पहले बाप, फिर दादा और अब मां भी… पुणे पोर्शे हादसे में गिरफ्त में नाबालिग का पूरा परिवार

Pune Porsche Accident Updates: पुणे पोर्शे कांड में एक और गिरफ्तारी हुई है. वारदात को अंजाम देने के आरोपी नाबालिग की मां को अब क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. इससे पहले नाबालिग के पिता और दादा को गिरफ्तार किया जा चुका है.

 पुणे के कल्याणीनगर में पोर्शे कार एक्सीडेंट केस के आरोपी नाबालिग की मां को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. इससे पहले नाबालिग के पिता, दादा को गिरफ्तार किया जा चुका है. कहा जा रहा है कि नाबालिग आरोपी की मां शिवानी अग्रवाल को गिरफ्तार किए जाने के बाद उनसे ब्लड सैंपल को लेकर पूछताछ होगी.

नाबालिग आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल और पिता विशाल अग्रवाल फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. उनके खिलाफ ड्राइवर को धमकी देने और अपहरण का मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

शनिवार को गिरफ्तार की गई शिवानी अग्रवाल पर नाबालिग आरोपी के ब्लड सैंपल से छेड़छाड़ का आरोप है. उनसे आज पूछताछ की जाएगी. कहा जा रहा है कि नाबालिग आरोपी के पिता और दादा के गिरफ्तार होने के बाद से शिवानी अग्रवाल लापता थीं. लेकिन क्राइम ब्रांच ने उन्हें खोज निकाला और गिरफ्तार कर लिया.

खबर है कि शिवानी अग्रवाल को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा. आरोप है कि ससून अस्पताल के दो डॉक्टरों ने नाबालिग आरोपी के खून के सैंपल को कूड़ेदान में फेंक दिया था. नाबालिग की जगह उसकी मां के ब्लड सैंपल कलेक्ट किए गए थे. इस मामले में डॉक्टरों ने 3 लाख रुपये की रिश्वत ली थी. इसके बाद पुलिस ने दोनों डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया.

हादसे के बाद सामने आया था ये वीडियो

पुणे पोर्शे हादसे के बाद एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक लड़का रैप गाते हुए दिख रहा था. दावा किया जा रहा था कि वीडियो में रैप गा रहा लड़का हादसे का आरोपी है. मामले को लेकर नाबालिग आरोपी की मां शिवानी अग्रवाल ने एक वीडियो जारी किया था. उन्होंने दावा किया था कि वीडियो में दिखने वाला लड़का उनका बेटा नहीं है. 

आखिर कैसे सामने आया था पूरा फर्जीवाड़ा

दरअसल, FSL रिपोर्ट में नाबालिग के ब्लड में अल्कोहल नहीं पाया गया था, जबकि दावा किया गया था कि हादसे के वक्त आरोपी नाबालिग पूरी तरह से नशे में था. जब उसके ब्लड सैंपल की रिपोर्ट में अल्कोहल नहीं मिला, तो दूसरे अस्पताल में उसके ब्लड सैंपल की जांच कराई गई. यहां खुलासा हुआ कि पहले वाला ब्लड सैंपल नाबालिग का नहीं था. इसके बाद पुलिस को सबूतों से छेड़छाड़ का शक हुआ और आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की गई.

जांच में सामने आया कि नाबालिग के ब्लड सैंपल लेने और उसे चेंज करने से पहले डॉक्टरों और आरोपी के पिता के बीच 10 से अधिक बार मोबाइल पर बातचीत हुई थी. 

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