• म्हाडा के अधिकारी रोहित शिंदे ने दैनिक संसद वाणी एवं दैनिक वशिष्ठ वाणी समाचार पत्र के संवाददाता से की बात..
• जो वाहन 40 दिन बाद भी बाहर नहीं हुआ क्या वह कल हो पाएगा..?
• क्या फेडरेशन और मालवणी स्वप्नपूर्ति के अध्यक्ष भगत अपनी ऑटो रिक्शा बाहर निकालेंगे..?
• क्या कल यानी ४ अप्रैल को म्हाडा के अधिकारी रोहित शिंदे द्वारा फेडरेशन के बोर्ड, और सीमेंट से बनी चादर को तोड़ा जाएगा..?
मुम्बई/वशिष्ठ वाणी: सामना नगर मालवाणी गेट नं 8 पर फेडरेशन के अध्यक्ष और सचिव द्वारा कई सारे अवैध निर्माण और कार्य किया गया है, इस विषय पर आज दिनांक 03 अप्रैल 2025 को हमारी मीडिया ने म्हाडा के अधिकारी रोहित शिंदे से बात किया और सवाल पूछा कि अवैध निर्माण के सारे सबूत आपको दिया गया है फिर अवैध निर्माण पर बुलडोजर क्यों नहीं चलाया गया..? सवाल का जवाब देते हुए म्हाडा के अधिकारी रोहित शिंदे ने कहा कि वह अभी वह अन्य कार्य में व्यस्त थे, और कल वह सामना नगर खुद जाकर जांच करेंगे।

अब सवाल यह भी है कि म्हाडा के अधिकारी रोहित शिंदे ने 5 दिन पहले अपने टीम भेज कर सभी वाहन बाहर और फेडरेशन के बोर्ड को हटाने का निर्देश दिया गया था, पर 5 दिन बाद भी फेडरेशन के अध्यक्ष ने कुछ नहीं किया ना ही फेडरेशन का बोर्ड हटाया, ना सभी ऑटो रिक्शा बाहर किए, अब यह सब से यही लगता है कि फेडरेशन के अध्यक्ष को यह पता है कि म्हाडा से अधिकारी आएंगे और चेतावनी देकर चले जाएंगे, इसलिए वह म्हाडा के चेतावनी को गम्भीरता से नहीं लेते है।

अब कल दिनांक 04 अप्रैल 2025 को देखना है कि म्हाडा के अधिकारी रोहित शिंदे द्वारा अवैध निर्माण पर बुलडोजर का प्रयोग किया जाता है, या वह भी कल चेतावनी देकर चले जाएंगे..? अब यह तो कल ही पता चल पाएगा।

आपको बता दें कि फेडरेशन के अध्यक्ष ने काफी सारे अवैध निर्माण किया है जैसे बिना अनुमति के सीमेंट से बनी चादर का निर्माण, बिना अनुमति के म्हाडा के खुली जगह पर सीमेंट से बनी चादर का निर्माण, अपनी ऑटो रिक्शा पार्क करने के लिए बिल्डिंग १डी में सीमेंट से बनी चादर का निर्माण कर दिया है।

आपको बता दें कि फेडरेशन और मालवणी स्वप्नपूर्ति सोसायटी के अध्यक्ष ने अडानी इलेक्ट्रिसिटी के मेन दरवाजा पर पार्किंग के लिए पिला पट्टी लगवा कर सभी रूम मालिकों का रूम नं लिख कर उन्हें जारी कर दिया है। और यह सब म्हाडा अधिकारियों के नाक के नीचे हो रहा है, और म्हाडा के अधिकारी बैठ कर सिर्फ और सिर्फ तमाशा देख रहे हैं।
