अभियुक्तों के पास से मोबाइल, एटीएम कार्ड, सिमकार्ड, नकदी आदि बरामद ।
वाराणसी/संसद वाणी : वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत इस समय बड़े-बड़े इन्वेस्टमेंट करने के नाम पर लोगों से लाखों की धोखाधड़ी की जा रही है, आज साइबर क्राइम टीम को टास्क/इनवेस्टमेंट कराने के नाम पर लाखों की साइबर धोखाधडी करने वाले गैंग के सरगना सहित 04 अन्तर्राज्यीय साइबर अपराधी गिरफ्तार करने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है
बता दे की अजय कुमार श्रीवास्तव, पुत्र स्व. विश्वनाथ प्रसाद श्रीवास्तव, निवासी तुलसीपुर महमूरगंज, वाराणसी के द्वारा साइबर क्राइम थाना कमिश्ररेट वाराणसी पर इस आशय से प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया गया कि उनके साथ साइबर अपराधियों द्वारा निवेश का शिक्षा और प्रशिक्षण के उद्देश्य से BRP देसाई व्हाट्सएप नंबर पर संपर्क में आकर संस्थागत निवेश प्राधिकरण के अंतर्गत आने को बताकर शेयर बाजार में निवेश कराने के नाम पर वेवसाइट : https://www.brp-fund.com और https://brp-fund.vip के माध्यम से कुल 27,25,000/- रूपये का धोखाधड़ी कर ली गयी है जिस पर थाना स्थानीय पर मुकदमा धारा 318(4) बीएनएस व 66 डी आईटी एक्ट पंजीकृत किया गया, जिसकी विवेचना प्रचलित है।
उक्त प्रकरण के दृष्टिगत पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट वाराणसी मोहित अग्रवाल व पुलिस उपायुक्त अपराध प्रमोद कुमार के निर्देशन में तथा अपर पुलिस उपायुक्त सरवणन टी. एवं सहायक पुलिस आयुक्त गौरव कुमार के नेतृत्व मे उक्त प्रकरण मे संलिप्त साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी व बरामदगी हेतु एक टीम का गठन किया गया । टीम द्वारा मुकदमा उपरोक्त की घटना मे प्रयुक्त वेबसाइट, टेलीग्राम खातों मोबाइल नम्बरों तथा बैंक खातों के गहन विष्लेषण तथा इलेक्ट्रानिक सर्विलांस व डिजिटल फूटप्रिंट आदि के आधार पर सूरतगढ़, श्रीगगानगर, राजस्थान से उक्त गैंग के सरगना सहित 04 अन्तर्राज्यीय साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया जिनके कब्जे से मोबाइल, एटीएम, चेकबुक, सिमकार्ड तथा नकदी आदि बरामद की गयी है।
अपराध करने का तरीका-
अभियुक्तगण द्वारा ब्राण्डेड कम्पनियों के ओरिजिनल बेवसाइट से मिलती जुलती फर्जी वेबसाइट बनायी जाती है उसके बाद बल्क एसएमएस फीचर का प्रयोंग करते हुए एक साथ हजारो लोगो को पार्ट टाइम जाब/इनवेस्टमेट आदि मे अच्छा लाभ कमाने का प्रलोभन दिया जाता है जब कोई व्यक्ति इनके झांसे मे आता है तो यह उसको छोटी छोटी धनराशि उसके खातों मे क्रेडिट कर बडा धन कमाने का लालच दे देते है इसके बाद यह लोग लोगो को इनके बनाये गये वेबसाइट तथा टेलीग्राम ग्रुप मे जोडते है जहा पर इनके ही सिन्डीकेट्स के द्वारा बडी धनराशि का स्क्रीनशाट भेजा जाता है जिससे लोग लालच मे आकर पूर्णतः इनके झांसे मे आ जाते है इसके बाद इनके द्वारा इन्वेस्टमेंट से सम्बन्धित तमाम प्लान बताते हुए तथाकथित कम्पनी के बैंक खातों मे पैसे डलवा लिए जाते है। यह पैसा उस कम्पनी के फर्जी बेबसाइट पर यूजर के एकाउन्ट में दिखता है तथा इनवेस्टमेंट का लाभ भी दुगुना तिगुना दिखता है जिससे लोग और भी विश्वास मे आकर बडी रकम इन्वेस्ट करते जाते है बाद मे जब लोग अपना पैसा निकालना चाहते है तो पैसा निकलता ही नही है क्योंकि यह पैसा साइबर अपराधियों द्वारा लोगो केा अपने झांसे मे लेने के लिए फ्लैश एमाउन्ट दिखाया जाता है जोकि वास्तव में होता ही नही है। उक्त सारा कृत्य इन साइबर अपराधियों द्वारा वर्चुअल मशीन के माध्यम से विदेशो के आईपी एड्रेस जैसे चाइना, सिंगापुर, थाईलैण्ड, कम्बोडिया व दुबई आदि द्वारा किया जाता है जिससे इनकी पहचान छुपी रहे और पुलिस की पहॅुच से दूर रहे। इस प्रकार प्राप्त सभी पैसों को इनके द्वारा एपीआई/कार्पोरेट बैंकिग मे बल्क ट्रान्सफर के माध्यम से सेकेण्ड के अन्दर ही फर्जी गेंमिग एप के हजारो यूजरो के बैक खातों व अपने अन्य सिन्डीकेट के खातो मे भेज दिया जाता है तथा विभिन्न माध्यमों से निकलवा लिया जाता है तरीका इस प्रकार है – साइबर फ्राड टेलीग्राम के माध्यम से खाता प्रोवाइडर AGENT, CO–OPERATE खाता चलाने वाला AGENT व एकाउंट बेचने वाले खाताधारक को सर्च करता है, फिर खाताधारक/खाता प्रोवाइडर AGENT से खाता का पूरा KIT व SIM मंगवा लेता है और खाता धारक या खाता प्रोवाइडर AGENT के मोबाइल में PAYX, OTP FARWARDER, ONE DATA, KING COINE , PUSH BULLET , TELEGRAM SMS को API INSTALL करा दिया जाता है जो SMS व CONTACT LIST को READ कर लेता है और ओटीपी सीधे खाता चलाने वाला के पास चला जाता है और खाता चलाने वाला पहले से जुड़े विभिन्न खातों में पैसा ट्रांसफर कर देता है और अपने पैसा निकालने वाले AGENT के माध्यम से पैसा निकलवा लिया जाता है और उक्त लोगों के द्वारा 2 से 8% तक अपना कमीशन लेकर साइबर अपराध को अंजाम देते है। खाता चलाने वाला व्यक्ति दूबई, कनाडा, इण्डोनेसिया, संयुक्त अरब अमीरात आदि देशों में भी रहकर साइबर अपराध को अंजाम देते है।
गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम का विवरण- साइबर क्राइम प्रभारी निरीक्षक विजय नारायण मिश्र, नि0 राकेश कुमार गौतम, नि0 राज किशोर पाण्डेय, नि0 अनीता सिंह, उ0नि0 नीलम सिंह, उ0नि0 संजीव कुमार कन्नौजिया, उ0नि0 सतीश सिंह, हे0का0 श्याम लाल गुप्ता शामिल थे|