पिंडरा/संसद वाणी : पंचतत्व फाउंडेशन और भारत अध्ययन संस्थान के संयुक्त संकल्प के साथ पंचतत्व गांव की संकल्पना आम,पीपल,बरगद,पाकड़ और जामुन के वृक्षों के संरक्षण भाव, सुपोषित मिट्टी ,वायु का सुखद प्रवाह, निर्मल जल और कृषि से आत्मीय भाव से जुड़ी युवा पीढ़ी के साथ ग्रामीण उद्योगों के सतत विकास की संकल्पना से युक्त ग्राम ही पंचतत्व गांव है।
इसके जीवंत प्रतिरूप के व्यवहारिक स्वरूप का शुभारंभ सुश्री शिप्रा पाठक (वॉटर वूमेन) द्वारा पहले पंचतत्व गांव अकोढा में 50 आम के वृक्ष लगा कर किया गया।
पंचतत्व ग्राम अकोढा के सभागार में आयोजित संगोठी में मुख्य अतिथि के के रूप में बोलते हुए वाटर वूमेन ने कहा कि गांव भारतीय संस्कृति के केंद्र होते है इसलिए संस्कृति के मूर्त तत्व जल और वायु के संरक्षण के लिए गांव को जागृत करना होगा।
पंचतत्व गांव की संकल्पना के विस्तार के लिए उन्होंने काशी, प्रयागराज, सुल्तानपुर, जौनपुर, गाजीपुर और अयोध्या को “पंचतत्व क्षेत्र” के रूप में विकसित करने से पंचतत्व गांव की संकल्पना को साकार करने पर जोर दिया। अध्ययन संस्थान के निदेशक डा ऋषि रंजन सिंह ने कहा की पंचतत्व गांव के पहले चरण में 10 चयनित गांव में कार्य आरंभ किया जा रहा है, इस संकल्पना को विस्तृत करके निकट भविष्य में 100 पंचतत्व गांव तक पहुंचाया जाएगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री सत्येन्द्र सिंह व धन्यवाद ज्ञापन संजय सिंह ने दिया। पंचतत्व गांव की संगोष्ठी में सैकड़ों की संख्या में लोगों सक्रिय भागदारी किया।
सुधा सिंह, पुष्पा सिंह, नगीना देवी, प्रियंका , बिंदु सिंह, सीता देवी, नवीन सिंह, विजय सिंह, यशवंत सिंह, उदयभान सिंह, प्रकाश सिंह, सत्तन सिंह, अशोक सिंह, इशू सिंह , पंक्षी लाल प्रजापति, ओमप्रकाश पटेल, मेवा यादव, राणा सिंह, अशोक सिंह, गोली सिंह, मुन्ना सिंह, पप्पू सिंह , सम्मर सिंह, धर्मेंद्र सिंह, बबलू सिंह, आदि उपस्थित रहे।