वाराणसी/संसद वाणी : 46वीं इण्डियन डेन्टल एसोसिएशन उत्तर प्रदेश की तीन दिन की कांफ्रेन्स नोएडा में दिनाक 15 नवंबर से 17 नवंबर 2024 के बीच सम्पन्न हुई। जिसमें देश के कई प्रसिद्ध दन्त चिकित्सकों का व्याख्यान एवं डेन्टल क्लिनिकल कोर्सेज का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उत्तरप्रदेश के इण्डियन डेन्टल एसोसिएशन के सदस्य के आम सभा दिनाँक 17 नवंबर को संपन्न हुई। इसमें डाॅ टीपी चतुर्वेदी को सर्वसम्मिति से उत्तरप्रदेश शाखा का अध्यक्ष (कार्यकाल नवंबर 2024 से नवंबर 2025 तक) चुना गया। टी० पी० चतुर्वेदी वर्तमान में सीनियर प्रोफेसर के पद पर दंत संकाय, चिकित्सा विज्ञान संस्थान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं। डाक्टर चर्तुवेदी का शैक्षणिक अनुभव 28 साल का है और ये संकाय प्रमुख एवं विभागाध्यक्ष, दंत संकाय, चिकित्सा विज्ञान संस्थान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के 2011 से 2014 तक रह चुके हैं। डॉ चतुर्वेदी ने चिकित्सा विज्ञान संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में दंत संकाय का भवन के साथ- साथ स्नातक, डिप्लोमा एवं कई परास्नातक पाठ्यक्रम इस संकाय में शुरू करवाने में अपना योगदान दिया है। ये काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में कई पदों पर रहते हुए अपने शैक्षिक, प्रशासनिक एवं सामाजिक कार्य किए हैं एवं काशी की जनता के लिए हमेशा सामाजिक कार्य करते रहते हैं।
इण्डियन डेन्टल एसोसिएशन का मुख्य कार्यालय मुम्बई में स्थित है जिसकी हर प्रदेश में अपनी शाखायें हैं। उत्तरप्रदेश में इण्डियन डेन्टल एसोसिएशन के तीन हजार से ज्यादा सदस्य हैं। उत्तर प्रदेश आईडीए के अन्तर्गत 50 स्थानीय शाखाएं हैं। इण्डियन डेन्टल एसोसिएशन का कार्य, दाॅत एवं मुख रोगों से जुड़ी हुई समस्याओं के बारे में आम जनमानस को जागरूक करना होता है । दंत चिकित्सा से सम्बन्धित आधुनिकतम शोध व निरंतर विकास से अवगत कराया जाता है। इस अवसर पर डाॅ टीपी चतुर्वेदी ने बताया कि प्रत्येक दन्त चिकित्सक को किस तरह से आम पब्लिक में कई कैम्प एवं कई सेमिनार करने के लिए निर्धारित किया गया है। इससे मुख एवं दन्त रोगों से समस्याओं का निराकरण आम लोगों में आसानी से किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त नई प्रणाली और तकनीक को आम दन्त चिकित्सक एवं विद्यार्थियों तक पहुंचाने क
डॉ चतुर्वेदी ने स्नातक एवं परास्नातक की उपाधि केoजीo मेडिकल यूनवर्सिटी लखनऊ से किया है, वहीं पीएचडी आई आई टी बी एच यू से पूरा किया है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में ज्वाइन करने के पहले डॉ चतुर्वेदी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 1997 से 2003 तक कार्य किया है और डेंटल कॉलेज के ऑर्थोडॉन्टिक विभाग के संस्थापक विभागाध्यक्ष रहे हैं। डॉ चतुर्वेदी डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य के रूप में दंत चिकित्सा क्षेत्र में कई क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्तर पर कार्य किया है। इन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के समर्थ ग्राम अभियान एवं मानव संसाधन मंत्रालय के उन्नत भारत अभियान के कार्यक्रम के संस्थापक संयोजक रहते हुए काशी के 100 ग्रामों में कई सामाजिक, स्वछता, पर्यावरण आदि संबंधित कार्य 2016 से 2018 तक कार्य किया है।
विश्व में 2% वैज्ञानिक सूची वर्ष 2021, 2022 में, भारत के डेंटल सर्जन के रूप में डॉ चतुर्वेदी का नाम शामिल है। ऑर्थोडॉन्टिक मैटेरियल के लिए 2022 और 2023 में आईआईटी बीएचयू के सहयोग से चर्तुवेदी को पैटेंट प्रदान किया गया है। अब तक कुल 130 से ज्यादा शोध पत्र, तीन किताबे, व कई किताब के अध्याय प्रकाशित किया गया है।