बाली सुग्रीव युद्ध से लंका दहन तक की जीवंत प्रस्तुति, बाल कलाकारों ने किया खोजवा रामलीला परिसर में जब सुग्रीव और बाली के बीच संवाद और युद्ध का दृश्य देखने को मिला, तो श्रद्धालुओं की भावनाएं उमड़ पड़ीं। भगवान श्री राम ने बाली का वध कर सुग्रीव का राज्याभिषेक किया, जिससे वातावरण में दिव्यता का अनुभव हुआ। इसके बाद, हनुमानजी ने भगवान राम की आज्ञा से माता सीता की खोज के लिए यात्रा शुरू की।श्रीराम के जाप और विभीषण से मुलाकात हनुमान के लंका में प्रवेश के दौरान उन्हें श्रीराम के जाप की आवाज सुनाई दी और विभीषण से मुलाकात हुई। अशोक वाटिका में हनुमान और अक्षय कुमार के बीच मल्ल युद्ध हुआ, जिसमें अक्षय कुमार हार गए। इसके बाद मेघनाथ ने हनुमानजी को बंदी बनाकर रावण के दरबार में ले जाकर कड़ी सजा देने का आदेश दिया। लेकिन विभीषण की समझाने पर हनुमानजी को छोड़ा गया, और उन्होंने लंका में आग लगा दी,जिससे सोने की लंका धू-धू कर जल उठा l इस अद्भुत कार्यक्रम में रामलीला समिति के अध्यक्ष अमरीश दत्त पाठक , सरद चंद्र मिश्रा, बबलू मिश्रा अखिलानंद उपाध्याय अजीत आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। कार्य का संचालन व देख-रेख रत्नेश पाठक ने किया

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