Diesel Petrol Price!: त्रिपुरा सरकार ने डीजल और पेट्रोल खरीदने और बेचने पर एक लिमिट तय कर दी है. अब इस सीमा से ज्यादा डीजल-पेट्रोल न तो खरीदा जा सकेगा और न ही बेचा जा सकेगा.
हर महीने की शुरुआत में डीजल-पेट्रोल के दाम पेट्रोलियम कंपनियों की ओर से बदले जाते हैं. भारत में डीजल और पेट्रोल की खपत को देखते हुए देश का बहुत ज्यादा पैसा हर साल डीजल-पेट्रोल पर ही खर्च होता है. इसके बावजूद कुछ घटनाएं हो जाने पर इन ईंधनों की सप्लाई बाधित हो जाती है. ऐसा ही कुछ होने के चलते एक राज्य में डीजल और पेट्रोल खरीदने की सीमा निर्धारित कर दी गई है. सरकार के ऐलान के मुताबिक, दो पहिया गाड़ियों को 200 रुपये और चार पहिया गाड़ियों को 500 रुपये से ज्यादा का डीजल-पेट्रोल नहीं दिया जाएगा.
यह मामला त्रिपुरा का है. त्रिपुरा सरकार ने मौजूदा हालात को देखते हुए डीजल-पेट्रोल की खरीद और बिक्री की लिमिट तय कर दी है. इसके तहत एक दिन में टू व्हीलर चलाने वालों को एक दिन में अधिकतम 200 रुपये का ही डीजल-पेट्रोल दिया जाएगा. वहीं, चार पहिया गाड़ियों के लिए 500 रुपये की सीमा तय की गई है. राज्य सरकार ने त्रिपुरा तक आने वाली मालगाड़ियों के रास्ते में बाधा पहुंचने और सप्लाई प्रभावित होने की वजह से यह कदम उठाया है.
क्यों लिया गया ऐसा फैसला?
दरअसल, त्रिपुरा तक तेल की सप्लाई मालगाड़ियों से की जाती है. असम के जतिंगा में बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ है. इसके चलते रेल ट्रैक बुरी तरह से प्रभावित हुई है. रेल ट्रैक को नुकसान पहुंचने की वजह से तेल लेकर आने वाली मालगाड़ियां त्रिपुरा तक नहीं पहुंच पा रही हैं. भूस्खलन के बाद ट्रैक दुरुस्त करने का काम कुछ जगहों पर किया गया और 26 अप्रैल को यात्री ट्रेन सेवा को बहाल भी कर दिया गया लेकिन जतिंगा के रास्ते ट्रेन सेवा अभी भी चालू नहीं हो पाई है.
सप्लाई बाधित होने के बारे में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘मालगाड़ियों की आवाजाही बाधित होने के चलते डीजल-पेट्रोल की आपूर्ति में कमी आई है. इसी के चलते 1 मई से अगले आदेश तक डीजल-पेट्रोल की बिक्री पर लिमिट लगा दी गई है.’ 200 और 500 रुपये वाली लिमिट के अलावा पेट्रोल पंपों को भी कहा गया है कि वे एक बस को 60 लीटर, मिनी बस को 40 लीटर और ऑटो समेत तिपहिया वाहनों को 15 लीटर तेल ही बेचें.