Senior Citizens demand from Budget 2024: भारतीय टैक्सपेयर्स में एक बड़ा हिस्सा सीनियर सिटिजन्स का है जिनका देश की अर्थव्यवस्था को चलाने में अहम योगदान है. अक्सर ये टैक्सपेयर्स अपनी Passive इनकम के दम पर कमाई करते हैं. अब 18वीं लोकसभा के लिए 22 जुलाई को 2024-25 के पूर्ण बजट पेश किया जाना है. ऐसे में टैक्स पेयर्स का बड़ा हिस्सा जो कि सीनियर सिटिजन है वो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से क्या उम्मीदें रखता है इस पर एक नजर डालते हैं-

Senior Citizen’s demand from Budget 2024: भारत के टैक्सपेयर्स में से एक बड़ा ग्रुप सीनियर सिटिजन्स का है जो अक्सर निष्क्रिय आय (Passive Income) इकट्ठा करते हैं. 22 जुलाई 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 18वीं लोकसभा के लिए पूर्ण बजट पेश करने वाली हैं. ऐसे में सीनियर सिटिजन्स, जो टैक्सपेयर्स का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, उनकी इस साल के बजट से कुछ खास उम्मीदें हैं. 

आइए एक नजर डालते हैं उनकी उम्मीदों की सूची पर जो वो इस पूर्णकालिक बजट से चाहते हैं-

मेडिक्लेम प्रीमियम के लिए Higher लिमिट

मौजूदा नियमों के अनुसार, सीनियर सिटिजन्स की ओर से भुगतान किए गए मेडिक्लेम प्रीमियम या किए गए मेडिकल बिल के संबंध में ₹50,000 की कटौती की अनुमति है. लेकिन, मेडिकल बिल से जुड़ी बढ़ती लागत को देखते हुए, सीनियर नागरिक इस सीमा को बढ़ाकर ₹1 लाख करने की उम्मीद रखते हैं.

आयकर रिटर्न दाखिल करने की छूट के लिए आयु सीमा कम हो

आयकर अधिनियम की धारा 194P कुछ शर्तों के अधीन 75 साल और उससे अधिक आयु के सीनियर सिटिजन्स को इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने से छूट प्रदान करती है. इसे 60 साल और उससे अधिक आयु के सीनियर सिटिजन्स तक बढ़ाया जाना चाहिए ताकि उन्हें रिटर्न दाखिल करने में किसी तरह की परेशानी न हो.

धारा 80-C के तहत निवेश की लॉक-इन पीरियड का रैशनलाइजेशन

बैंकों या पोस्ट ऑफिस में जमा फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी), राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी), इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए पात्र हैं, लेकिन इनके लिए निर्धारित लॉक-इन पीरियड 3 साल (ईएलएसएस के लिए) से 5 साल (एनएससी और एफडी के लिए) तक होती है. सीनियर सिटिजन्स को उम्मीद है कि लॉक-इन पीरियड कम की जाएगी क्योंकि उन्हें अपने शारीरिक स्वास्थ्य या चिकित्सा देखभाल के लिए लिक्विड कैश की आवश्यकता हो सकती है.

सीनियर सिटिजन के किराए में कटौती

नांगिया एंडरसन इंडिया के पार्टनर नीरज अग्रवाल ने ईटी को बताया कि जिन सीनियर सिटिजन्स को आय प्राप्त नहीं होती है, उन्हें किराए के लिए एकमुश्त कटौती प्रदान की जानी चाहिए. इससे जीवनयापन की बढ़ती लागत के मुद्दे का समाधान होगा और बुजुर्गों को सुरक्षा की भावना मिलेगी.

Passive इनकम पर मिले छूट 

किराया, बचत खातों से ब्याज, सावधि जमा और बांड से प्राप्त निष्क्रिय आय स्रोत सीनियर सिटिजन्स के लिए महत्वपूर्ण हैं. वे इन आय स्रोतों पर अधिक छूट या कम कर दरों की शुरुआत की उम्मीद करते हैं.

टैक्सपेयर्स को मिले बढ़ावा

सरकार को सीनियर सिटिजन टैक्सपेयर्स को वित्तीय जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए रियायती स्वास्थ्य देखभाल लागत, सब्सिडी वाली उपयोगिताओं या सीनियर सिटिजन्स से संबंधित स्पेशल फाइनेंशियल प्रॉडक्ट्स तक पहुंच जैसे लाभ प्रदान करना चाहिए.

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