आंध्र प्रदेश से एक हैरान करने मामला सामने आया है. जिसका वीडियो अब तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यहां एक डांसर ने लाइव परफॉर्मेंस के दौरान जिंदा मुर्गी के सिर को अपनी दांत से काट अलग कर दिया.उसके बाद मुर्गी की गर्दन से निकले वाले खून को अपने मुंह में भर कर लोगों के ऊपर छिड़कने लगा. जिससे वहां मौजूद लोगों ने इसका विरोध किया. जानकारी मिलते ही पुलिस ने डांसर समेत कई लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है.
आंध्र प्रदेश के अनकापल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान मन को विचलित करने वाली घटना सामने आई है. जहां विष्णु एंटरटेनमेंट नाम का एक डांसर ग्रुप स्टेज पर परफॉर्म कर रहा था. इसी दौरान एक डांसर ने सरेआम जिंदा मुर्गी के सिर को दांतों से काटकर अलग कर दिया. सोशल मीडिया एक्स पर इस घटना का वीडियो अब वायरल हो रहा है. इस वीडियो में देखा जा रहा है कि कैसे डांस ग्रुप के बीच में लाल साड़ी पहने एक डांसर अपने हाथ में जिंदा मुर्गी को लेकर नाचता है. इस दौरान किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह डांसर अगले ही पल चौंकाने वाली हरकत करेगा लेकिन देखते ही देखते डांसर ने लाइव परफॉर्मेंस के बीच मुर्गी को अपने दोनों हाथों से पकड़कर उसके सिर को दांतों से काटकर अलग कर देता है.
यह बर्बर कृत्य पर यहीं खत्म नहीं होता है. डांसर मुर्गी का खून पीकर मुंह से हवा में उस खून को छिड़कने लगता है. इस अतिसंवेदनशील हरकत का वीडियो सोशल मीडिया पर देखते ही देखते वायरल हो गया, जिसके बाद पुलिस भी हरकत में आई.
‘ऐसे लोग जानवरों के अलावा इंसानों को भी नुकसान…’
जब यह वीडियो वायरल हुआ तो पशुओं के अधिकार के लिए काम करने वाली संस्था पेटा ने इसे अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर शेयर किया है. पेटा इंडिया की शिकायत पर पुलिस इस मामले में काफी एक्टिव हो गई है. पेटा के मुताबिक पशुओं के साथ क्रूरता करने वालों की जांच होनी चाहिए क्योंकि यह मनोवैज्ञानिक बीमारी के संकेत हैं. ऐसे लोग जानवरों के अलावा इंसानों को भी नुकसान पहुंचाते हैं.
डांसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज
बता दें कि इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद कुछ लोगों ने डांसर के इस हरकत को लेकर जमकर हंगामा किया. स्थानीय पुलिस को जब इसकी सूचना मिली तो उन्होंने डांस ग्रुप और आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया. इस बर्बर कृत्य के दौरान स्टेज पर छोटे बच्चे भी शामिल थे. पुलिस ने कलाकार और आयोजकों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता आईपीसी 1860 की धारा 429 और 34 पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 (1) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.