कौन हैं सुंदर मेनन, पद्मश्री पर क्यों है विवाद?

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पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित सुंदर मेनन, सन ग्रुप इंटरनेशनल के चेयरमैन हैं. उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं. उन्हें 7 करोड़ रुपये के एक फ्रॉड केस में गिरफ्तार किया गया है. उन्हें केरल की त्रिशूर कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेजा है. पढ़ें कैसे वे मुश्किलों में फंसे, कैसे सामाजिक काम करते-करते उन पर घोटालेबाज होने का आरोप लग गया.

जिस शख्स को भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया हो, जिसके सामाजिक कार्यों की लोग तारीफ कर रहे हों, जिसे लोग मसीहा समझ रहे हों, वही शख्स अगर धोखाधड़ी के एक केस में जेल पहुंच जाए तो क्या हो. पद्मश्री विजेता सुंदर मेनन के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है. उन्हें 7 करोड़ रुपये से जुड़े एक फ्रॉड के केस में रविवार को गिरफ्तार किया गया है. वे सन ग्रुप इंटरनेशनल के चेयरमैन हैं. उन्हें केरल के त्रिशूर कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेजा है.

पुलिस के मुताबिक सुंदर मेनन पर धोखाधड़ी के 18 केस दर्ज हैं. आरोप हैं कि उन्होंने हीवान निधि लिमिटेड और हीवान फाइनेंस की ओर से निवेश लिया था, जबकि वे खुद डायरेक्टर थे. त्रिशूर शहर के पुलिस कमिश्नर आर इलांगो ने कहा है सुंदर मेनन ने इन्वेस्टर्स के पैसे, मेच्योरिटी की अवधि पूरी होने के बाद नहीं लौटाए. उन्होंने पैसे का ही हेरफेर कर दिया.

7.87 करोड़ की धोखाधड़ी में फंसे मेनन

सुंदर मेनन पर 7.87 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप हैं. सुंदर ने ये पैसे 62 अलग-अलग लोगों से लिए थे. फर्म्स के निदेशकों की संपत्तियों को सीज कर लिया गया है. संपत्तियों को जब्त करने के भी कदम उठाए जा रहे हैं. इस केस में पुलिस ने एक और निदेशक पुथेनवित्तिल बिजू को गिरफ्तार किया है. 

कौन हैं सुंदर मेनन, पद्मश्री पर विवाद क्यों?

सुंदर मेनन की उम्र 63 साल है. वे त्रिशूर के तिरुवंबदी देवासन (मंदिर) बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं. साल 2016 में उन्हें सामाजिक कार्यों के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मनित किया गया था. मेनन पर कई केस हैं. सितंबर 2023 में उनके खिलाफ, केरल हाई कोर्ट में एक याचिका दायर हुई, जिसमें यह मांग की गई कि इन्हें दी गई पद्मश्री को रद्द कर दिया जाए.

कोर्ट तक पहुंचा था पद्मश्री रद्द करने का मामला 

वीआर ज्योतिष और सीके पद्मनाभम की याचिका में कहा गया है कि सुंदर मेनन जैसे शख्स को राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार देना, सही नहीं है. मेनन, एक से ज्यादा आपराधिक मामलों में शामिल रहे हैं. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि जब उन्हें पद्मश्री दिया गया, तब इन मामलों के बारे में सोचा ही नहीं गया. कोर्ट ने तभी ये याचिका खारिज कर दी थी. कोर्ट ने कहा था कि इसमें जनहित नहीं है इसलिए इस याचिका कोर्ट नहीं सुनेगी. कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता अधिकारियों के पास इसके लिए आवेदन कर सकते हैं. 

‘मददगार की तरह खुद को पेश करते हैं सुंदर मेनन’

सुंदर मेनन, कई सामाजिक योजनाओं का हिस्सा रहे हैं. उनका ट्रस्टस, सन चैरिटेबल ट्रस्ट भी इस दिशा में काम करता रहा है. वे पेन एंड पैलिएटिव केयर सोसाइटी के लिए भी काम करते हैं. द ऑटिज्म सोसाइटी, द अल्फा पेन क्लिनिक, द ऑल इंडिया हैंडीकैप्ड एसोसिएशन, रेनाल एंड किडनी वेलफेयर फाउंडेशन से भी जुड़े रहे हैं.

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