Maratha VS OBC से धर्मसंकट में महाराष्ट्र सरकार! कौन हैं श्वेत पत्र की डिमांड करने वाले लक्ष्मण हाके?

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Maharashtra Maratha OBC Reservation Politics: लोकसभा चुनाव में NDA गठबंधन के खराब प्रदर्शन के बाद महाराष्ट्र सरकार के सामने इन दिनों धर्मसंकट पैदा हो गया है. एक तरफ मराठा आरक्षण को लेकर  जरांगे पाटिल अपनी मांगे बुलंद किए हुए हैं. वहीं दूसरी ओर OBC के आरक्षण को न छूने की मांग करने वाले लक्ष्मण हाके ने मोर्चा खोला हुआ है. आइये जानें श्वेत पत्र मांग कर महाराष्ट्र में मराठा बनाम OBC करने वाले लक्ष्मण हाके कौन हैं?

आम चुनाव 2024 के बाद अब साल के अंत तक महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने हैं. लोकसभा चुनावों में मिली जीत के बाद INDIA गठबंध यानी शिवसेना (उद्धव ठाकरे), NCP (शरद पवार) और कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं. वहीं दूसरी तरह NDA यानी बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट), NCP (अजित पवार) में समीक्षा का दौर चल रहा है. इस बीच सरकार के सामने OBC और मराठाओं को लेकर धर्मसंकट पैदा हो गया है. इसके पीछे मराठा आरक्षण को लेकर जरांगे पाटिल और OBC के पक्ष में श्वेत पत्र मांगने वाले लक्ष्मण हाके आंदोलन हैं. 

आरक्षण के मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार के सामने कुआं और खाई वाली स्थिति है. अगर जरांगे पाटिल की मांग मानी जाती है तो OBC समाज नाराज हो सकता है. वहीं लक्ष्मण हाके की मांग से किनारा किया जाता है तो OBC की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है. खैर अभी दोनों नेताओं ने अनशन खत्म कर दिया है. हालांकि, दोनों ने कहा है कि वो आंदोलन खत्म नहीं कर रहे हैं बस स्थगित कर रहे हैं. आइये जानें ऐसी स्थिति लाने वाले लक्ष्मण हाके कौन हैं?

  • क्या है मांग?

लक्ष्मण हाके मांग कर रहे हैं कि मराठा समाज को आरक्षण देने में हमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन सरकार को इसके लिए OBC के आरक्षण को टच नहीं करना चाहिए. अगर सरकार कह रही है कि ऐसा कुछ नहीं होगा तो वो हमें श्वेतपत्र दे. वहीं दूसरी तरफ मनोज जरांगे पाटिल अनशन पर बैठे थी की सरकार जल्द से जल्द मराठा आरक्षण का अध्यादेश लागू करे.

  • कौन हैं लक्ष्मण हाके?

पेशे से शिक्षक और धनगर समुदाय से आने वाले 45 साल के लक्ष्मण हाके ओबीसी श्रेणी से मराठों को बाहर करने की मांग लेकर विरोध में उतरे और OBC का चेहरा बन गए. 1979 में सोलापुर के सांगोला तहसील अंतर्गत आने वाले जुजरपुर गांव में खेतिहर मजदूरों के घर में लक्ष्मण हाके का जन्म हुआ था. उन्होंने स्थानीय जिला परिषद स्कूल में पढ़ाई की और उच्च शिक्षा उन्होंने पुणे में प्राप्त की.

लक्ष्मण हाके के माता पिता गन्ना काटने का काम करते थे. बचपन में उनके पास स्कूल बैग नहीं था. साइकिल खरीदने में असमर्थ थे. इस कारण उनको पैदल स्कूल जाना पड़ता था. हालांकि, वास्तविक संघर्ष का सामना करते हुए उन्होंने मराठी साहित्य में मास्टर डिग्री की और 2003 में फर्ग्युसन कॉलेज में दाखिला लेकर अर्न एंड लर्न योजना में काम करके अपने वित्त का प्रबंधन किया. उसके बाद उन्होंने कॉलेज में कुछ समय के लिए बच्चों का पढ़ाया भी.

  • सियासी करियर

साल 2000 के अंत में उन्होंने राजनीति में कदम रखा और राष्ट्रीय समाज पक्ष (आरएसपी) में शामिल हो गए. पश्चिमी महाराष्ट्र में इसके लिए उन्होंने काम किया. 2014 के विधानसभा चुनावों उन्होंने किसान और श्रमिक पार्टी के उम्मीदवार गणपतराव देशमुख के लिए सक्रिय रूप से प्रचार किया और सांगोला विधानसभा सीट से जीत दिलाई. 5 साल बाद उन्होंने खुद चुनाव लड़ा लेकिन हार गए.

चुनाव हारने के बाद लक्ष्मण हाके तत्कालीन सीएम देवेंद्र फडणवीस की नीतियों का हवाला देते हुए आरएसपी छोड़ दी. इसके बाद उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक निकाय, ओबीसी संघर्ष सेना का गठन किया. साल 2022 में शिवसेना के विभाजन के बाद उन्होंने उद्धव ठाकरे की पार्टी के साथ गठबंधन किया. आम चुनाव 2024 में वो निर्दलीय मैदान में उतरे जिसमें उन्हें महज 5,134 वोट मिले. इसके बाद वो OBC के आरक्षण को बचाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं.

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